शनिवार, 26 दिसंबर 2020

हरिद्वार कुंभ मेले की तैयारियों में जुटा केंद्र!

हरिद्वार में पूरी हुई नमामि गंगे की तमाम परियोजनाएं रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कसी कमर ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। हरिद्वार कुम्भ मेला-2021 की व्यवस्थाओं को लेकर केंद्र सरकार बेहतर व्यवस्थाओं के लिए कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने में जुटा है। नमामि गंगे की सभी परियोजनाओं का पूरा करने के बाद जल शक्ति मंत्रालय ने अन्य संबन्धित तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। वहीं रेलवे ने भी श्रद्धालुओं और यात्रियों के आवागमन और सुरक्षा जैसी तमाम सुविधाओं को सुनिश्चित करने की तैयारियों को तेज कर दिया है। उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ के मद्देनजर नमामि गंगे की खासकर हरिद्वार में तमाम परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं। इन परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करके हरिद्वार कुंभ के लिए तत्कालीक व्यवस्थाओं के लिए पहले ही 85 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। वहीं अधिकारियों को नमामि गंगे मिशन के माध्यम से उत्तराखंड को हर संभव सहायता जारी रखने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना के सभी प्रमुख कार्यों को पूरा करने का दावा किया है, जिसकी पुष्टि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी कर चुके हैं। हरिद्वार कुंभ मेले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी इसी पहलू पर बल रहा है कि हरिद्वार के कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को एक बेहतर सुविधाओं की कोई कमी न हो। केंद्र सरकार पतित पावनी मां गंगे के तट पर लगने वाले हरिद्वार कुंभ मेला के महत्व को समझते हुए उसके आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार के साथ समन्वय बनाते हुए कुंभ मेले की पुरजोर तरीके तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। ------------------------- नमामि गंगे मिशन ने बदली तस्वीर जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा के अनुसार हरिद्वार कुंभ को देखते हुए नमामि गंगे मिशन के तहत सभी सीवरेज परियोजनाएं पूरी होने से हरिद्वार की तस्वीर बदल गई है। मसलन अब हरिद्वार में 145 एमएलडी यानि 14.5 करोड़ लीटर प्रतिदिन की सीवरेज ट्रीटमेंट की क्षमता हो गई है, जो अगले 15 वर्षों के लिए 110 एमएलडी यानि 11 करोड़ लीटर पानी के सीवेज उत्पादन के वर्तमान स्तर को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी। छह साल पहले 2014 में महज 45 एमएलडी ट्रीटमेंट की क्षमता थी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के लिए नमामि गंगे के तहत मंजूर की गई 85 करोड़ रुपये की धनराशि से मेले के दौरान पर्याप्त संख्या में शौचालय, मूत्रालय, डस्टबिन सहित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था, नवनिर्मित एसटीपी, बायोरेमेडिएशन और आईईसी गतिविधियों में सह-उपचार के काम किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इन परियोजनाओं के उद्घाटन करने के दौरान कहा था कि 2019 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कुंभ में देश दुनिया से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के पवित्र जल का अनुभव किया। अब पूरी दुनिया फिर से गंगा में पवित्र डुबकी लगाकर हरिद्वार महाकुंभ में गंगा जल की पवित्रता का अनुभव करेगी। वहीं गंगा से जुड़ी विरासत की बारीकियों का विस्तार से वर्णन करने वाली नवनिर्मित गंगा संग्रहालय श्रद्धालुओं में उत्साह का एक नया स्तर जोड़ने वाला है। ______________________________ विशेष ट्रेने चलाने की योजना तैयार उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोश गंगल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हरिद्वार कुम्भ मेला-2021 हेतु व्यवस्थाओं तथा बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिट्स की बैठक करके उत्तर रेलवे के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा सभी मंडलों के मंडल रेल प्रबंधकों के साथ विस्तार से चर्चा की। बैठक में अगले महीने जनवरी में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेला हेतु की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिये जारी कार्ययोयजनाओं को त्वरित कार्यवाही करके पूरा कराने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये, कि वे कुम्भ के दौरान विशेष रेलगाड़ियों के संचालन, रेलवे स्टाफ की तैनाती, स्वच्छता तथा यात्रियों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सतर्कता के साथ अंतिम रूप देना सुनिश्चित करें। गंगल ने कुम्भ मेला-2021 की व्यवस्थाओं के तहत उन प्रयासों पर बल दिया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर भीड़भाड़ प्रबंधन के भी उपाय करना आवश्यक कदम होगा। वहीं बी.डी.यू. के विषय में गंगल कहा कि इसके प्रयास सराहनीय हैं तथा हमें व्यापक स्तर पर सम्पर्क स्थापित कर और नये माल भाड़ा यातायात को प्राप्त करने के हर सम्भव प्रयास करने होंगे। उत्तर रेलवे अपने ग्राहकों को आरामदायक एवं सुरक्षित रेल सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 20Dec-2020

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