गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

जम्मू-कश्मीर में मिशन मोड पर पूरी होगी रेल परियोजनाएं

केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य में रेलवे की कार्यो में प्रगति की समीक्षा कटरा-बनिहाल के बीच अंतिम चरण में परियोजना जल्द पूरी होगी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में चलाई जा रही रेलवे की राष्ट्रीय परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए बाकी काम को मिशन मोड़ पर शुरू किया जाएगा। हालांकि परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के परिचालन के लिए रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में रेलवे की परियोजनाओं के कार्यो की प्रगति की समीक्षा के लिए बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में रेलवे बोर्ड के सीईओ और अध्यक्ष विनोद कुमार यादव और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल की मौजूदगी में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बैठक में गोयल को जम्मू-कश्मीर में यूएसबीआरएल परियोजना के मुख्य प्रशासनिक/निर्माण अधिकारी विजय शर्मा ने कटरा-बनिहाल के बीच परियोजना के अंतिम चरण में हो रहे काम की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। गोयल ने परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों से मिशन मोड पर परियोजना के शेष हिस्से को तेज गति से पूरा करने पर बल दिया। उन्होंने सामग्री खरीद और अनुमति लेने की प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए जिससे रेल लाइन के निर्माण में देरी न हो। ---चिनाब ब्रिज का 5 फीसदी काम बाकी: इस समीक्षा बैठक में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने रेल मंत्री गोयल को जानकारी दी कि वर्तमान में विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज के आर्क का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है, जबकि अंजी पुल पर केबल-स्टे रेल ब्रिज के निर्माण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। कुल 97.64 किलोमीटर की मुख्य सुरंग में 81.21 किलोमीटर और 60.5 किलोमीटर में से 53.50 किलोमीटर बची सुरंग का काम पूरा हो चुका है। 12 बड़े और 10 छोटे पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष 12 बड़े पुलों और एक छोटे पुल का निर्माण 2021-22 तक पूरा किया जाना है। वहीं रामबन और रियासी जिले जहां परियोजना निर्माणाधीन है, वहां कोविड के चलते इलाके को रेड और ऑरेंज जोन के रूप में घोषित किया गया है, वहां कोविड-19 की मानक संचालन प्रक्रिया के साथ परियोजना का काम जारी रहा। कार्यस्थल पर कामगारों के लिए शिविर और आइसोलेशन केंद्र उपलब्ध कराए गए। विभिन्न स्थलों पर काम करने वाले 366 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का पता चला था, वह सभी स्वस्थ हो चुके हैं। ----यूएसबीआरएल परियोजना की चुनौती: इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय परियोजना के रूप में चल रही यूएसबीआरएल यानि उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक भारतीय रेल द्वारा कश्मीर क्षेत्र को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के उद्देश्य से हिमालय के माध्यम से ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन के निर्माण के लिए है। यह परियोजना देश के सबसे उत्तरी उच्च पर्वतीय क्षेत्र में सभी मौसमों में आरामदायक, सुविधाजनक और लागत प्रभावी जन परिवहन प्रणाली के रूप में क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उत्प्रेरक होगी। इस परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के परिचालन के लिए लाइन शुरू की जा चुकी है। 111 किलोमीटर के खंड कटरा-बनिहाल में इसके भूविज्ञान और गहरे घाटियों से भरे व्यापक नदी तंत्र के कारण इसका कठिन और जोखिम से भरे हिस्से पर काम चल रहा है। इस खंड में कई अनूठे पुल और सुरंगें हैं। इस खंड में अधिकांश रेल ट्रैक सुरंगों में या पुलों पर बने हैं। इस दुर्गम क्षेत्र में एक प्रभावी भूतल परिवहन प्रणाली की अनुपस्थिति में, रेलवे को निर्माण स्थलों तक पहुंचने के लिए पहले 205 किलोमीटर का सड़क मार्ग बिछाना पड़ा था। --तीन एजेंसियों के जिम्मे काम: तीन एजेंसियां; इरकॉन, केआरसीएल और उत्तर रेलवे अपने व्यापक अनुभव के साथ इस परियोजना की रेल लाइनों के निर्माण कार्य में शामिल हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और प्रमुख भारतीय संस्थान जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण इस परियोजना के लिये योजना और कार्यान्वयन में विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। परियोजना के लिये सुरंग बनाने की मशीनें और क्रेन भी आयात किए गए हैं। 31Dec-2020

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