शनिवार, 9 जनवरी 2021

पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ: बिरला

उत्तराखंड की जिला पंचायतों के लिए पंचायती राज व्यवस्था पर बोले लोकसभा अध्यक्ष हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश में पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ हैं, जिसके तहत भारत में सत्ता हस्तांतरण हमेशा सुचारू रूप से और लोकतांत्रिक पंरपराओं के अनुसार ही हुआ है। यही नहीं हमारे लोकतंत्र की अवधारणा बहुत मजबूत एवं सशक्त है और वैदिक काल से ही चली आ रही है। आजादी के बाद लोकतंत्र को मजबूत, सशक्त, जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के लिए निंरतर प्रयास किए गए हैं। लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को देहरादून में उत्तराखंड की पंचायती राज संस्थाओं की जिला पंचायतों के लिए ‘पंचायती राज व्यवस्था:विकेंद्रीकृत लोकतन्त्र का सशक्तीकरण’ विषय पर आयोजित आउटरीच और परिचय कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात कही। बिरला ने कहा कि हमारे देश में चाहे लोक सभा का चुनाव हो या विधान सभा का चुनाव हो, चुनाव परिणाम के पश्चात् सत्ता हस्तांतरण हमेशा सुचारू रूप से और लोकतांत्रिक पंरपराओं के अनुसार हुआ है। पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तम्भ हैं। इनके सदस्य जनता द्वारा चुन कर आते हैं और इनसे जनता की अत्यधिक अपेक्षाएं और आकांक्षाएं होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्राम सभा की बैठक को और प्रभावी बनाने के लिए कुछ नियमों का विकास करने की आवश्यकता है। जैसे ग्राम सभा की बैठक की अग्रिम सूचना गांव के सभी लोगों को सात दिन या जितनी अवधि आवश्यक हो, पहले दी जाए। ग्राम सभा की साल में कम से कम चार बैठकें आयोजित हों, साथ ही गांव के विकास के लिए एक साल की अल्पकालिक एवं पाँच साल की दीर्घकालिक योजनाओं का निर्धारण किया जाए। उन्होंने कहा कि एक ग्राम पंचायत में विशेषकर उन गांवों का चुनाव किया जाए जो पिछडे हों तथा जहां सुविधाओं का अभाव हो। इसके अतिरिक्त निधियों के उपयोग के संबंध में भी व्यापक चर्चा के बाद निर्णय लिए जाएं कि विकास के किन महत्वपूर्ण कार्यों पर धन का व्यय करना है। बिरला ने सुझाव दिया कि प्रत्येक बैठक के बाद उसमें लिए गए निर्णयों में हुई प्रगति की अगली बैठक में समीक्षा की जाए। उन्होंने ग्रामीण पर्यटन के प्रोत्साहन हेतु ग्राम पंचायतों की भूमिका पर बल दिया। उन्होने यह सुझाव भी दिया कि क्षेत्रीय पंचायत की बैठक का पहला घंटा उच्च सदन के प्रश्न काल की तरह होना चाहिए। बिरला ने इस बात पर बल दिया कि अपने-अपने क्षेत्रो में किए जा रहे नवाचारों को एक दूसरे से साझा करें ताकि उन सफल नवाचारों को दूसरी ग्राम पंचायतों में भी दोहराया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पंचायतों सहित सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का दायित्व है कि कार्यपालिका के कार्यों पर नियंत्रण रखते हुए उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करे। इसके लिए पूरे देश में एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तैयार किया जाए, जिसका अनुसरण देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाए करें। समारोह में इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पंचायतें आज लोकतंत्र की मूलभूत इकाइयां हैं जो सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। रावत ने कहा कि ग्राम विकास में भी पंचायतों की विशेष भूमिका है। उन्होने ग्राम प्रधानों को सुझाव दिया कि उत्तराखंड के सीमान्त क्षेत्रों में सुरक्षा करने वाले प्रहरियों से जाकर मिलें और उनका मनोबल बढाएं। वहीं उत्तराखंड विधान सभा के अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से हम विकेंद्रीकृत लोकतंत्र को अत्यधिक बलशाली बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का आज के युग में तेजी से प्रयोग किया जा रहा है। देश की सभी विधायिका में ई-विधान सभा लागू की जा रही है। इसी प्रकार पंचायतों के कार्यों में भी ई-गवर्नेन्स के प्रयोग से यह संस्थाएं और बल प्राप्त करेंगी। इस समारोह के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड सरकार के पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय और लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह के अलावा टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री सोना सजवाण ने भी भाग लिया। -------------------- गंगा आरती में शामिल हुए बिरला उत्तराखंड के एक दिवसीय प्रवास पर गए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर मां गंगा की आरती की। इस दौरान उन्होंने मां गंगा से देश में सुख और शांति तथा देशवासियों की समृद्धि की कामना की। बिरला ने वहां अलौकिक एवं भव्य माहौल में मां गंगा की उपासना कर पवित्र जल से आचमन किया। इसके बाद उन्होंने आरती में भाग लेकर देश की उन्नति, आमजन की प्रगति, अमन व भाईचारे में बढ़ोतरी तथा कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए माँ गंगा से प्रार्थना की। 09Jan-2021

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