गुरुवार, 7 जनवरी 2021

सीमाओं पर तैनात आईटीबीपी के जवान इस्तेमाल करेंगे खादी की दरिया

खादी ग्रामोद्योग आयोग के साथ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने किया करार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार के स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देने की दिशा में गृह मंत्री अमित शाह की अर्द्धसैनिक बलों में एक बड़ा स्वतदेशी अभियान चलाने की परिकल्पदना के तहत खादी ग्रामोद्योग आयोग और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के बीच अर्द्धसैनिक बलों को खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति करने का एक नया समझौता किया गया है। इस करार के तहत खादी ग्रामोद्योग आयोग हर साल आईटीबीपी को 1.72 लाख खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति करेगा। केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए यहां खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग तथा आईटीबीपी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताीक्षर किए गये हैं। इस समझौता पत्र पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के उप-मुख्य का‍र्यका‍री अधिकारी और आईटीबीपी के डीआईजी ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यसक्ष विनय कुमार सक्सेेना और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विवेक भारद्वाज तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्तााक्षर किए। यह समझौता एक साल के लिए किया गया है जिसके बाद इसका फिर से नवीकरण किया जाएगा। 1.72 लाख दरियों की कुल कीमत 8.74 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘आत्महनिर्भर भारत’ अभियान पहल के समर्थन के लिए गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों को स्था नीय उत्पाीदों को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया था, उसी के संदर्भ में यह समझौता किया गया है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने इस कदम का स्वासगत किया। इस करार के तहत खादी ग्रामोद्योग आयोग 1.98 मीटर लंबी और 1.07 मीटर चौड़ी नीले रंग की दरियों की आपूर्ति करेगा। खादी की इन दरियों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कारीगर तैयार करेंगे। खादी की दरियों के बाद, खादी के कंबल, चादरें, तकिये के कवर, अचार, शहद, पापड़ और प्रसाधन सामग्री जैसे उत्पाोदों पर भी काम किया जाएगा। आईटीबीपी चीन की सीमा से लगते 3,448 किलोमीटर लंबे पर्वतीय क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा में तैनात है। -----------उत्पादों की गुणवत्ता उच्च को मान्यता---- खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यतक्ष विनय कुमार सक्सेेना ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इससे न सिर्फ हमारे बलों में स्व्देशी उत्पा्दों को प्रोत्सानहन मिलेगा, बल्कि खादी कारीगरों के लिए बड़े पैमाने पर अतिरिक्त रोजगार का सृजन भी होगा। सक्से्ना ने कहा कि आयोग की सीमाओं पर तैनात सुरक्षाबलों के जवानों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले उत्पाेद उपलब्ध कराना और इनकी समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना उच्च प्राथमिकता होगी। खादी ग्रामोद्योग आयोग ने आटीबीपी द्वारा उपलब्ध कराए गए नमूनों के आधार पर इन कॉटन दरियों का निर्माण कराया है और इन्हेंि एजेंसी द्वारा मंजूरी भी दी गई है। खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा तैयार इन कॉटन दरियों को उत्तर भारत वस्त्रि अनुसंधान संगठन (एनआईटीआरए) ने भी प्रमाणित किया है। एनआईटीआरए वस्त्रि मंत्रालय का एक यूनिट है और इसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग से भी मान्य्ता प्राप्त है। गौरतलब है कि इससे पहले पिछले वर्ष 31 जुलाई को खादी ग्रामोद्योग आयोग ने आईटीबीपी के साथ कच्चीू घानी सरसों तेल की आपूर्ति के लिए भी एक समझौते पर हस्ता्क्षर किया था, जिसका सफलतापूर्वक अनुपालन किया गया। आईटीबीपी गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त वह नोडल एजेंसी है जो देश के सभी अर्द्धसैनिक बलों की ओर से सामानों की खरीद करती है। 07Jan-2021

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