बुधवार, 2 दिसंबर 2020

दो पहिया वाहन सवारों के लिए अनिवार्य होगा प्रमाणिक हेलमेट

सरकार ने किया हेलमेट बीआईएस मानकों में संशोधन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार ठोस कदम उठाती आ रही है। देश में हादसों में ज्यादातर मौते दो पहिया वाहन सवारों की सामने आई हैं। इस दिशा में दो पहिया वाहनों की सवारियों के लिए सुरक्षा हेलमेट को अनिवार्य किया है, जो बीआईएस प्रमाणीकरण तथा गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने हेलमेट बीआईएस मानकों में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की है जिसके माध्यम से टू व्ही्लर मोटर वाहनों यानि गुणवत्ता नियंत्रण के सवारियों के लिए हेलमेट आदेश 2020 जारी किया है, जिसमें सवारियों के लिए सुरक्षा हेलमेट को अनिवार्य बीआईएस प्रमाणीकरण तथा गुणवत्ता नियंत्रण प्रकाशन के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार देश की जलवायु स्थिति के अनुकूल हल्केे भार के हेलमेट के बारे में विचार करने तथा हेलमेट का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति बनाई गई थी। इस समिति में एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टैरों तथा बीआईएस के विशेषज्ञों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल किए गए। समिति ने मार्च 2018 में अपनी रिपोर्ट के विस्तृ्त विश्लेाषण के बाद देश में हल्केे भार के हेलमेट की सिफारिश की, जिन्हें मंत्रालय ने स्वीदकार कर लिया है। मंत्रालय ने बताया कि समिति की सिफारिशों के अनुसार बीआईएस ने विशेष विवरणों में संशोधन किया है जिससे हल्केी भार के हेलमेट बनेंगे। भारतीय बाजार में अच्छीत स्पकर्धा और विभिन्न हेलमेट नि‍र्माताओं को देखते हुए आशा की जाती है कि इस स्पकर्धा से अच्छीा गुणवत्ता के कम भार वाले हेलमेट की मांग बढ़ेगी। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.7 करोड़ दो पहिया वाहन बनाये जाते हैं। क्यू सीओ का अर्थ होगा कि केवल बीआईएस प्रमाणित टू व्ही लर हेलमेट ही बनाए जाएंगे और टू व्हीकलर बाजार में बेचे जाएंगे। इससे कम गुणवत्ता वाले हेलमेट की बिक्री कम होगी और परिणामस्वआरूप टू व्हीवलर चालक घातक दुर्घटना से बचेंगे। वाहन के मालिकाना हक बदलना होगा आसान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है, जो वाहन मालिक को पंजीकरण के लिए आवेदन करते समय नामित व्यक्ति का नाम रखने में सक्षम बनाता है। प्रस्ताव के तहत बैंक के खातों की तर्ज पर पहचान किए गए परिवार के सदस्य या किसी अन्य नामित व्यक्ति को बिना किसी परेशानी का सामना किए, वाहन स्वामित्व का हस्तांतरण किया जा सकेगा। हालांकि नॉमिनी का नाम ऑनलाइन आवेदन के जरिए बाद में भी भी जोड़ा जा सकता है। इससे मालिक के परिवार के सदस्यों को बड़ी राहत मिलेगी, खास तौर पर उस समय जब वाहन मालिक की मौत हो जाती है। मसौदा नियम के मुताबिक मालिक को सत्यापन के लिए नॉमिनी के कुछ प्रमाण पेश करने होंगे। मंत्रालय का मानना है कि मौजूदा समय में सड़क दुर्घटना या अचानक मौत हो जानी की स्थिति में कार, बाइक, स्कूटर समेत अन्य वाहनों का स्वामित्व हस्तांतरित कराने में आश्रित परिवारों को इतनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। वहीं अभी लंबी प्रक्रिया के तहत परिवार के सभी सदस्यों से एनओसी लेने के बाद ही वाहन स्वामित्व का हस्तांतरण हो पाता है। अब सरकार ने मोटर व्हीकल कानून में बदलाव के लिए प्रस्ताव दिया है। मौजूदा कानूनी प्रक्रिया के अनुसार 90 दिनों के अंदर गाड़ी के मालिकाना हक का हस्तांतरण हो जाना चाहिए। इस समय अवधि के भीतर ऐसा नहीं होने पर हर महीने 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। -------------------------------------- अब कानूनी दायरे में आएंगे विंटेज कारों के पंजीकरण केंद्र सरकार जल्द करेगी केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। प्राचीन वाहनों यानि विंटेज कारो व अन्य वाहनों के शौकीनों के लिए ऐसे वाहनों इस्तेमाल जल्द ही कानूनी दायरे में होगा। मसलन केंद्र सरकार ने ऐसे तमाम विंटेज वाहनों के पंजीकरण को कानूनी रूप देने की योजना के तहत केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के लिए आम लोगों से सुझाव व टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए विंटेज मोटर वाहनों से संबंधित केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में संशोधन के संबंध में टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं। इस अधिसूचना के माध्यम से मंत्रालय की विंटेज मोटर वाहनों के पंजीकरण को कानूनी रूप देने की योजना है। विरासत के लिहाज से खासे मूल्यवान इन वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए वर्तमान में कोई नियम नहीं हैं। उप नियम 81ए, 81बी, 81सी, 81डी, 81ई, 81एफ, 81जी के रूप में इन नियमों को केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है। नियमों के मसौदे में विंटेज मोटर वाहनों का ऐसे वाहनों के रूप में वर्णन किया गया है कि जो गैर वाणिज्यिक या व्यक्तिगत उपयोग वाले दोपहिया और चार पहिया वाहन हैं और पहली बार आयातित वाहनों सहित पंजीकरण की तारीख से 50 साल से ज्यादा पुराने हैं, उन्हें विंटेज मोटर वाहनों के रूप में पुकारे जाने का प्रस्ताव किया जाता है। परिभाषा में वाहन में कुछ ज्यादा ओवरहाल किए जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसमें चेसिस या बॉडी सेल, और या इंजन में बदलाव शामिल हैं। नियमों के इस मसौदे पर अगर कोई आपत्तियां और सुझाव हैं तो वे अधिसूचना जारी होने के 30 दिन के भीतर भेजे जा सकते हैं। अलग होगी पंजीकरण की प्रक्रिया मंत्रालय की जारी अधिसूचना के अनुसार विंटेज वाहनों के प्रंजीकरण की प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव किया गया है कि ऐसे वाहनों के पंजीकरण के लिए सभी आवेदनों के लिए “परिवहन” पोर्टल पर अनुरोध करना होगा। यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सभी राज्यों के पंजीकरण विभाग को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो विंटेज मोटर वाहनों के पंजीकरण के लिए सभी आवेदनों को आगे बढ़ाएगा। इसके अलावा राज्यों को एक समिति बनानी होगी, जो वाहन का निरीक्षण करेगी और घोषणा करेगी कि क्या वाहन विंटेज मोटर वाहन के तहत पंजीकरण के लिए फिट है। मंत्रालय के अनुसार यदि स्वीकृति मिल जाती है, तो संबंधित विंटेज वाहन को एक 10 डिजिट की अल्फा न्यूमेरिक संख्या दी जाएगी। यह पंजीकरण 10 साल के लिए वैध होगा। पंजीकरण चिह्न के प्रारूप में अक्षर ‘XX VA YY ****’ शामिल होंगे, जिसमें VA का मतलब विंटेज, XX का मतलब राज्य का कोड, YY दो अक्षरों की सीरीज और ‘****’ राज्य पंजीकरण विभाग द्वारा 0001 से 9999 तक आवंटित एक संख्या होगी। मंत्रालय के अनुसार विंटेज वाहनों के नए पंजीकरण के लिए 20 हजार रुपये और उसके बाद पंजीकरण के लिए पांच हजार रुपये शुल्क का प्रावधान करने का प्रस्ताव है। विंटेज वाहनों का सीमित इस्तेमाल मंत्रालय के अनुसार यदि एक वाहन विंटेज मोटर वाहन के रूप में पंजीकृत हो जाता है, तो ऐसे वाहन की खरीद और बिक्री नियमों के अंतर्गत ही होगी। क्योंकि विंटेज मोटर वाहन का सीमित इस्तेमाल होता है। खासतौर से एक विंटेज मोटर वाहन को सिर्फ प्रदर्शन, तकनीक शोध या एक विंटेज कार रैली में भाग लेने, ईंधन भरवाने और मरम्मत, प्रदर्शनी, विंटेज रैलीऔर ऐसी प्रदर्शनी अथवा कार रैली में ले जाने के लिए भारतीय सड़कों पर चलाने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य भारत में पुराने वाहनों की विरासत की रक्षा करना और प्रोत्साहन देना है। 28Nov-2020

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