गुरुवार, 28 जनवरी 2021

संसद में एक फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट

राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ 29 जनवरी से शुरू होगा संसद का बजट सत्र हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से शीतकालीन सत्र के बिना अब सीधे 29 जनवरी से बजट सत्र शुरू होगा, जिसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने अंतिम मुहर लगा दी है। मसलन राष्ट्रपति अभिभाषण से के साथ शुरू होने वाले संसद में एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेगी। संसद के बजट सत्र आयोजित करने की पुष्टि करते हुए लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 29 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होगा और सत्र के दौरान एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया जाएगा। राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की इस सत्र के लिए की गई सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने अंतिम रूप दे दिया है। लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद का यह बजट सत्र दो चरणों में आयोजित होगा। इसमें पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक आयोजित होगा। बजट सत्र के पहले चरण की शुरूआत 29 जनवरी को होगी, जिसमें 29 जनवरी को केंद्रीय कक्ष में पूर्वाह्न 11 बजे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे पेश किया जायेगा। लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद की स्थायी समिति को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदान की मांगों पर विचार करना सुगम बनाने के लिये 15 फरवरी को सत्र का पहला चरण स्थगित कर दिया जायेगा। संसद के बजट सत्र के दौरान कोविड-19 से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया गया था। सरकार ने कहा था कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया गया। यह भी गौरतलब है कि पिछले साल बजट सत्र को कोरोना महामारी के कारण पहले भाग के निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दिया गया था और दूसरा भाग नहीं हो सका था। ----प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य-- सूत्रों के अनुसार संसद के बजट सत्र में कोरोना संकट के कारण सुरक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अलावा दोनों द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन करना उसी तरह अनिवार्य किया जा रहा है, जिस प्रकार की व्यवस्था मानसून सत्र के दौरान लागू की गई थी। बताया जा रहा है कि इस सत्र के दौरान भी पीएम कैबिनेट, सभी सांसदों, संसदीय और मंत्रालय के अधिकारियों व कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों को कोरोना टेस्ट कराए बिना संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए प्रवेश नहीं मिलेगा। संसद के मानसून सत्र के लिए दोनों सदनों में सीटों के बीच कोरोना संक्रमण के रोधी फाइबर बिछाने की व्यवस्था की जा रही है। फिर भी सामाजिक दूरी जैसे कोरोना महामारी के उपायों का पालन करना जरुरी होगा। सांसदों की उपस्थिति के लिए मोबाईल एप ‘अटेन्डेंस रिजस्टर’ तैयार किया गया है। ----ऐसे बदलाव में हुआ था मानसून सत्र--- वैश्विक कोरोना महामारी संकट की वजह से संसद के मानसून सत्र को पिछले साल 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक संसद के इतिहास में पहली बार खास बदलाव यानि कोरोना महामारी के विशेष प्रोटोकॉल की व्यवस्थाओं के बीच आयोजित किया गया था, लेकिन तय समय से 23 सितंबर को ही दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करके महज एक औपचारिकता पूरी की गई थी। हालांकि औपचारिकता कहना भी कई मायनों में ठीक नहीं, क्योंकि इस दौरान संसद में अध्यादेशों समेत 25 विधेयक पारित करने के अलावा आवश्यक सरकारी कामकाज का निपटान तक किया गया। हालांकि संसद सत्र के नियमों के मद्देनजर कोविड-19 के कारण तय सीमा से पहले ही जरुरी कामकाज निपटाने के बाद समाप्त कर दिया गया था। 16Jan-2021

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