गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

जल्द बहाल हो सकती हैं निरस्त की गई सभी ट्रेनें

राज्यों से हरी झंडी मिलने पर चलाई जाएगी पैसेंजर ट्रेने हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे देश में कोरोना वायरस के कारण लागू हुए लॉकडाउन के दौरान निरस्त की गई यात्री ट्रेनों का परिचालन खासकर पैसेंजर ट्रेनों को जल्द चलाने की योजना बना रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान ऐसे संकेत दिये हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद भारतीय रेलवे ने देशभर में यात्री ट्रेनों को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद मई से पहले विशेष श्रमिक ट्रेने और उसके बाद यात्रियों की सुविधाओं के लिए चरणबद्ध तरीके से विशेष एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने का सिलसिला जारी है। यादव ने कहा कि इस समय केवल विशेष एक्सप्रेस रेलगाड़ियां ही चलाई जा रही है, जिसकी वजह से अनारक्षित टिकट पर यात्रा करने वालों को हो रही परेशानी के मद्देनजर भारतीय रेलवे अन्य सभी खासकर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने पर विचार कर रहा है, जिसके लिए रेलवे के अधिकारी राज्य सरकारों से लगातार चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैसे राज्य सरकारों की सहमति मिल जाएगी, वैसे ही भारतीय रेल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बहाल कर देगा। -----ऐसे होगी परिचालन व्यय की भरपाई: रेलगाड़ियों के परिचालन में बेहद कमी के मामले पर रेलवे की रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद माल ढुलाई जैसी गतिविधियों से रेलवे को हो रही आमदनी से परिचालन व्यय को पूरा करने की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे खर्च पर नियंत्रण करने के लिए अपनाए जा रहे उपायों और माल ढुलाई से होने वाली आमदनी से यात्री ट्रेनों के न चलने से हुए नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि कोरोना महामारी की वजह से रेलवे को यात्रियों से होने वाली आय इस साल 87 प्रतिशत यानि 4,600 करोड़ रुपये रह गयी है, जबकि पिछले साल यह आमदनी 53,000 करोड़ रुपये थी। -----माल ढुलाई से बढ़ाई आमदनी: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष यादव ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए ऐसी योजना बनाई जा रही है जिसे खाद्यान्न और उर्वरकों जैसे गैर-पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई में वृद्धि की जाए। रेलवे ने इस मद में इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी कम खर्च किया है। मसलन रेलवे ने अपने खर्च पर नियंत्रण करने के लिए ईंधन और अन्य मदों में बचत कर रहे हैं। हालांकि कोविड-19 के बावजूद माल गाड़ियों का परिचालन लगातार जारी रहा और माल लदान व माल ढुलाई की गतिविधियों को को मिशन मोड़ पर बढ़ाई हैं। यही कारण है कि कोरोना संकट के बावजूद भारतीय रेलवे ने पिछले साल की माल लदान और माल ढुलाई से होने वाली आय को पार कर लिया है। इसलिए इस साल माल ढुलाई राजस्व पिछले साल की तुलना में अधिक होगा। ----रेलवे परियोजनाओं पर ज्यादा काम: इस दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में चल रही रेल परियोजनाओं को कोरोना संकट के दौरान अवसर में बदलते हुए ज्यादा काम किया गया है। इसी का नतीजा है कि इस वर्ष रेलवे के विद्युतीकरण कार्य में 4.5 गुना वृद्धि दर्ज की और देश में 960 बड़े रेलवे स्टेशनों की छतों पर 105.7 मेगावाट सोलर पॉवर प्लांट शुरू किए गए हैं। वहीं मानव युक्त रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त करने की दर में 102 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और देशभर में 635 रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गये। -----महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की समस्या: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि मुंबई-गुजरात हाई स्पीड ट्रेन चलाने की परियोजना पर गुजरात में तेजी से काम हो रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में अड़चने सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र में इस समस्या के समाधान में देरी होती है, तो रेलवे मुंबई-गुजरात हाई स्पीड ट्रेन की परियोजना को चरणबद्ध तरीके से चलाने को भी तैयार है। हालांकि रेलवे का प्रयास है पूरे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को एक साथ शुरू किया जाए और इसके मुताबिक ही योजना बनाई गई है। यादव के अनुसार महाराष्ट्र में अभी तक केवल 26 फीसदी भूमि का ही अधिग्रहण हो सका है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसान संगठन और राज्य सरकार इस परियोजना का विरोध कर रही हैं। 27Dec-2020

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