बुधवार, 16 दिसंबर 2020

कोरोना काल: प्रवासी श्रमिकों के लिए वरदान साबित हुआ ‘हनी मिशन’

आत्मनिर्भर भारत मिशन: मधुमक्खी पालन से तीन माह में की अच्छी कमाई हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी के मद्देनजर खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत प्रवासी श्रमिकों को ‘हनी मिशन’ से जोड़ने की शुरूआत की। हनी मिशन से जुड़े प्रवासी श्रमिकों को आय जुटाने के सुखद परिणाम आने लगे और करीब तीन माह में ही इस मिशन से जुड़ने वालों ने अपनी पहली फसल काटकर अच्छी आय हासिल की है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने अपने प्रमुख ‘हनी मिशन’ कार्यक्रम के जरिए गत 25 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर व बुलंदशहर जिलों के 70 प्रवासी श्रमिकों को जोड़ा था। इसके लिए स्थानीय रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से अपने घर लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को 700 मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया, ताकि उन्हें ‘हनी मिशन’ के अंतर्गत आजीविका का मौका मिल सके। मंत्रालय ने दावा किया कि कोरोना काल में जिन प्रवासी इस मिशन से जुड़े थे, उन्हें तीन माह में करीब 10-10 हजार रुपये तक की आय हासिल करके बेहतर अपनी और अपने परिवार के लिए अच्छी-खासी कमाई अर्जित की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पांच प्रवासी श्रमिकों ने इस साल 25 अगस्त को वितरित किए गए अपने 50 शहद मधुमक्खी के बक्सों से 253 किलो शहद निकाला। कच्चा शहद औसतन 200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकता है, और इस दर से प्रवासी श्रमिकों को लगभग 50 हजार रुपये की आय प्राप्त होने का अनुमान है। मसलन इन लाभार्थियों में से हरेक को औसतन 10 हजार रुपये की आय हुई। इस क्षेत्र में केवीआईसी द्वारा प्रशिक्षण के बाद 70 प्रवासी श्रमिकों को कुल 700 मधुमक्खी बक्से वितरित किए गए। शेष मधुमक्खी के बक्सों से शहद निकालने का काम आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। इसी प्रकार केवीआईसी ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में 1.35 लाख से ज्यादा मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया है। इस मिशन में देश भर में 13,500 लोगों को फायदा पहुंचा है और लगभग 8,500 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हुआ है। शहद का पांच गुणा उत्पादन बढ़ने की उम्मीद खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने इस मिशन के सकारात्मक नतीजों के बारे में कहा कि इन मधुमक्खी बक्सों से शहद का उत्पादन दिसंबर से मार्च तक महीनों में कम से कम 5 गुना बढ़ जाएगा, क्योंकि सीजन के दौरान नीलगिरी और सरसों की फसल पूरी तरह से खिल जाएगी। इसलिए मधुमक्खी पालन के तहत बक्सों से अपनी पहली फसल लेने के बाद अब ऐसे श्रमिकों को दिसंबर से मार्च तक बंपर पैदावार होने का इंतजार है। इनमें से प्रत्येक मधुमक्खी बॉक्स पीक सीजन के दौरान लगभग 25 किलोग्राम शहद का उत्पादन करेगा। इसके अलावा मधुमक्खी पालक अपने बक्से को पास के राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित कर सकेंगे, जहां मधु मक्खियों को पराग और अमृत की बहुतायत मिलेगी और इस प्रकार शहद उत्पादन में वृद्धि होगी। केवीआईसी के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने कहा कि शहद और उनकी आय का उत्पादन आने वाले महीनों में कई गुना बढ़ जाएगा। केवीआईसी चेयरमैन सक्सेना के अनुसार इसी प्रकार सहारनपुर जिले में केवीआईसी के ‘हनी मिशन’ से जुड़े अमित कुमार ने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केवीआईसी ने उत्तर प्रदेश और बिहार में सैकड़ों प्रवासी कामगारों को जोड़ा और उन्हें हनी मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण योजना और परियोजना सिग्नटीईए जैसी अन्य योजनाओं के साथ जोड़ा। आवश्यक उपकरण किट के साथ उन्हें वितरित करने के अलावा केवीआईसी ने नए मधुमक्खी पालकों को तकनीकी प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण भी प्रदान किया ताकि उनका समर्थन किया जा सके। 01Dec-2020

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