बुधवार, 2 दिसंबर 2020

दिल्ली-कानपुर के बीच तैयार हुआ ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’

अगले महीने से खुर्जा से कानपुर तक नए रेलवे ट्रेक पर फर्राटे से दौड़ेंगी ट्रेनें 2022 तक तैयार हो जाएंगे ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के दौरान जहां यात्री ट्रेनों को निरस्त करने के बाद विशेष ट्रेने चलाई गई है, वहीं इस दौरान खाली रेलवे ट्रेकों पर इस मौके का लाभ उठाते हुए रेलवे की नई परियोजनाओं पर तेजी से काम किया गया। मसलन देश में मालगाड़ियों के लिये अलग से 81,459 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी ढांचागत परियोजना के तहत डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के दिल्ली-कानपुर सेक्शन पर काम को पूरा कर लिया गया है, जिस पर अगले माह से फर्राटे से ट्रेनें दौड़ेंगी? भारतीय रेलवे की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को देश में मालवाहक रेलगाड़ियों के लिए अलग से रेलवे ट्रेक बिछाने के मकसद से शुरू किया गया है। इस परियोजना को लिए महत्वपूर्ण परियोजना को दो हिस्सों यानि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में अलग से रेलवे ट्रेक बिछाने का काम चल रहा है। इस परियोजना के निर्माण के लिए अधिकृत भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत दिल्ली से कानपुर सेक्शन के पूरे हुए कार्य का डीएफसी के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानि डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक आर एन सिंह के प्रबंध निदेशक आर.एन. सिंह व अन्य अधिकारियों ने राष्ट्रीय मीडिया के साथ स्थलीय भ्रमण कराने के बाद यह जानकारी दी कि मालगाड़ियों के लिए अलग से बनाए जा रहे इस समर्पित गलियारे का 341 किमी का एक हिस्सा पूरा होने के बाद अब इस ट्रैक पर खुर्जा से कानपुर के बीच फ्रेट कॉरिडोर के इस हिस्से पर 30 नवंबर से मालगाड़ियां दौड़ने लगेंगी, जबकि इस सेक्शन पर 350 किमी ट्रेक को दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया रेल ट्रैक के इस व्यस्तम मार्ग पर कॉरिडोर चालू होने से यात्री ट्रेनों की आवाजाही काफी हद तक समय पर होने लगेगी और माल ढुलाई में कम वक्त लगेगा। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के महाप्रबंधक (ऑपरेशंस)वेद प्रकाश ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में 40 फीसदी काम पूरा हो जाएगा। डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर 2021 तक कानपुर, खुर्जा, दादरी, रेवाड़ी, अजमेर, पालनपुर से गुजरात के बंदरगाह तक मार्ग तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर रेलवे खंड मार्च 2020 तक चालू हो जाएंगे, जबकि शेष पूरा पूर्वी और पश्चिम गलियारा जून 2022 तक चालू होगा। दो डेडिकेटेड कॉरिडार का जारी निर्माण डीएफसीसी के अधिकारियों ने जानकारी दी कि भारतीय रेल में बदलाव के लिहाज से देश में मालवाहक रेलगाड़ियों के लिए दो डेडीकेटेट फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो रहे हैं। ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर दादरी से पश्चिम बंगाल और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक बन रहा है। ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर कानपुर से पालनपुर गुजरात तक 1100 किमी तक तैयार हो चुका है। मसलन ईस्टर्न कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता के पास दानकुनी तक 1856 किमी लंबा होगा। जबकि वेस्टर्न कॉरिडोर दिल्ली के पास दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक 1506 किमी लंबा बनाया जा रहा है। इन दोनों कॉरिडोर का काम साल 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। दिल्ली-कानपुर सेक्शन पर फिलहाल 40 मालगाड़ियां और 40 पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं यानी 80-80 ट्रेनों का लोड अप व डाउन दोनों लाइनों पर है। इस सेक्शन के शुरू होते ही मालगाड़ियों को पुरानी लाइन से हटाकर नए ट्रैक पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस तरह से रेलवे की पुरानी लाइन पर ट्रैफिक का लोड कम हो जाएगा और ट्रेनें भी समय पर चलना शुरू हो जाएंगी। देश में बनेंगे छह माल गलियारे रेलवे के अनुसार देश में माल यातायात के लिए कुल 6 गलियारे बनाने की योजना है, जिनका इस्टर्न कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब को जोड़ेगा। वहीं वेस्टर्न कॉरिडोर से पूरे एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को फायदा मिलेगा। इसमें रेलवे तीन और गलियारे पूर्वी तट गलियारा, पूर्वी-पश्चिम गलियारा और उत्तर-दक्षिण उप-गलियारा पर काम कर रही है, जिनके लिए सर्वे का काम 2021 तक पूरा हो जाएगा। इन तीनों समर्पित माल गलियारों को वर्ष 2030 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। समय की होगी बचत भारतीय रेलवे ने बताया कि दिल्लीी-कानपुर के बीच डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का नया सेक्शपन अलग महीने से शुरू हो जाएगा। इससे किसी भी मालगाड़ी को पटना से हावड़ा पहुंचने में अब के मुकाबले 2 घंटे कम लगेंगे। इससे पुराने ट्रैक पर पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी। यही नहीं मौजूदा ट्रैक से मालगाड़ी के हटने के कारण यात्री ट्रेनों की रफ्तार में भी इजाफा होगा। वहीं नई ट्रेनें भी चलाने की योजनाओं को भी आसानी से अंजाम दिया जा सकेगा। 22Nov-2020

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