गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

‘कारोबार की सुगमता’ सुधारों में मध्य प्रदेश समेत छह राज्य आगे

केंद्र ने दी 6 राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों की उधार सीमा को उनके जीडीपी के दो प्रतिशत बढ़ाकर उसका आधा हिस्सा राज्यों में ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ सुधारों में जोड़ दिया था। इस व्यवस्था में अब तक मध्य प्रदेश समेत छह राज्य व्यवसाय की सुगमता सुधारों को सफलतापूर्वक शुरू करने में सफल रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने इन छह राज्यों को खुले बाजार की उधारियों के जरिए 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति प्रदान कर दी है। वित्त मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 17 मई 2020 को राज्यों की उधार सीमा उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इस विशेष व्यवस्था का आधा हिस्सा राज्यों द्वारा लोक केंद्रित सुधारों से जोड़ दिया गया। चिन्हित सुधारों के लिए एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन, व्यवसाय करने की सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/जनोपयोगी सेवा सुधार और बिजली क्षेत्र सुधार जैसे चार लोक केंद्रित क्षेत्र शामिल किये थे। इन चारों सुधारों में अभी तक 6 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना ने सफलता पूर्वक ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ सुधारों को लागू किया है, जिसमें हाल ही में राजस्थान ऐसा छठा राज्य बना है। वित्त मंत्रालय ने व्यवसाय करने की सुगमता से जुड़े सुधारों को पूरा करने वाले इन सभी राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है, जिसमें राजस्थान को 2,731 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति मिली है। इससे पहले स्थानीय निकायों में सफलतापूर्वक सुधार लागू करके मध्य प्रदेश पहला स्थान हासिल कर चुका है, जिसके साथ आंध्र प्रदेश भी शामिल रहा। जबकि अब ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ सुधारों का कार्य पूरा करने वाले राज्यों में भी मध्य प्रदेश शामिल हो गया है, जिसके कारण मध्य प्रदेश को 2,373 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश को 2,525 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 4,509 करोड़ रुपये, तमिलनाडु को 4,813 करोड़ रुपये और तेलंगाना को 2,508 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी जा चुकी है। गौरतलब है कि इन सुधारों को शुरू करने और पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त उधार लेने के लिए और अधिक राज्यों को सुविधा प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने हाल ही में राज्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा करने के लिए समय सीमा तय की थी, जिसे बढ़ाकर 15 फरवरी, 2021 कर दी गई है। ----दस राज्यों ने लागू की वन नेशन वन राशन कार्ड: मंत्रालय के अनुसार अब तक 10 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को कार्यान्वित किया है, जबकि 6 राज्यों ने व्यवसाय करने की सुगमता सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश ने स्थानीय निकाय सुधार किए हैं। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू करने वाले दस राज्यों 50,253 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई है। सुधारों को पूरा करने के लिए समय-सीमा बढ़ाने से अन्य राज्यों को भी सुधार प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और जुड़े हुए वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित होने की संभावना है। ---तीन सुधारों के लिए अतिरक्त वित्तीय सहायता: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा गत 12 अक्टूबर को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 2.0 के ऐलान के एक हिस्से के रूप में इन चार में से तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों को दूसरा लाभ पूंजीगत व्यय के रूप में अतिरिक्त वित्तीय सहायता का प्रावधान है। इस योजना के तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। 27Dec-2020

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