शनिवार, 30 जनवरी 2021

आदिवासी स्कूली बच्चों के लिए छह लाख मीटर खादी कपड़ा देगा केवीआईसी

खादी और ग्रामोद्योग आयोग और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने किया करार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय और खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने आपस में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं, जिनमें एक समझौते के तहत देश में एकलव्य आवासीय विद्यालयों के बच्चों की ड्रेस के लिए जनजातीय मंत्रालय केवीआईसी से वर्ष 2020-21 में केवीआईसी से 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का छह लाख मीटर से अधिक खादी का कपड़ा खरीदेगा। देश में पीएम मोदी के आव्हान पर आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में यहां नई दिल्ली में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर आयोजित एक समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के अलावा एमएसएमई राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी व जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह के अलावा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार की उपस्थिति में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। इसमें एक समझौते के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्ष 2020-21 में केवीआईसी से 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का छह लाख मीटर से अधिक खादी का कपड़ा खरीदेगा। इस कपड़े का इस्तेमाल एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों की ड्रेस के लिए किया जाएगा। जबकि दूसरा समझौता राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम यानि एनएसटीएफडीसी को पीएमईजीपी योजना लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में तैयार करने के लिए किया जाएगा। यह निगम जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है, जो देश में जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए धन मुहैया कराती है। ---देशभर के स्कूलों में खादी को प्रोत्साहन की योजना--- इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि देश में खादी को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी चर्चा चल रही है, ताकि देश में सीबीएसई और अन्य संबन्धित विद्यालयों में भी खादी के कपड़े की ड्रेस के प्रति ट्रेंड शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का यही सपना है कि जब खादी का ज्यादा इस्तेमाल होगा तो हैंडलूम और बुनकरों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा, जिसमें रोजगार की अपरा संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मंडा से आव्हान किया कि वे आदिवासी क्षेत्र के हर गांव में खादी को प्रोत्साहित करने के लिए कम से कम 25 लोगों को रोजगार के लिए तैयार करें, इसके लिए एमएसएमई मंत्रालय उनकों आर्थिक मदद मुहैया कराएगा। ---आदिवासियों के उत्पादों को बढ़ावा---- इस मौके पर जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अर्जुन मुंडा ने दूसरे समझौते के तहत एनएसटीएफडीसी और केवीआईसी के इस सहयोग से पीएमईजीपी योजना के बारे में कहा कि कहा कि भारत में आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए ज़िम्मेदार जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक एजेंसी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम को पीएमपीपी योजना लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में चुना जाएगा। यह निगम अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के इच्छुक उद्यमों के वित्तपोषण के लिए रियायती ऋण योजनाएं प्रदान करता है। इस समझौते से आदिवासियों को विभिन्न उत्पादन गतिविधियों में संलग्न करके और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुंडा ने कहा कि आत्मानिर्भर भारत के लिए प्रधान मंत्री के आह्वान के साथ जुड़े इन समझौतों का उद्देश्य देश भर में खादी कारीगरों और आदिवासी आबादी के एक बड़े हिस्से को मजबूत करके स्थानीय रोजगार का निर्माण करना है। 20Jan-2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें