गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

जल्द सिरे चढ़ेगी केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना!

मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के बीच सहमति के बाद साझा हुई डीपीआर दो साल पहले शुरू होने के मुहाने पर पहुंचते ही अटकी थी परियोजना हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी ‘नदियों को आपस में जोड़ने’ वाली परियोजनाओं को फिर से सिरे चढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन परियोजनाओं के तहत मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति न बनने के कारण अंतिम दौर में पहुंचने के बावजूद दो साल पहले अटकी ‘केन-बेतवा’ लिंक परियोजना के अब जल्द शुरू होने के आसार नजर आने लगे हैं। मसलन केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच ज्यादातर स्वीकृतियां हासिल कर ली गई हैं और मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के साथ डीपीआर भी साझा कर दी गई है। दरअसल जलशक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) सोसायटी की 34वीं वार्षिक आम बैठक और नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति (एससीआईएलआर) की लंबे अंतराल के बाद हुई 18वीं बैठक में ऐसे संकेत मिले हैं कि शुरू होने के मुहाने पर पहुंचने के बावजूद अटकी ‘केन-बेतवा’ लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है, जिसकी स्वीकृतियां केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को मिल गई है। इसलिए देश में सबसे पहले शुरू होने को तैयार ‘केन-बेतवा’ लिंक परियोजना अब जल्द शुरू हो सकती है। मंत्रालय ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इन बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण सोसायटी की आम बैठक और नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान के जल संसाधन और जल शक्ति विभाग मंत्रियों के अलावा डीओडब्ल्यूआर, आरडी एंड जीआर सचिव और आईएलआर पर बने कार्यबल के चेयरमैन और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के सलाहकार और विभिन्न केन्द्रीय व राज्य सरकार के संगठनों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इसलिए अटकी थी परियोजना गौरतलब है कि ‘केन-बेतवा’ लिंक परियोजना को अगस्त 2018 में शुरू किया जाना था, लेकिन मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की मध्य प्रदेश सरकार ने प्रथम चरण की मंजूर हुई इस परियोजना में दूसरे चरण के कुछ प्रोजेक्टो को शामिल करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार को अनापत्ति पत्र नहीं सौंपा, जबकि यूपी पहले ही अपनी स्वीकृति दे चुका है। मध्य प्रदेश सरकार की इसी जिद के कारण केन-बेतवा परियोजना शुरू होने में विलंब होते होते दो साल से ज्यादा बीत गये हैं। रहा है। मध्य प्रदेश की इस जिद के सामने स्वयं पीएम मोदी को भी हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसमें तत्काली जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री अरुण जेटली व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी चर्चा करके समाधान निकालने का प्रयास किया, लेकिन मध्य प्रदेश पहले चरण की मंजूरी में दूसरे चरण के प्रोजेक्ट को शामिल किये बिना स्वीकृति देने को तैयार नहीं हो सकी और यह देश की पहली परियोजना अधर में लटक गई थी। बुंदेलखंड के लिए वरदान जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके की 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। मसलन मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड क्षेत्र के 70 लाख लोगों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा, जिन्हें पर्याप्त पानी, फसलों की सिंचाई और रोजगार की समस्या से भी निजात मिलेगी। मसलन इस परियोजना के दायरे में 13.42 लाख जनसंख्या को 49 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल की उपलब्धता से लोगों की प्यास भी बुझेगी। मंत्रालय के अनुासर इस परियोजना के तहत 1700-1700 मिलियन घन मीटर पानी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को मिलेगा। इस परियोजना से जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले की 3,69,881 हेक्टेयर भूमि, तो वहीं उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा व झांसी जिले की 2,65,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता बढ़ेगी, जिसमें झांसी जिले की 6,35,661 हेक्टेयर कृषि भूमि भी शामिल है। ------------------------------------ पांच बड़ी परियोजनाओं पर काम जारी मंत्रालय के अनुसार इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारियां ने जानकारी दी कि देश में जल संकट के साथ सूखे और बाढ़ की समस्याओं के समाधान के लिए नदी लिंक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर बल दिया गया, जिसे खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण करार दिया गया। कटारिया ने पांच बड़ी नदी लिंक परियोजनाओं की डीपीआर और अंतर-राज्यीय व राज्यों के भीतर नदियों से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं की पीएफआर/एफआर की तैयारियों में एनडब्ल्यूडीए द्वारा की गई प्रगति की जानकारी के आधार पर कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति के बाद अब केवल पानी की कमी वाले मौसम में जल की साझेदारी जैसे कुछ छोटे मुद्दे ही लंबित हैं, जिनका समाधन जल्द निकलते ही इस परियोजनों को शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना में जल की साझेदारी पर भी विचार चल रहा है। वहीं कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिए 4,900 करोड़ रुपये की निवेश स्वीकृति हासिल कर ली है, जिससे बिहार के सीमांचल क्षेत्र को खासा फायदा होगा। केन्द्रीय मंत्री ने नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सभी सदस्यों विशेष रूप से संबंधित राज्य सरकारों से सहयोग और सहयता की अपील की। 09DEc-2020

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