गुरुवार, 28 सितंबर 2017

'अंब्रेला स्कीम' के जरिए होगा पुलिस आधुनिकीकरण



केंद्र सरकार ने दी 25,060 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में आतंरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में केंद्र सरकार देशभर में 'अंब्रेला स्कीम' के तहत पुलिस के आधुनिकरण करेगी, जिसके लिए सरकार ने इस योजना के तहत राज्यों के साथ मिलकर 25,060 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। इस योजना में खर्च होने वाली धनराशि में केंद्र का 80 फीसदी और राज्यों को 20 फीसदी हिस्सा होगा।                         
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए मंत्रालय की 'अंब्रेला स्कीम' को मंजूरी दी गई है, जिसमें देशभर में अगले तीन सालों के दौरान 25060 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। इस अनुमानित बजट में केंद्र की 18636 करोड़ रुपये तथा राज्यों की 6424 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी तय की गई है। गृहमंत्री सिंह ने जानकारी दी कि इस स्कीम के तहत आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, हथियारों की खरीद, पुलिस बलों की गतिशीलता, पुलिस वायरलेस का उन्नयन, राष्‍ट्रीय स्‍टेलाइट नेटवर्क, सीसीटीएनएस परियोजना और हेलिकॉप्टरों का भाड़े का खर्चा वहन किया जाएगा। इस योजना के तहत जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए 11,300 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
वामपंथी उग्रवाद पर फोकस
गृहमंत्रालय के सूत्रों ने मंजूर की गई 'अंब्रेला स्कीम' में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 35 जिलों को इस बजट के अलावा तीन हजार करोड़ रुपये की विशेष केन्‍द्रीय सहायता (एससीए) का प्रावधान भी किया गया है। इससे वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्‍यों द्वारा सुरक्षा तथा विकास गतिविधियों के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों से वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में पुलिस इंफ्रास्टक्चर अपग्रेडिंग ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट इनवेस्‍टग्रेडिंग फेसेलेटिज़ के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। गृहमंत्री राजनाथ का मानना है कि  इस योजना के कार्यान्वयन से उग्रवाद द्वारा प्रभावित क्षेत्रों, जम्‍मू-कश्‍मीर और पूर्वोत्त्र क्षेत्रों जैसे विभिन्न राज्‍यों में चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने में सरकार को मदद मिलेगी और जीवन की गुणवत्‍ता में सुधार लाने के लिए विकास में आने वाले अवरोधों से पार पाया जा सकेगा और उसके साथ ही चुनौतियों से प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त इस अम्‍ब्रेला योजना के तहत अमरावती, आंध्र प्रदेश में एक नई अत्‍याधुनिक विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्‍थापना और जयपुर में सरदार पटेल वैश्‍विक सुरक्षा केन्‍द्र का उन्ययन, आतंकवाद निरोधी एवं आतंकवादी गतिविधि रोकथाम केन्‍द्र और गांधीनगर, गुजरात में विधि विज्ञान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना का भी प्रावधान है।

मजबूत होंगे फोरेसिंग संस्थान
मंत्रालय के अनुसार फोरेसिंग विज्ञान प्रयोगशालाएं और संस्‍थानों में उपलब्ध उपकरणों समेत पुलिस इंफ्राटक्चर के आधुनिकीकरण हेतु राज्यों में विशेष परियोजनाओं और कार्यक्रमों की शुरूआत की गई है। इसका मकसद आपराधिक न्याय प्रणाली की खामियों को दूर करना है। मंत्रालय ने आपराधिक न्याय प्रणाली में मौलिक सुधार लाने के मकसद से पुलिस थानों को आपस में जोड़कर अपराध एवं अपराधियों के रिकॉर्ड का राष्‍ट्रीय डेटाबेस स्‍थापित करने के लिए पहले ही दिशानिर्देश दिये हैं, आपराधिक रिकार्ड के एकीकृत डेटाबेस योजना के दायरे में न्‍यायालय कारागार, फारेसिंग विज्ञान प्रयोगशालाएं तथा अभियोजन कार्यालय भी शामिल किये गये हैं। योजना के तहत अमरावती, आंध्र प्रदेश में एक नई अत्‍याधुनिक विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्‍थापना और जयपुर में सरदार पटेल वैश्‍विक सुरक्षा केन्‍द्र का उन्ययन, आतंकवाद निरोधी एवं आतंकवादी गतिविधि रोकथाम केन्‍द्र और गांधीनगर, गुजरात में विधि विज्ञान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना का भी प्रावधान है।
28Sep-2017

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