शनिवार, 19 दिसंबर 2020

भारत ने मनाई संसद हमले की 19वीं बरसी:

ाष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी, शाह और राजनाथ ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। संसद पर 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों हमले की 19वीं बरसी पर रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एवं वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद किया है, जिन्होंने संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई थी। संसद भवन परिसर में संसद पर हमले की 19वीं बरसी पर बलिदान करने वाले शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, के अलावा राज्यसभा में सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलामनबी आजाद के अलावा राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा और लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के अलावा अनेक सांसद एवं पूर्व सांसदों के साथ संसदीय अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हुए। लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों ने इस मौके पर पहुंचे शहीदों के परिजनों के साथ बातचीत करके कुशलक्षेम पूछी। गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादी हमले से संसद को बचाने के लिए राज्यसभा सचिवालय के दोनों सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी के अलावा संसद की सुरक्षा में लगी सीआरपीएफ की कांस्टेबल कमलेश कुमारी, दिल्ली पुलिस के सहायक उप निरीक्षक नानक चंद और रामपाल, हैड कांस्टेबल ओम प्रकाश और घनश्याम, के आलवा सपीडब्ल्यूडी के माली देशराज पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के आतंकियों के हमले के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देकर शहीद हो गये थे। वहीं सुरक्षाबलों ने सुरक्षा बलों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। राष्ट्रपति ने किया नमन--- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि 2001 में आज ही के दिन हुए आतंकवादी हमले में संसद की रक्षा करते हुए प्राण गंवाने वाले शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र याद करता है। कोविंद ने कहा कि 2001 में आज ही के दिन संसद पर हुए आतंकवादी हमले में संसद की रक्षा करते हुए प्राण गंवाने वाले शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र याद करता है। हमारे लोकतंत्र के मंदिर के उन प्रहरियों के महान बलिदान को याद करते हुए हम आतंकी ताकतों को परास्त करने के अपने प्रण को और मजबूत करते हैं। संसद पर कायराना हमले को हम कभी नहीं भूलेंगे: मोदी--- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को रविवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि भारत अपनी संसद पर हुए कायराना हमले को कभी नहीं भूलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम हमारी संसद पर आज ही की तारीख में 2001 में हुए कायराना हमले को कभी नहीं भुलाएंगे। हम हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वालों के बलिदान एवं बहादुरी को याद करते हैं। हम हमेशा उनके शुक्रगुजार रहेंगे। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के आतंकियों के हमले में आठ सुरक्षाकर्मियों समेत नौ लोगों ने जवान गंवाई थी। सुरक्षा बलों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। संसद हमले की आज 19वीं बरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीर सपूतों को याद करते हुए कहा कि 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा कि साल 2001 में आज के दिन संसद पर हुए आतंकवादी हमले का डट कर मुकाबला करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षा कर्मियों के पराक्रम एवं शौर्य को मैं नमन करता हूं। उनकी शौर्यगाथा को इस देश की आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। ------- बिरला ने किया 'दी शौर्य अनबाउंड' पुस्तक का विमोचन सीआरपीएफ के डीआईजी ने शहीदों पर लिखी पुस्तक हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद पर हमले की 19वीं बरसी पर बलिदान करने वाले वीर शहीदों की शौर्यगाथाओं पर आधारित 'दी शौर्य अनबाउंड' नामक पुस्तक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया। संसद भवन में रविवार को 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की 19वीं बरसी मनाई गई। इस मौके पर सीआरपीएफ के डीडीआई जी सुश्री नीतू और डीआईसी बीएम दिनाकरन द्वारा लिखी गई 'दी शौर्य अनबाउंड' नामक पुस्तक का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विमोचन किया है। इस पुस्तक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण लांच किये गये हैं। इन पुस्तकों में उन वीरों की शौर्यगाथाएं शामिल हैं जिन्होंने 2001 में हुए संसद हमले को विफल करने में अनुकरणीय वीरता का परिचय देते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। यह पुस्तक केवल ऑपरेशन की कार्रवाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इन वीरों के व्यक्तिगत जीवन और भावनाओं तक पहुँचती हैं। गौरतलब है कि इस आतंकी हमले में संसद की रक्षा करते हुए आठ सुरक्षा जवानों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। इनमें से जगदीश प्रसाद यादव, मातबर सिंह नेगी और श्रीमती कमलेश कुमारी के निःस्वार्थ बलिदान के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से अलंकृत किया गया था। जबकि नानक चंद, रामपाल, ओम प्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से अलंकृत किया गया था। 14Dec-2020

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