शनिवार, 19 दिसंबर 2020

अत्याधुनिक और तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा नया संसद भवन

लोकतांत्रिक दायरे के भविष्य के अनुरुप बनेगी नई इमारत हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा के अंतर्गत संसद भवन की नई इमारत की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधारशिला रख दी है, जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। खासबात है कि नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल भी होगा, जिसका निर्माण 2022 तक पूरा होगा और जब भारत अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा, तो संसद का सत्र नए भवन में शुरू ही शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को संसद के नये भवन का भूमि पूजन के साथ शिलान्यास करते हुए जिस प्रकार के संकेत दिये हैं भारत जब आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा तो नई संसद लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में एक होगी। लोकसभा सचिवालय के अनुसार 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनाए जा रही संसद की चार मंजिला इमारत 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है और इसका निर्माण कार्य टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा, जिसके लिए देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे। नया संसद भवन पूरी तरह से अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल होगा। नया भवन सभी आधुनिक संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से सुसज्जित होगा। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान संसद सत्रों के आयोजन में कम से कम व्यवधान हो और पर्यावरण संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है, जहां से आम लोग इसे देख सकेंगे। नए संसद भवन के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा और पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे एवं आर्थिक पुनरूद्धार के द्वार खुलेंगे। इसमें उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि तथा दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, प्रभावी और समावेशी आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी, जिसमें भूकंपीय क्षेत्र 5 की आवश्यकताओं का पालन करना भी शामिल है और इसे रखरखाव तथा संचालन में आसानी होने के लिए डिजाइन किया गया है। भविष्य में बढ़ेंगे संसदीय क्षेत्र?--- लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों और राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे संकेत मिलते हैं कि भविष्य में देश में संसदीय क्षेत्रों में इजाफा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी लिहाज से संयुक्त सत्र के के लिए मौजूदा संसद में केंद्रीय कक्ष की तर्ज पर बनाए जा रहे विशाल कक्ष में 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था के हिसाब से निर्माण प्रस्तावित है। सूत्रों के अनुसार नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी। वहीं राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की जा रही है। ऐसे संकेत स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने संबोधन में दिये हैं। मसलन उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में कई नई चीजें तैयार की जा रही हैं, जो संसद सदस्यों की दक्षता में वृद्धि करेंगी और उनकी कार्य संस्कृति को आधुनिक बनाएंगी। उन्होंने कहा कि यदि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद भारत को दिशा दी, तो नया भवन देश को'आत्मनिर्भर’बनाने का साक्षी बनेगा। यदि पुराने संसद भवन में देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम किया गया था, तो 21वीं सदी की भारत की आकांक्षाओं को नए भवन में पूरा किया जाएगा। भारत में लोकतंत्र राष्ट्र की आत्मा: मोदी--- प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य जगहों में लोकतंत्र चुनाव-प्रक्रियाओं, शासन और प्रशासन से जुड़ा है। लेकिन भारत में लोकतंत्र जीवन मूल्यों के बारे में है, यह जीवन की पद्धति है और राष्ट्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव के माध्यम से विकसित एक प्रणाली है। भारत के लोकतंत्र में एक जीवन मंत्र है, जीवन का एक तत्व है और साथ ही व्यवस्था की एक प्रणाली भी है। उन्होंने कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक ताकत है जो देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है और देशवासियों को नया विश्वास दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र का हर साल निरंतर नवीनीकरण होता है और यह देखा जाता है कि हर चुनाव के साथ मतदाताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र हमेशा से शासन के साथ मतभेदों को हल करने का एक साधन रहा है। विभिन्न विचारधाराएं, विभिन्न दृष्टिकोण एक जीवंत लोकतंत्र को सशक्त बनाते हैं। मोदी का कहना है कि देश की एकता, अखंडता से ज्यादा उनके लिए कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं होगा। देश के संविधान की गरिमा को बनाये रखने और आदर्शों को पूरा करना ही उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य होगा। 11Dec-2020

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