गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

देश को मिला पहला नया फ्रेट कॉरिडोर, मालगाड़ियों को मिलेगा अलग रेलवे ट्रैक

पीएम मोदी ने किया पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन देश में तेजी से चल रहा है समर्पित माल गलियारों का काम ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। आखिर भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी परियोजना यानि माल गाड़ियों के अलग ट्रैक के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के पहले हिस्से को पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। वहीं प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में ईडीएफसी के परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश में 351 किलोमीटर लंबे ‘न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन’ पर पूरी हुई पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) परियोजना का उद्घाटन किया। वहीं इस कॉरिडोर के लिए प्रयागराज में स्थापित किये गये परिचालन नियंत्रण केंद्र की भी शुरूआत की। रेलवे के अनुसार पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि ईडीएफसी का 351 किलोमीटर लंबे न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन के निर्माण पर 5,750 करोड़ रुपये की लागत खर्च की गई है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इस माल गलियारे के इस सेक्शन के बाद अब मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन से भी भीड़भाड़ कम हो जाएगी और यह तेज गति की ट्रेने चलाने के लिए भी समक्ष हो गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस रेलवे सेक्शन के मौजूद ट्रैक पर सामान्य दिनों में करीब 170 से 200 मालगाड़ियां और 375 यात्री ट्रेनें दौड़ रही थीं, लेकिन अब इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां स्थानांतरित होने के बाद मौजूदा ट्रैक यात्री ट्रेनों के लिए नई ट्रेनों को चलाने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे अब ट्रेनों के लेट होने का संभावना कम हो जाएगी और ट्रेनों की गति सीमा में भी विस्तार हो जाएगा। जबकि इस कॉरिडोर के लिए प्रयागराज में बनाए गये अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर यानि ओसीसी ईडीएफसी के पूरे रूट के लिए कमान सेंटर के रूप में कार्य करेगा। आधुनिक आंतरिक सज्जा, श्रम दक्षता संबंधी डिज़ाइन और सर्वश्रेष्ठ ध्वनि विज्ञान के साथ ओसीसी विश्व स्तर पर अपने प्रकार की सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक है। ---दो समर्पित माल गलियारों पर काम: देश में माल यातायात के लिए अलग से रेलवे ट्रैक बिछाने के मकसद से डेडीकेटेट फ्रेट कॉरिडोर के लिए छह परियोजनाओं को हरी झंडी दी जा चुकी है, जिनमें फिलहाल दो परियोजनाओं ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर दादरी से पश्चिम बंगाल और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश में पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि ईडीएफसी के 351 किलोमीटर लंबे न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन के निर्माण कार्य पूरा होने पर इसकी शुरूआत की गई है। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1856 मार्ग किलोमीटर लंबा है, जो पंजाब में लुधियाना के साहनेवाल से शुरू होकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से गुजरकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होगा है। इस परियोजना का निर्माण ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (डीएएफसीसीआईएल) द्वारा किया जा रहा है, जिसे समर्पित मालवहन गलियारा के निर्माण और संचालन के लिए विशेष रूप से स्थापित किया गया है। जबकि पश्चिम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दिल्ली के पास दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक 1506 किमी लंबा बनाया जा रहा है। इन दोनों कॉरिडोर का काम साल 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। ----इस सेक्शन से यूपी को मिलेगा लाभ: ईडीएफसी के इस सैक्शन के शुरू होने से यूपी में स्थानीय उद्योगों जैसे एल्यूमीनियम उद्योग (कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र), डेयरी क्षेत्र (औरैया जिला), कपड़ा उत्पादन / ब्लॉक प्रिंटिंग (इटावा जिला), कांच के सामान के उद्योग (फिरोजाबाद जिला), पॉटरी (बुलंदशहर जिले के खुर्जा), हींग उत्पादन (हाथरस जिला) और ताले और हार्डवेयर (अलीगढ़ जिला) के लिए नए अवसर खोलेगा। इस परियोजना का उद्देश्य गलियारे के मार्ग के साथ राज्यों में बुनियादी ढांचे और उद्योग को रफ्तार देना है। कई राज्यों से होकर गुजरने वाले इस कॉरिडोर का करीब 57 प्रतिशत हिस्सा यूपी से होकर गुजरेगा। ---तीन अन्य कॉरिडोर की योजना- डीएएफसीसीआईएल में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के महाप्रबंधक (ऑपरेशंस) वेद प्रकाश ने बताया कि देश में माल यातायात के लिए कुल पांच गलियारे बनाने की योजना है, जिनका इस्टर्न कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब को जोड़ेगा। वहीं वेस्टर्न कॉरिडोर से पूरे एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को फायदा मिलेगा। इसमें रेलवे तीन और समर्पित माल गलियारे पूर्वी तट गलियारा, पूर्वी-पश्चिम गलियारा और उत्तर-दक्षिा उप-गलियारा पर काम कर रही है, जिनके लिए सर्वे का काम 2021 तक पूरा हो जाएगा। इन तीनों समर्पित माल गलियारों को वर्ष 2030 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। --------पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सात सेक्शनों पर कार्य जारी- डीएएफसीसीआईएल के अधिकारी ने बताया कि खुर्जा-भाऊपुर (कानपुर) सैक्शन 351 किलोमीटर के इस कॉरिडोर पर आज मंगलवार से परिचालन शुरू हो गया है। जबकि रेवाड़ी मदार के 306 किलोमीटर के इस खंड पर भी मालवहन इसी महीने शुरू कर दिया जाएगा। जबकि खुर्जा से दादरी सेक्शन के 48 किलोमीटर का काम जून 2021 तक पूरा होगा। इसी प्रकार लुधियाना-खुर्जा के 401 किलोमीटर खंड का काम जून 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसी प्रकार मदार-पालनपुर तक 335 किलोमीटर के इस खंड का काम मार्च 21 तक पूरा होने की उम्मीद है। रेवाड़ी-दादरी के 122 किलोमीटर के इस कॉरिडोर का काम दिसंबर 21 तक पूरा हो जाएगा। जबकि पालनपुर-मकरपुरा (जेएनपीटी) तक 738 किलोमीटर के इस खंड का काम जून 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। ____________ आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगी रेल परियोजना: मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय रेलवे की परियोजना पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करते हुए कहा कि यह परियोजना भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाली है। उन्होंने कहा कि भारत और भारतीय रेल का आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में बनाए जा रहे ये फ्रेट कॉरिडोर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे, जिसका लाभ व्यापारियों, किसानों और उपभोक्ताओं के अलावा अन्य वर्ग को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि खासतौर पर इस दौर में औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है, जिसका करीब 60 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा। प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक बताते हुए मोदी ने कहा कि ये दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है। इसमें मैजेनमेंट और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वो भारत में ही तैयार हुई है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के फायदे--- - 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कॉरिडोर के ट्रैक पर मालगाड़ी चलाई जा सकेगी - यात्री ट्रेनों की वजह से अभी मालगाड़ियों को इतनी दूरी तय करने में कई बार पूरा दिन लग जाता है - यात्री ट्रेनों को पास देने के लिए मालगाड़ी को लूप लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा अभी डीजल इंजन से चलेगी मालगाड़ियां--- कॉरिडोर के रूट पर पहले डीजल इंजन से मालगाड़ियां चलेंगी, क्योंकि विद्युतीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही इस पर काम हो जाएगा, जिसके बाद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन से मालगाड़ी चलाई जाएगी। इन पांच उद्योगों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा--- 1. कैमिकल एंड फर्टिलाइजर 2. एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग 3. पावर प्लांट्स 4.वेयरहाउसिंग 5.मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट यूनिट्स डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर व एयरपोर्ट से बढ़ेगा लॉजिस्टिक हब--- ईस्टर्न–वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और जेवर एयरपोर्ट को देखते हुए यहां पर लॉजिस्टिक हब विकसित किए जा रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने 1400 हेक्टेयर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 700 एकड़ में लॉजिस्टिक हब विकसित करने का खाका खींचा जा चुका है। इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक व वेयर हाउसिंग को उद्योग की श्रेणी में कर दिया है। जमीनों के दाम कम होने से निवेशकों को फायदा मिलेगा। जेवर में एयरपोर्ट आने और ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन गौतम बुद्ध नगर में बनने से लॉजिस्टिक हब की जरूरत बढ़ी है। यही कारण है कि अब औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने लॉजिस्टिक हब के लिए अपनी योजना बना ली है। प्रदेश सरकार ने इसकी गंभीरता को देखते हुए लॉजिस्टिक व वेयर हाउसिंग की श्रेणी को व्यावसायिक से बदलकर औेद्योगिक में कर दिया है। अब इनके निवेशकों को औद्योगिक दर पर जमीन मिल सकेगी। अब पहले से सस्ती दर पर जमीन प्राधिकरण दे सकेंगे। ---------------------------------------------- नए माल गलियारे पर कोयला और अनाज लादकर फर्राटे से दौड़ी मालगाड़ियां नए माल गलियारे पर परखी गई 100 किमी प्रतिघंटा की गति हरिभूमि ब्यूरो.खुर्जा(बुलंदशहर)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में देश के जिस पहले नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन किया है और यहां से इस नए ट्रैक पर दोनों तरफ से चलाई गई दो मालगाड़ियों को चलाया गया, जिनमें 10-10 हजार टन कोयला एवं अनाज भरा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली से ही भारतीय रेलवे के ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पहले हिस्से के रूप में उत्तर प्रदेश में 351 किलोमीटर लंबे 'न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन' का उद्घाटन किया। इस कॉरिडोर पर शुरू हुए मालगाड़ियों के परिचालन में पहली दो मालगाड़ियां कानपुर के भाउपुर से खुर्जा पहुंची, जिनमें 10-10 हजार टन कोयला एवं अनाज भरा हुआ था। कोयले व अनाज से भरी दोनों माल वाहक ट्रेनों को एल्सटॉम के डब्लूएजी 12ई लोकोमोटिव ईंजन द्वारा खींचा गया। रेलवे के अनुसार ईडीएफसी के भाउपुर-खुर्जा सेक्शन में एल्सटॉम ने एक इंटीग्रेटेड सिस्टम, इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम्स का डिजाइन कर उनकी आपूर्ति की है। इस आपूर्ति के तहत सिविल कार्यों का क्रियान्वयन एवं साईट इंस्टॉलेशन व कमीशनिंग भी की गई। इस नए ट्रैक को पहले ही 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से भारी लोड के आवागमन के लिए परखा जा चुका है। इस समर्पित माल गलियारे के वर्चुअल उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल मंत्री मंत्री पीयूष गोयल तथा डीएफसीसीआईएल के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक रविंद्र कुमार जैन, एल्सटॉम इंडिया एवं साउथ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टरए एलेन स्पोर के अलावा रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। ----तकनीकी निगरानी करेगा एल्सटॉम: एल्सटॉम के काम की सीमा में ईस्टर्न डीएफसी के 351 किलोमीटर लंबे मार्ग का विद्युतीकरण, सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम की स्थापना शामिल है। अनुबंध के तहत एल्सटॉम ने सब-स्टेशन बनाकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर्स (ओसीसी) में से एक की स्थापना की, जो डीएफसी के संपूर्ण ईस्टर्न खंड के ऑपरेशंस की निगरानी करेगा। इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए एल्सटॉम को भारत में अनेक पहली अभिनवताएं प्रस्तुत करने पर गर्व है। इसमें कॉन्क्रीट ट्रेन की शुरुआत एवं सर्कुलर फाउंडेशन की स्थापना शामिल है, ताकि पारंपरिक फाउंडेशन बिछाने की तकनीक के मुकाबले प्रोजेक्ट की गति को बढ़ाया जा सके। एल्सटॉम द्वारा स्थापित अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी), जो संपूर्ण ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के केंद्र का काम करेगा, उसका भी आज आधिकारिक उद्घाटन किया गया। एल्सटॉम के आईकोनिस (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम) सिग्नलिंग प्लेटफॉर्म पर निर्मित, यह ओसीसी ईस्टर्न कॉरिडोर पर कोलकाता से लुधियाना तक चलने वाली सभी ट्रेनों की गतिविधियों की निगरानी करेगा, क्योंकि यह मुख्य लाईन्स के लिए भारत में पहली बार ‘इंटीग्रेटेड ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम’ (टीएमएस) के साथ सुगम निरीक्षण व निगरानी संभव बनाता है। यह ट्रेनों के नियंत्रण व निगरानी, रेलवे एवं ईडीएफसी के संपूर्ण मार्ग में पॉवर सप्लाई के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में काम करेगा। 30Dec-2020

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