सोमवार, 21 सितंबर 2020

आत्मनिर्भर भारत: भारतीय हुए ‘गो वोकल फॉर लोकल’

देश में वायरल हुआ खादी का ई-मार्केट पोर्टल वायरल

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग के ऑनलाइन विपणन खंड में प्रवेश ने बड़ी तेजी से अखिल भारतीय पहुंच स्‍थापित की है। मसलन कारीगर केवीआईसी ई-पोर्टल के माध्‍यम से देश के दूर से दूर स्थित भागों में अपने उत्‍पाद बेचने में समर्थ हो रहे हैं।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं उद्यम मंत्रालय के अनुसार केवीआईसी की यह ऑनलाइन बिक्री इस वर्ष 7 जुलाई को केवल खादी के फेस मास्‍क बनाने के साथ शुरू हुई थी, लेकिन इसने इतनी जल्‍दी ही पूरी तरह विकसित ई-मा‍र्केट मंच का रूप धारण कर लिया है आज इस पर 180 उत्‍पाद मौजूद हैं तथा और बहुत से उत्‍पाद इसमें शामिल होने की प्रक्रिया में हैं। केवीआईसी के अनुसार उत्‍पादों की रेंज में हाथ से कते और हाथ से बुने महीन कपड़े जैसे मलमल, सिल्‍क, डेनिम और कॉटन, रितु बेरी के यूनिसेक्‍स विचार वस्‍त्र, खादी की सिग्‍नेचर कलाई घड़ी, अनेक प्रकार के शहद, हर्बल और ग्रीन टी, हर्बल दवाइयां और साबुन, पापड़, कच्‍ची घानी सरसों का तेल एवं अन्‍य पदार्थों के साथ विविध प्रकार के हर्बल सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं। केवीआईसी रोजाना अपनी ऑनलाइन माल सूची में कम-से-कम 10 नए उत्‍पाद जोड़ रहा है और इसने इस वर्ष 2 अक्‍टूबर तक कम से कम 1000 उत्‍पादों को जोड़ने का लक्ष्‍य निर्धारित कर रखा है। दो मास से भी कम समय में केवीआईसी ने लगभग 4000 ग्राहकों को अपनी सेवा उपलब्‍ध कराई है। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्रीस्वदेशीमुहिम को गति प्रदान करने वाली है और इसका उद्देश्‍य स्‍थानीय कारीगरों को सशक्‍त बनाना है। खादी का ई-मार्केट पोर्टल हमारे कारीगरों को अपने उत्‍पाद बेचने के लिए अतिरिक्‍त मंच उपलब्‍ध करा रहा है। यह आत्‍मनिर्भर भारतका निर्माण करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

31 राज्यों से ऑनलाइन आर्डर

केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि केवीआईसी को 31 राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों से ऑनलाइन आदेश प्राप्त हुए हैं, जिनमें दूर-दराज स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, केरल, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भी शामिल हैं। केवीआईसी ने माल की मुफ्त डिलीवरी के लिए न्यूनतम आदेश 599 रुपये निर्धारित किया है। केवीआईसी ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से वस्‍तुओं की खेप की आपूर्ति के लिए डाक विभाग के साथ एक अनुबंध किया है। केवीआईसी के अनुसार उसने ई-पोर्टल को इन-हाउस विकसित किया है, इस प्रकार इससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये की बचत हुई है। ऐसी ही प्रक्रिया केवीआईसी द्वारा इन-हाउस विकसित पीएमईजीपी ई-पोर्टल में हुई है, जहां इसने वेबसाइट विकास और रखरखाव पर कम-से-कम 20 करोड़ रुपये बचाए हैं। केवीआईसी की ऑनलाइन माल सूची में पुरुषों के लिए सिले-सिलाए मोदी कुर्ता और  मोदी जैकेट और महिलाओं के लिए पलाजो और सीधे ट्राउजर्स शामिल हैं। अन्‍य अनेक उत्‍पाद जैसे खादी रुमाल, मसाले, हर्बल नीम, लकड़ी की कंघी, शैम्पू, सौंदर्य प्रसाधन, गाय का गोबर और गोमूत्र साबुन, योग पोशाक और अनेक प्रकार की रेडी-टू-ईट खाने की वस्‍तुओं को भी अभी तक इसमें शामिल किया गया है।

10Sep-2020

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें