गुरुवार, 7 जनवरी 2021

नए माल गलियारे पर छह दिन में चलाई 53 गाडि़यां

देश में पहली बार 90 किमी प्रति घंटा से तेज गति से दौड़ी मालगाड़ियां पीएम मोदी ने 29 दिसंबर को ईस्टिर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एक हिस्से का उद्घाटन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की मालगाड़ियों के परिचालन के लिए अलग से ट्रैक मुहैया कराने की दिशा में चलाए जा रहे सबसे बड़ी रेल परियोजना के तहत समर्पित माल गलियारे यानि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के यूपी में न्यू खुर्जा-न्यू भाउपुर रेल खंड पर छह दिन के भीतर माल लदान के बाद 53 रेलगाड़ियां दौड़ाई गई। यही नहीं शायद यह पहला मौका है जब मालगाड़ियां अधिकतम सर्वश्रेष्ठ 93.70 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ी हो। रेल मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में भारतीय रेलवे की डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना मील का पत्थर साबित होगी, जिसमें भारतीय रेलवे की आमदनी के साथ किसानों, व्यापारियों और आम लोगों को भी उत्पादों के परिवहन के लिए बेहतर साधन मुहैया होगा। मंत्रालय के अनुसार ऐसे संकेत स्पष्ट होते नजर आ रहे हैं, जब ईस्टवर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के हाल में आरंभ न्यू खुर्जा-न्यू भाउपुर खंड पर 90 किमी प्रति घंटे से ऊपर की स्पी‍ड प्राप्त करना शुरू कर दिया है। इससे साफ है कि तेज गति के कारण उत्पाद जैसे कई तरह के माल की आवाजाही जल्द से जल्द होगी और मालगाड़ियों में लदा हुआ माल यानि कोई उत्पाद खराब भी नहीं होगा। खासबात यह होगी कि इस परियोजना के तहत माल ढुलाई की लागत को भी कम करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 दिसंबर यानि छह दिन पहले ही ईस्टकर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 351 किलोमीटर लम्बे् न्यूद खुर्जा-न्यू भाउपुर खंड का उद्घाटन किया था। पहले दिन इस ट्रेक पर कोयले और अनाज से लदी दो मालडियों को चलाया गया था। उसके बाद तीन जनवरी यानि छह दिन के भीतर इस नए माल गलियारे की पटरी पर 90 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से माल लदान के साथ 53 मालगाड़ियों को चलाया गया है, जो रेलवे के मालभाड़ा क्षेत्र के लिए सकरात्मक संकेत हैं। इस 351 किलोमीटर लंबे समर्पित माल गलियारे पर चलाई गई 53 मालगाड़ियों में डाउन डायरेक्शन में 32 ट्रेने न्यू खुर्जा-न्यू भाउपुर के बीच अधिकतम 93.70 किमी प्रति घंटा की गति से तथा 21 ट्रेने अप डायरेक्शन में 85.98 किमी प्रति घंटा की गति से चलाई गई हैं। ---इन उत्पादों का हुआ लदान-- रेलवे के अनुसार इस नए खंड के शुरू होने पर इन मालगाड़ियों में कोयला, जूट, पेट्रोलियम, कंटेनर, लोहा और इस्पात और अन्य खनिज जैसी प्राथमिक सामानों का लदान किया गया, जो एनसीआर, पंजाब और हरियाणा क्षेत्र की ओर बढ़ रही हैं, जबकि पंजाब और हरियाणा क्षेत्र से चावल, गेहूं और खाद्यान्न उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, कोयला लोड करने योग्य खाली वैगन आदि पूर्वी भारत की ओर बढ़ रहे हैं। रेलवे ने बताया कि इस गलियारे को शुरू करने के दौरान दो मालगाड़ियों न्यू, खुर्जा और न्यूक भाउपुर के बीच लुधियाना, पंजाब के मुल्लानपुर और फरीदकोट से खाद्यान्न से लदी 9400 ग्रॉस टन ट्रेन और डीएफसी नेटवर्क के न्यूल भाउपुर और न्यूऔ खुर्जा के बीच च्रूरी साइडिंग रे, रांची, झारखंड और दुधिचुआ घाट पर बगल की रेल लाइन, सिंगरौली, मध्य प्रदेश से बिजलीघर के कोयले से लदी 1.5 किमी. लांग हॉल 10,420 ग्रॉस टन ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। माल उतारने के बाद वापसी पर उपरोक्त रेक ने डीएफसी पर 90 किमी प्रति घंटे की गति हासिल की। ---पहले चरण में दो परियोजनाओं पर काम--- रेल मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस परियोजना के तहत पहले चरण में डीएफसीसीआईएल 1504 रूट किमी लंबे पश्चिमी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और 1856 किमी लंबे ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर काम कर रहा है, जिसमें से न्यूि खुर्जा और न्यू भाउपुर के बीच 351 किलोमीटर खंड को शुरू किया गया है। इसके बाद सोननगर-दनकुनी सेक्शन का पीपीपी खंड शामिल है का निर्माण जल्द पूरा होगा। यह ईडीएफसी लुधियाना (पंजाब) के पास साहनेवाल से शुरू होकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के राज्यों से होकर गुजरते हुए पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होगी। जबकि उत्तर प्रदेश में दादरी को मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) से जोड़ने वाला पश्चिमी गलियारा डब्यूांच डीएफसी के उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से होकर गुजरेगा और ईडीएफसी (सोननगर-दनकुनी पीपीपी खंड को छोड़कर) यानी 2800 रूट किमी. जून 2022 तक चालू हो जाएगा। 05Jan-2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें