गुरुवार, 28 जनवरी 2021

छत्तीसगढ़ राज्य में खुलेंगे 10 ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र

ट्राईफेड ने राज्य में जनजातीय विकास कार्यक्रमों की प्रगति की जांच-पड़ताल हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में जनजातीय समुदाय के कारीगरों व दस्तकारों की आमदनी बढ़ाने के लिए ट्राईफेड द्वारा कई जनजातीय विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ राज्य में जनजातीय विकास कार्यक्रमों की प्रगति की वास्तविक स्थिति की जांच पड़ताल करने के बाद राज्य में दस ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र खोलने की योजना पर विचार किया जा रहा है। वहीं अगले वित्त वर्ष में वन धन विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 231, हाट बाजारों की संख्या 370, गोदामों की संख्या 74 और तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या 13 करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने ट्राईफेड अधिकारियों के एक दल के साथ हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य का दौरा करके वहां जनजातीय विकास कार्यक्रमों की प्रगति की वास्तविक स्थिति पर चर्चा जमीनी वास्तविकताओं का जायजा लिया और जनजातीय विकास के विभिन्न पहलुओं पर राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक कर गहन चर्चा की। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में संचालित नई जनजातीय विकास योजनाओं की प्रगति की निगरानी करने और भविष्य की कार्यवाही के लिए प्वाइंट तैयार करने के लिए छत्तीसगढ़ की संचालन समिति को दिशानिर्देश दिये गये हैं। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा जनजातीय समुदाय की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों जैसे लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना, वन धन योजना, और जनजातीय समुदाय के ईएसडीपी प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत की गई प्रगति पर चर्चा करते हुए ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा पिछले कुछ वर्षों में लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के तहत के किए गए प्रदर्शन की सराहना की और वन धन चरण-2 मॉडल में विभिन्न नए ट्राईफेड कार्यक्रमों की योजना के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के जनजातीय समुदाय को लाभ प्रदान करने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, एकाग्रचित्त विपणन और सामरिक ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से प्रकाश डाला कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में अभी भी आजीविका सृजन गतिविधियों के विस्तार की एक बड़ी गुंजाइश विद्यमान है। व्यापक योजना और चर्चा के आधार पर अगले वित्त वर्ष में वन धन विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 231, हाट बाजारों की संख्या 370, गोदामों की संख्या 74 और तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या 13 करने का निर्णय लिया गया है। ----जगदलपुर में ट्राईफूड इकाई का काम जारी--- मंत्रालय के अनुसार फिलहाल जगदलपुर में स्थापित की जा रही ट्राईफूड इकाई पर जोरशोर से काम चल रहा है। लघु वनोपज (एमएफपी) कटाई की व्यस्ततम अवधि के दौरान छत्तीसगढ़ में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जहां इस चैंपियन राज्य द्वारा अपनाई गई कार्य प्रक्रियाओं और प्रणालियों को अन्य राज्यों के अधिकारियों के समक्ष उनके द्वारा अनुकरण करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इस दौरान यह सिफारिश की गई है कि छत्तीसगढ़ राज्य, जिला खनिज निधि (डीएमएफ) और अनुच्छेद 275(1) के तहत उपलब्ध धनराशि का 10 प्रतिशत ट्राईफूड इकाइयों के माध्यम से उद्यमशीलता विकास और जनजातीय आजीविका विकसित करने के लिए आवंटित करने पर विचार कर सकता है। 25 जनजातीय समूहों की पहचान की जानी है ताकि उन्हें स्फूर्ति योजना के तहत संस्थाओं के रूप में विकसित किया जा सके। राज्य में 10 ट्राईफूड इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव है और इसके लिए स्थापन स्थलों की पहचान की जानी हैयह भी सिफारिश की गई कि राज्य द्वारा लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के तहत लघु वनोपजों (एमएफपी) की सूची में 15 अन्य वस्तुओं को शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। इसके अलावा जनजातीय हथकरघा, हस्तकला और प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने पर गंभीर चर्चा हुई। इसके लिए ट्राईफेड सभी राज्य संघों के साथ मिलकर गठजोड बना रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में 10 ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र खोलने पर भी विचार किया जा रहा है, जिनमें से दो ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्रों का शुभारंभ इस दौरे के दौरान ही कर दिया गया था। 15Jan-2021

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