शनिवार, 26 दिसंबर 2020

जल जीवन मिशन: अब तक 278 लाख परिवारों मुहैया कराए नल जल कनेक्शन

देश के 6 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण घरों में पहुंचा कनेक्शन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार के जल जीवन मिश के तहत अब तक देशभर में 278 लाख घरों को नल जल कनेक्शन मुहैया कराया गया। इस मिशन के कार्यान्वयन के बाद अब देश के देश के 6.01 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से पीने योग्य पानी मिल रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार गत 15 अगस्त 2019 को ग्रामीण घरो तक नल के जरिए पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी। मंत्रालय द्वारा देश के 18 जिलों ने सभी घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान किए हैं और हर घर में नल का जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार मिशन के कार्यान्वयन में मुहैया कराए गये जल नल कनेक्शन समेत अब देशभर में फिलहाल 6.01 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के जरिए लोगों को पीने योग्य पानी मिल रहा है। मंत्रालय के अनुसार देश में 19.05 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 3.23 करोड़ परिवारों को पहले ही नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए थे। शेष 15.81 करोड़ घरों में जल जीवन मिशन के तहत नल जल कनेक्शन दिए जाने हैं। इस प्रकार पहले से ही दिए गए कनेक्शनों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध तरीके से लगभग 16 करोड़ परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है। --क्या है मिशन का उद्देश्य-- मंत्रालय के अनुसार जल शक्ति मंत्रालय देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल कनेक्शन के माध्यम से नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के लिए पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन को 2024 तक लागू करने में जुटा है। मिशन के अस्तित्व में आने के बाद राज्यों से आधारभूत डेटा के पुनर्मूल्यांकन कार्य का अनुरोध किया गया था। इस मिशन के तहत हर साल लगभग 3.2 करोड़ परिवारों को कवर किया जाना है, यानी दैनिक आधार पर 88 हजार नल जल कनेक्शन प्रदान किए जाने हैं। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। वहीं पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से आपूर्ति किए गए पानी की गुणवत्ता की निगरानी एक महत्वपूर्ण पहलू है और इन प्रयोगशालाओं को सशक्त करने और उन्हें एनएबीएल द्वारा मान्यता दिलाने पर बहुत जोर दिया जाता है। राज्यों की ओर से आम जनता के लिए पानी की गुणवत्ता प्रयोगशाला सुविधाएं स्थापित की जाएंगी, ताकि किसी गांव की एक महिला भी अपने घर में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकें। --मौजूदा वित्त वर्ष में 23,500 करोड़ का आवंटन-- केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2020-21 में 23,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा 2020-21 में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग का 50 प्रतिशत अनुदान यानी 30,375 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है, जिसका उपयोग जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए किया जाएगा। इससे गांवों में पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के बेहतर नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में मदद मिलेगी, ताकि लोगों को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य पानी मिलता रहे। 20Dec-2020

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