शनिवार, 19 दिसंबर 2020

किसान आंदोलन पर अगले 48 घंटे निर्णायक, फिर होगी बातचीत

कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर से मुलाकात के बाद बोले हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों आंदोलन में केंद्र और किसान संगठनों के बीच गतिरोध अगली बातचीत के बाद खत्म हो जाएगा, इसलिए अगले 48 घंटे किसानों के मुद्दों पर सकारात्मक नतीजों के लिए निर्णायक साबित होंगे। यह बात यहां नई दिल्ली में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात के दौरान बैठक में किसानों के मुद्दों पर हुई चर्चा के बाद कही। किसानों के मुद्दे पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात के बाद यह भी कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच आपसी सहमति से सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने अगले 48 घंटों के भीतर सरकार और किसानों के बीच बातचीत होने की जानकारी दी और कहा कि इस बार सभी मामलों को सुलझाकर इस गतिविरोध को विराम दे दिया जाएगा। क्योंकि केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि एमएसपी से इन कानूनों का कोई सबंध नहीं है और वह जारी रहेगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बाद किसानों के हितों के लिए शनिवार को कृषि मंत्री से किसानों के मुद्दों पर दुष्यंत चौटाला ने भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी बातचीत के जरिए आपसी सहमति के साथ इन मुद्दों पर समाधान की पक्षधर है और इसलिए कहा जा सकता है कि अगले दौर की बातचीत निर्णायक नतीजे लेकर सामने आएगी। किसानों का संरक्षण जिम्मेदारी--- जजपा प्रमुख एवं हरियाणा सरकार में हिस्सेदार होने के साथ किसानों के नुमाइंदे के रूप में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके अधिकारों को संरक्षित करें। उन्होंने कहा कि इसी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए उन्होंने कृषि मंत्री तोमर के अलावा अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी किसानों के मुद्दे और आंदोलन को लेकर चर्चा की है। उन्होंने दावा किया कि किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार का रूख पूरी तरह से सकारात्मक और किसानों के हितों की रक्षा करने की ओर है। गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण हरियाणा की मनोहर लाल की सरकार पर काफी दबाव बना हुआ है। दुष्यंत चौटाला ने इससे पहले कहा था कि यदि किसानों के मुद्दे नहीं सुलझते तो वह हरियाणा सरकार से अलग हो सकते हैं। पीयूष गोयल व राजनाथ से भेंट-- हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की है। इन दोनों नेताओं से भी हरियाणा में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के नेता और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन पर चर्चा की है। सभी केंद्रीय मंत्रियों से चौटाला ने यही अपील की है कि किसानों के मुद्दों को लेकर चल रहे गतिरोध को आपसी सहमति से जल्द खत्म किया जाए। __________________ चौटाला को नहीं परवाह-- उधर दूसरी और आंदोलनकारी किसानों का आरोप है कि यदि दुष्यंसत चौटाला किसानों के हितैषी होते तो पहले ही दिन इस्तीफा देकर किसानों के समर्थन में आंदोलन का हिस्सा बन जाते, लेकिन उन्हें कुर्सी से ज्यादा लगाव है। यह आरोप सिंघु बॉर्डर पर चक्का जाम कर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच हजारों भारती किसान मंच के हरियाणा राज्य प्रमुख किसान नेता बूटा सिंह लगाते हुए कहा कि यदि वे उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर किसान आंदोलन से जुड जाते तो किसान उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने का दम रखते हैं। 13Dec-2020

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