गुरुवार, 28 जनवरी 2021

स्कूली बच्चों में तेजी से बढ़ रही है तंबाकू सेवन की लत!

एक अध्ययन की रिपोर्ट का खुलासा: देश के 25 शहरों स्कूलों के पास 72 फीसदी बिक्री आठ साल तक के बच्चों को मुफ्त तंबाकू उत्पादों की पेशकश का हुआ खुलासा ओ.पी. पाल.नई दिल्ली। भारत में 13-15 साल के स्कूली बच्चों में 14.6 फीसदी तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें लड़कों में 11 फीसदी धूम्रपान या बगैर धुंए वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। जबकि लड़कियों में 6 फीसदी बिना धुंए वाले तंबाकू का इस्तेमाल करती हैं, तो 3.7 फीसदी बीड़ी सिगरेट पीती हैं। द ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे, इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट से ऐसे साफ संकेत मिलते हैं। सर्वेक्षण की इस नई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि भारत में तंबाकू कंपनियां युवाओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बना रही हैं। शिक्षा संस्थाओं के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उनका प्रचार करके आठ साल के बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। देश के 25 शहरों में स्कूलों के आस-पास 72 फीसदी बिक्री केंद्र सिगरेट, बीड़ी और बगैर धुंए वाले तंबाकू उत्पादों को प्रदर्शित करते पाए गए। ये सब कैंडीज और मिठाइयों के आस-पास रखे थे, जहां बच्चे उन्हें आसानी से देखते हैं। यहां सिगरेट की खुली बिक्री हो रही थी और कोई भी जेब खर्च के पैसे से इन्हें आसानी से खरीद सकता है। यही नहीं उन्हें मुफ्त और छूट पर तंबाकू उत्पादों की भी पेशकश की जा रही थी। ऐसे और अन्य प्रबल तरीकों का उपयोग कंपनियां देश भर में कर रही हैं। इसका खुलासा करने के लिए बिग टोबैको, टाइनी टारगेट्स (नुकसानदेह तंबाकू, बच्चे निशाना) नामक अध्ययन इस बात का सूबत जुटाने के लिए किया गया है कि कैसे भारत सरकार के कोटपा कानून 2003 (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) में ऐसी खामियां हैं, जिससे बिक्री की जगह पर प्रचार और उत्पाद का प्रदर्शन संभव होता है तथा तंबाकू कंपनियां इसका दुरुपयोग युवाओं तथा बच्चों को निशाना बनाने के लिए कर रही हैं। इस अध्ययन के तहत देशभर के 10 राज्यों में कुल 1011 शिक्षा संस्थाओं और 885 बिक्री की जगहों की जांच की गई। उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्था कंज्यूमर वॉयस और वालंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इडिया ने इस अध्ययन के लिए एक मोबाइल ऐप्प का उपयोग किया। ---अध्ययन के निष्कर्ष-- कंज्यूमर वॉयस के मुख्य परिचालन अधिकारी असीम सन्याल ने बताया कि इस अध्ययन के तहत देशभर के 10 राज्यों में कुल 1011 शिक्षा संस्थाओं और 885 बिक्री की जगहों की जांच की गई। शिक्षा संस्थाओं के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री शिक्षा संस्थाओं के पास 100 गज के अंदर पाई गई, कोटपा कानून की धारा 6 (बी) का उल्लंघन है। बच्चों और युवाओं को आकर्षित करने के लिए तंबाकू उत्पादों का प्रदर्शन में 640 यानि 72.32 फीसदी सिगरेट का प्रदर्शन कैंडीज और अन्य मीठी चीजों के पास कर रहे थे, ताकि बच्चों को आकर्षित किया जा सके। जबकि 669 यानि 75.59 फीसदी बिक्री केंद्रों में तंबाकू उत्पादों को ऐसी जगह प्रदर्शित किया गया था, जहां से बच्चों को वे आसानी से दिखते हैं। जबकि बिक्री की 885 जगहों में 678 यानि 76.61 फीसदी जगह पर क्लासिक, गोल्ड फ्लेक, विल्स नेवी कट, फ्लेक और ब्रिसटल जैसे आईटीसी के ब्रांड थे। वहीं तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन प्रचार बिक्री के 117 जगहों पर आउटडोर थे, जबकि 369 यानि 41.69 फीसदी जगहों पर पोस्टर थे और 107 जगहों पर बड़े बैनर लगे थे। इस तरह प्रचार करना कोटपा की धारा 5(2) और अधिसूचना संख्या जीएसआर 345 (ई) का उल्लंघन है, जबकि इसके तहत तंबाकू की बिक्री वाली जगह के प्रवेश द्वाप पर इस तरह के डिसप्ले बोर्ड के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। ----कानून को सख्त बनाने की उठी मांग--=- राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी ने सर्वेक्षण रिपोर्ट पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि तंबाकू कंपनियां बच्चों और युवाओं को निशाना बना रही हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि मौजूदा कानून को बेहतर किया जाए तथा जुर्माने के मजबूत प्रावधान किए जाएं ताकि स्वस्थ भारत के लिए हमारे बच्चों और युवाओं को तंबाकू के नुकसान से बचाया जा सके। सांसद डॉ. किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी ने दावा किया कि भारत में रोज 5500 बच्चे तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं जो आगे चलकर इसके आदी हो सकते हैं। इसलिए कानून और जुर्माने के प्रावधान मजबूत करना जरुरी है। कंज्यूमर वॉयस के मुख्य परिचालन अधिकारी असीम सन्याल ने कहा कि तंबाकू कंपनियां कानून में कमजोरी का लाभ उठाती रही हैं और शिक्षा संस्थाओं के आस-पास अपने उत्पादों की बिक्री के साथ-साथ उनका प्रचार करके हमारी युवा पीढ़ी की जान खतरे में डालती रही हैं। वालंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना बी मुखोपाध्याय ने कहा कि हमारी शिक्षा संस्थाओं के आस-पास जोरदार बिक्री तथा विज्ञापन प्रयासों के लिए तंबाकू उद्योग को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक तंबाकू उद्योग हमारे बच्चों और युवाओं को अपने घातक उत्पाद खरीदने के लिए आकर्षित करने का काम कर रहा है तब तक हमारे शिक्षा संस्थान सुरक्षित नहीं हैं। 15Jan-2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें