शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर काम शुरू

कोरोना महामारी के कारण लगा हुआ था कार्य पर ब्रेक हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में चल रही ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना को समयसीमा में पूरा करने के प्रयास में कोरोना संकटकाल और किन्हीं कारणों से बीच में रूका हुआ काम फिर से शुरू हो गया है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव एवं अन्य अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर के दौरे के दौरान ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना की स्थिति की जानकारी हासिल करने के बाद बताया कि ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला राष्ट्रीय रेल लिंक परियोजना के कटरा-बनिहाल सेक्शन के विभिन्न स्थानों पर एक अंतराल के बाद कार्य फिर से शुरू हो गया है। रियासी और रामबन के दो ज़िलों में जहां यह रेल सेक्शन स्थित है, को कोविड रेड जोन में रखे जाने के कारण यहां कार्य रूक गया था। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद पिछले महीनों में बहुत कार्य किया गया है। गंगल ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में बेहतर और सुविधाजनक मालभाड़ा व यात्री सुविधाएं प्रदान करने के लिए रेलवे द्वारा बनाई गई विकासात्मक योजनाओं से यहां के लोगों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण स्टेशनों की रि-मॉडलिंग और रि-वैम्पिंग के सकारात्मक परिणाम आये हैं, इसके चलते इस सुविधा का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या पिछले कई वर्षों में बढ़ गयी है। इस क्षेत्र में और अधिक रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं, जिससे देश के किसी भी क्षेत्र से यहां तक पहुँचना सुगम हो गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे अपने मालभाड़ा कार्य निष्पादन को और बेहतर बनाने का लक्ष्य रख रही है। इस उद्देश्य के लिए मंडल स्तरों पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटें गठित की गयी हैं। हम इस क्षेत्र में मालभाड़ा के सुगम परिचालन के लिए मालगोदमों और लदान स्थलों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार हैं। महाप्रबंधक ने कहा कि रेलवे इस हिमालयी क्षेत्र में हर मौसम में उपलब्ध रहने वाला विश्वसनीय यातायात माध्यम उपलब्ध कराने व लोगों की सुविधा हेतु इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। --------------------------------- कोहरे के दौरान रेलपथो की संरक्षा सर्वोपरि महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे के प्रधान कार्यालय, बडौदा हाउस नई दिल्लीा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से से उत्तर रेलवे के विभागाध्यकक्षों के साथ एक कार्य-निष्पागदन समीक्षा बैठक में कोहरे के मौसम के मददेनज़र रेलपथों पर संरक्षा, बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों और माल लदान पर फोकस करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए संरक्षा सर्वोपरि है। महाप्रबंधक ने रेलपथों, वैल्डों के अनुरक्षण मानकों को बेहतर बनाने और रेल पटरियों के निकट स्क्रैप को हटाने के लिए जोन में किए गए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कोहरे के मौसम के दौरान संरक्षा बढ़ाने और जहां आवश्यक है वहां कर्मचारियों को परामर्श देने के लिए मंडलों को अभियान चलाने के निर्देश भी जारी किये। उन्होंने कहा कि पटरियों में दरारों और वैल्ड़ों की निगरानी व्यापक रूप से की जानी चाहिए और कोई गलती नहीं रहनी चाहिए। मालभाड़ा लदान बढ़ाने पर बल उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक गंगल ने रेलगाड़ियों के निर्बाध परिचालन के लिए रेलपथों और रिले व पैनल रूमों में संरक्षा बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने रेल परिचालन में मानवीय त्रुटियों को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने विभागाध्यक्षों ओर मंडल रेल प्रबंधकों को समयपालनबद्धता को 95 फीसदी रखने और संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मालभाड़ा लदान की रफ्तार बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए की बीडीयू को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाना चाहिए, इसके लिए उन्होंने रेलवे द्वारा दी जा रही रियायतों और उपायों को ग्राहकों तक पहुँचाने के भी निर्देश दिए। -------------- किसान आंदोलन से भारी नुकसान उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन से रेलवे को हो रहे नुकसान की भी जानकारी दी। इस आंदोलन के कारण अकेले उत्तर रेलवे को करीब ढाई हजार करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का सामना करना पड़ा है। आंदोलन के कारण एक हजार से ज्यादा रेलगाड़ियों का परिचालन निरस्त पड़ा है, जबकि सैकड़ों ट्रेनों को मार्ग परिवर्तन करके चलाने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि पंजाब के किसानों द्वारा 22 सितंबर से ही रेलवे ट्रेक पर आंदोलन के कारण ट्रेने ठप्प हैं, जिसके कारण किसानों के विरोध को देखते हुए अब तक 1370 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करना पड़ा है। 16Dec-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें