रविवार, 17 जनवरी 2021

देश का पहला गोबर युक्त ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ जारी

गडकरी ने लांच किया पर्यावरण अनुकूल अभिनव वॉल पेंट हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। आखिर खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित भारत के पहले गाय का गोबर वाले ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ को बाजार में उतार दिया गया है। इस अभिनव पेंट को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी लॉन्च किया है। केन्द्री य एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यहां अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित एक अभिनव पेंट को लॉन्च किया। ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ नामक यह पेंट पर्यावरण अनुकूल, विष-रहित है, जो फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी गुणों के साथ अपनी तरह का पहला उत्पा द है। मुख्य घटक के रूप में गाय के गोबर पर आधारित यह पेंट किफायती और गंधहीन है, जिसे भारतीय मानक ब्यूएरो द्वारा प्रमाणित किया गया है। इस पेंट को जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह कदम किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के साथ संरेखित है। उन्होंने कहा कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इस हद तक बेहतर बनाने के प्रयास का हिस्सा है, कि शहरों से ग्रामीण इलाकों में रिवर्स माइग्रेशन शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी पेंट कंपनियों द्वारा चार्ज की गई कीमत से आधे से भी कम है। यह कहते हुए कि सरकार की भूमिका केवल एक सूत्रधार की है, उन्होंने कहा कि पेंट का विपणन पेशेवर तरीके से किया जाएगा, और देश के सभी कोनों में ले जाया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह, एमएसएमई राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना भी उपस्थित थे। -----गाय के गोबर की खपत बढ़ेगी--- इस मौके पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि इस परियोजना की परिकल्पना मार्च 2020 में की गई थी, जिसके बाद केवीआईसी द्वारा एक ईकाई कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर में विकसित की गई। यहां खादी प्राकृतिक पेंट डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक इमल्शन पेंट यानि दो रूपों में उपलब्ध है। सक्सेना ने कहा कि यह पेंट भारी धातुओं जैसे सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम और अन्य से मुक्त है। यह स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देगा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थायी स्थानीय रोजगार का सृजन करेगा। इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों और गौशालाओं को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। गाय के गोबर के उपयोग से पर्यावरण भी साफ होगा और नालियों की कटाई को रोका जा सकेगा। ----तीन प्रयोगशालाओं में हुआ पेंट का परीक्षण--- मंत्रालय के अनुसार खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट का परीक्षण देश की प्रतिष्ठित तीन राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में किया गया है, जिसमें नेशनल टेस्ट हाउस, मुंबई, श्रीराम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च नई दिल्ली और नेशनल टेस्ट हाउस गाजियाबाद शामिल है। यह खादी प्राकृतिक इमल्शन पेंट बीआईएस 15489:2013 मानकों को पूरा करता है। जबकि खादी प्राकृतक डिस्टेंपर पेंट बीआईएस 428: 2013 मानकों से मिलता है। पेंट ने विभिन्न परीक्षण मापदंडों में पेंट के अनुप्रयोग, पतले होने के गुण, सूखने का समय और अन्य प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पारित किया है। यह भी खास बात है कि यह 4 घंटे से कम समय में सूख जाता है और एक चिकनी और समान खत्म होता है। पेंट को आंतरिक और बाहरी दीवारों पर भी लगाया जा सकता है। डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट दोनों सफेद आधार रंग में उपलब्ध हैं, और यह किसी भी रंग में उपयुक्त रूप से मिश्रण कर सकते हैं। 13Jan-2021

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