शनिवार, 9 सितंबर 2017

जेपीसी को सौंपा वित्तीय संकल्प और जमा बीमा विधेयक


सरकार का संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की योजना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने वित्तीय संकल्प और जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक को भाजपा सांसद भूपेन्द्र यादव की अध्यक्ष में गठित की गई संयुक्त संसदीय समिति को सौंप दिया है, जो जांच-पड़ताल करके अपनी रिपोर्ट देगी। सरकार का प्रयास है कि इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित करा ल लिया जाए।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने देश के बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं में दिवालियापन की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक समाधान के लिए किये गये प्रावाधान वाले वित्तीय संकल्प और जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक को पिछले मानसून सत्र के दौरान अपने एजेंडे रखा था, लेकिन विपक्ष ने इसके मसौदे पर ऐतराज करते हुए इसे संयुक्त संसदीय समिति के सुपुर्द करने की मांग की थी और इसे पेश नहीं किया जा सका था। इसके लिए संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को शामिल करते हुए जेपीसी का गठन किया और शुक्रवार को इस विधेयक को जांच पड़ताल के लिए समिति के हवाले कर दिया। समिति से अपेक्षा की गई है कि इस विधेयक का अध्ययन करके जल्द रिपोर्ट सौंप दी जाएगी, ताकि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसे पास करने के लिए पेश किया जा सके।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
मंत्रालय के अनुसार यह विधेयक संकट के समय वित्तीय सेवा प्रदाताओं की कुछ श्रेणियों के समाधान के लिए प्रदान करेगा। इसमें वित्तीय सेवाओं के कुछ श्रेणियों के उपभोक्ताओं को जमा बीमा, प्रणालीगत महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों का नाम, वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और लचीलापन सुनिश्चित करने हेतु निर्दिष्ट सेवा प्रदाताओं और सार्वजनिक निधियों के उपभोक्ताओं की सुरक्षा प्रदान करेगा। वहीं इसमें किये गये कानूनी प्रावाधानों के तहत एक संकल्प निगम की स्थापना और उनसे संबंधित मामलों के साथ प्रासंगिक मामलों में दिवालिएपन और दिवालियापन संहिता के साथ प्रस्तावित कानून 2016 तक अर्थव्यवस्था के लिए व्यापक संकल्प तंत्र प्रदान करने को नई दिशा देगा।
समिति ने मांगे सुझाव
संयुक्त संसदीय समिति ने इस विधेयक के प्रावधानों पर बड़े पैमाने पर विभिन्न हितधारकों और जनता से विचार और सुझाव प्राप्त करने का निर्णय लिया है। मसलन 'वित्तीय संकल्प और जमा बीमा विधेयक-2017' के बारे में समिति को कोई भी हित धारक या अन्य नागरिक अपने विचार और सुझावों की दो प्रतियां लोकसभा सचिवालय (सीबी-आई और जेसी) के  निदेशक को भेज सकता है। इस विधेयक के मसौदे कोलोकसभा वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
09Sep-2017

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