गुरुवार, 14 जनवरी 2021

केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम व्यापक बदलाव

ाहन नियमों को आसानी से समझने की दिशा में 20 भाषाओं में तैयार हुआ सीएमवीए हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में सड़क सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देते हुए नए मोटर वाहन कानून में सख्त प्रावधान किये हैं और इसी कानून के आधार पर वाहनों के के लिए वाहनों के पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में व्यापक बदलाव भी किये हैं। सरकार ने अधिनियम का क्षेत्रीय भाषाओं समेत 20 भाषाओं में अनुवाद तैयार किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार अभी तक केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध था, जिसमें सड़क सुरक्षा के मद्देनजर किये गये व्यापक बदलाव को आसानी से समझने के लिए मंत्राललय इसे 20 आधिकारिक भाषाओं में तैयार किया है। जहां तक सीएमवीए में किये गये संशोधनों का सवाल है उसमें देश में लागू हो चुके नए सड़क सुरक्षा एवं मोटर कानून के आधार पर अधिनयमों में भी इस प्रकार से बदलाव किया गया है, जिसमें वाहन मालिकों के लिए वाहन का पंजीकरण या ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और उसके नवीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। मंत्रालय के सूत्रों की माने तो सड़क सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। वहीं सड़क हादसों और उसके दौरान होने वाली असामयिक मौतों पर अंकुश लगाने की दिशा में नए कानून के प्रावधानों को यातायात और वाहन संबंधी अपराधों के लिए सख्त करते हुए दंड राशि में इजाफा किया गया है। ----पहली बार एक माह का मनेगा सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम---- मंत्रालय के अनुसार हर साल 18 जनवरी से सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है, लेकिन मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा और मोटर वाहन नियमों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम में भी बदलाव करने का ऐलान किया है। मसलन इस साल आगामी 18 जनवरी से व्यापक स्तर पर सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम एक माह तक आयोजित किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम में बदलाव की घोषणा करने से पहले स्वयं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ऐसे कार्यक्रमों में भागीदार गैर सरकारी संगठनों और निजी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की, जिसमें इस कार्यक्रम को व्यापक बनाने का फैसला लिया गया। ---------------------------- मोटर नियमों में बदलाव से दस्तावेज बनवाना हुआ आसान आमतौर पर ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने को टेढ़ी खीर माना जाता रहा है। डीएल बनवाने के लिए सरकारी विभाग के कई चक्कर लगाने और इसके लिए कई फॉर्म को भरने की सोचकर आवेदक का जोश ठंडा पड़ जाता है और वह परेशानी से बचने के लिए आरटीओ दफ्तर में किसी दलाल को पकड़ता है। लोगों की परेशानी को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन नियम 1989 में कुछ संशोधन किए जिसके बाद अब डीएल बनवाना आसान हो गया है। डीएल बनाने के लिए अब ज्यादा कागजातों की आवश्यकता नहीं होती। आवेदक सिर्फ आधार कार्ड के जरिए ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं। ------सरकार ने क्या बदलाव किया---- आधार कार्ड प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह केवल एक दस्तावेज ही नहीं है, बल्कि पहचान पत्र है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आधार को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं, जिन्हें लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इसके अनुसार अब आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डाटा का इस्तेमाल नागरिकों को कुछ ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए किया जा सकेगा। इनमें लर्निंग लाइसेंस बनवाना, ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करवाना, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाना और इन दस्तावेजों में पता बदलना शामिल है। -----आपको कैसे होगा फायदा?---- दरअसल सड़क यातायात मंत्रालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को आग्रह किया था कि ड्राइविंग लाइसेंस व गाड़ी के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ऑनलाइन सेवाओं को आधार के दायरे में लाया जाए। इससे फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य दस्तावेजों के फर्जीवाड़ों को रोकने में मदद मिलेगी और लोगों को बिना ऑफिस जाए ही सुविधाएं मिल सकेंगी। इस संदर्भ में एक सूत्र ने कहा कि अगर कोई ऑनलाइन सेवाएं लेना चाहता है, तो उसके लिए आधार ऑथेंटिकेशन बेहतर रहेगा। आईटीआर फाइल करने के लिए भी ऑनलाइन वेरिफिकेशन की प्रक्रिया आधार आईडी से करना सबसे लोकप्रिय रही है। मालूम हो कि साल 2018 में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने डीएल के आवेदन के लिए आधार को आईडी प्रूफ के तौर पर अनिवार्य कर दिया था, जिसे बाद में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ड्रॉप कर दिया गया। तब न्यायालय ने कहा था कि सरकारी लाभकारी योजनाओं के अतिरिक्त किसी भी सेवा में आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता है। व-----ाहन में कागजात रखने से भी मिली छूट---- दूसरा सबसे बड़ा बदलाव ये है कि अब आप अपने वाहन से संबंधित दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट्स जैसे कागजात इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म या डिजीलॉकर में रख सकेंगे। साथ ही उन्हें सबूत के तौर पर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को दिखाया जा सकेगा। संशोधन में कहा गया है कि यदि अधिकारी डिजीलॉकर में सुरक्षित दस्तावेजों को सत्यापित करने में सक्षम है, तो लोगों को कागजातों की फिजिकल कॉपी रखने की जरूरत नहीं होगी। 10Jan-2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें