बुधवार, 2 दिसंबर 2020

देश में बिछेगा विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्गो का जाल

एनएचएआई को मिला तकनीकी एवं इंजीनियरिंग विशेषज्ञ संस्थानों का साथ देश के 200 प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा एनएचएआई हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाने के लिए एनएचएआई ने निर्माण में तकनीकी और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता के तहत बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का निर्णय लिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण स्थानीय विशेषज्ञता को प्राथमिकता देने की दिशा में ऐसे 200 प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचएआई के हवाले से शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि देश में विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क प्रदान करने और तकनीकी संस्थानों तथा उद्योग के बीच एक पुल बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। दरअसल एनएचएआई ने देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क प्रदान करने के लिए लागत-प्रभावी तरीके से बड़ी संख्या में मेगा हाइवे परियोजनाओं का निर्माण करने की कल्पना की है। एक संस्थान द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के पास के हिस्सों को अपनाने से हितधारक जुड़ाव को सुगम बनाया जा सकेगा और यातायात की बाधा, भीड़भाड़ जैसी नियमित स्थानीय समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी और दुर्घटना-ग्रस्त स्थलों और इसके कारणों की तत्काल पहचान हो सकेगी। इसी मकसद से एनएचएआई ने निर्माण की गुणवत्ता और उसकी तकनीक व इंजीनिरिंग के साथ काम करने की पहल के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थानों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। एनएचएआई के प्रवक्ता के अनुसार इनके अलावा आईआईटी रुड़की, आईआईटी बम्बई, आईआईटी वाराणसी, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर समेत 18 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि आईआईटी, 26 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि एनआईटी और 190 अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों ने एनएचएआई के साथ सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है। इनमें से करीब 200 संस्थान पहले ही एनएचएआई के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। वहीं एनएचएआई 20 स्नातक और 20 स्नातकोत्तर छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ इंटर्नशिप भी प्रदान करेगा। यह पहल एनएचएआई और संस्थान दोनों के लिए सफल परिणाम प्रदान करेगी और छात्रों के बीच बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान की भावना भी पैदा करेगी। निर्माण में तकनीकी व इंजीनियरिंग का इस्तेमाल एनएचएआई के अनुसार प्राधिकरण ने प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों को संस्थान सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत स्वैच्छिक आधार पर राष्ट्रीय राजमार्गों के निकटवर्ती हिस्सों को अपनाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की थी। 300 से अधिक संस्थानों के राष्ट्रीय राजमार्गों के निकटवर्ती हिस्सों को अपनाने के लिए सहयोग करने की उम्मीद है। प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि इस दिशा में अपनाए गए हिस्सों को संकाय और शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन के क्षेत्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और उद्योग में नवीनतम रुझानों के साथ संस्थान के छात्रों को परिचित कराने और प्रासंगिक प्रदर्शन मापदंडों तथा नवाचारों का सुझाव देते हैं।इस पहल के तहत साझेदार संस्थान सड़क सुरक्षा, रखरखाव, परिवहन की सुविधा, अवरोधकों और ब्लैक स्पॉट को हटाने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए एनएचएआई को उपयुक्त सुझाव देंगे। एनएचएआई और संस्थानों ने कहा कि नई परियोजनाओं की अवधारणा, डिजाइन और परियोजना की तैयारी के दौरान परामर्शदाता और एनएचएआई के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित हैं और बेहतर सामाजिक आर्थिक परिणामों के लिए स्थानीय जलवायु, स्थलाकृति और संसाधन क्षमता के अनुभव के आधार पर प्रासंगिक प्रदर्शन मानदंडों और नवाचारों का सुझाव देते हैं। मौजूदा राजमार्गों की दक्षता में होगा सुधार एनएचएआई के अनुसार इस पहल के तहत मौजूदा कमियों को दूर करके और स्थानीय अनुभव के आधार पर पुरानी आवर्ती समस्याओं के संभावित समाधानों की पेशकश करके सुरक्षा प्रावधानों में सुधार करने का प्रस्ताव है। जबकि राजमार्गों के निकट के हिस्से के लगातार रखरखाव में सुधार और नवीन तकनीकों के आधार पर प्रभावी लागत उपायों के माध्यम से आरामदायक परिवहन में सुधार किया जाएगा। इस पहल के तहत भीड़भाड़ वाले इलाकों को समाप्त करने के लिए स्थानीय समाधान करके यातायात की औसत गति में वृद्धि करना है। मौजूदा यातायात प्रणाली और उपयोगकर्ता की अपेक्षाओं के आधार पर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए नए तरीके की सुविधाओं की व्यवहार्यता का गति दी जाएगी। 21Nov-2020

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