सोमवार, 4 जनवरी 2021

घर से काम यानि वर्क फ्रॉम होम पर लागू होंगे नए नियम

विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के लिए मॉडल स्थायी आदेश का मसौदा जारी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में वैश्विक कोरोना महामारी के संकट में देश में ही नहीं दुनियाभर में सेवा क्षेत्रों के लिए वर्क फ्राम होम यानि घर से काम करने का विकल्प अपनाया गया जा रहा है। जबकि अभी तक संक्रमण का खतरा बना हुआ है, तो केंद्र सरकार ने विनिर्माण, खनन, सेवा क्षेत्र के मॉडल स्थायी आदेश के मसौदे में वर्क फ्रॉम होम की अवधारणा को औपचारिक रूप देने का निर्णय लिया है। इसके लिए औद्योगिक संबंध संहिता के तहत मॉडल स्थायी आदेश का एक मसौदा जारी करते हुए सरकार ने आम लोगों के सुझाव और टिप्पणियां मांगी है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय ने विनिर्माण, खनन क्षेत्र और सेवा क्षेत्र की जरूरतों के मद्देनजर पहली बार सेवा क्षेत्र के लिए एक अलग स्थायी आदेश मॉडल तैयार किया है। औद्योगिक संबंध संहिता-2020 की धारा 29 के अनुसार खासकर सेवा क्षेत्र के लिए जारी इस मॉडल स्थायी आदेश में घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम की अवधारणा को औपचारिक रूप दिया गया है। इस मसौदे के अनुसार आईटी क्षेत्र के मामले में काम के घंटे नियोक्ता और कर्मचारी के बीच नियुक्ति की शर्तों के अनुसार लागू होंगे। वहीं खनन क्षेत्र के सभी श्रमिकों को रेल यात्रा सुविधा का विस्तार किया गया है, जो अभी तक यह सुविधा सिर्फ कोयला खानों के श्रमिकों को मिलती है। मंत्रालय के अनुसार तीनों मॉडल स्थायी आदेशों में एकरूपता कायम रखी गई है। हालांकि क्षेत्र विशेष की जरूरतों के मुताबिक कुछ लचीलापन भी उपलब्ध होगा। श्रम मंत्रालय के ‘वर्क फ्रॉम होम’ मसौदे में सर्विस सेक्टर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पहली बार अलग मॉडल बनाया गया है। इस नए मॉडल में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किए जा सकेंगे। इसमें आईटी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। मसौदे के अनुसार इस नए नियम से आईटी सेक्टर के कर्मचारियों को काम के घंटों जैसी कई छूट और सुविधाएं दी जा सकेंगी। इसी के साथ इस नए ड्राफ्ट में खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए रेल यात्रा की सुविधाओं का भी प्रावधान किया गया है। जबकि इससे पहले यह सुविधा केवल कोयला खनन क्षेत्र के कर्मचारियों को ही दी गई थी। वहीं कदाचार के दोषी या अनुशासन तोड़ने वालों के लिए इस मसौदे में सजा के नियम भी बनाए जा सकते हैं। ---सेवा क्षेत्र में सामंजस्य बनेगा: गंगवार--- केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने इस मसौदे को लेकर कहा कि इन मॉडल स्थायी आदेशों से देश में उद्योग में सामंजस्य की स्थिति बनेगी। इनका मकसद सेवा से संबंधित मसलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से औपचारिक रूप देना है। तीनों मॉडल स्थायी आदेश नियोक्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अपने कर्मचारियों को सूचना देने को सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करते हैं। गंगवार का कहना है कि इस नए मॉडल आदेश के तहत कर्मचारियों को घर से काम करने के विकल्प को चुनने का मौका दिया जा सकेगा। हालांकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कर्मचारियों को राहत देने के लिए देश की ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी हुई है। इसके तहत कर्मचारी अपना कार्यालय का काम घर से ही कर रहे हैं। इन नियम को लागू करने का मकसद इस ‘वर्क फ्रॉम होम’ अवधारणा को औपचारिक रूप देने के लिए ऐसे नियम को लागू करना है, सेवा क्षेत्र में कर्मचाचरियों को वर्क फ्रॉम होम का विकल्प चुनने का मौका मिल सके। 03Jan-2021

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