सोमवार, 28 सितंबर 2020

अब नहीं हो सकेगा विदेशी अंशदान का दुरुपयोग

संसद ने लगाई एफसीआरए विधेयक पर मुहर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

केंद्र सरकार ने विदेशी धन के दुरुपयोग को रोकने और उसमें पारदर्शिता लाने की दिशा में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम यानि एफसीआरए विधेयक में संशोधन के प्रस्ताव पर दोनों सदनां में मुहर लग गई है।

लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा रविवार को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में विदेश से आर्थिक मदद पाने या लेने वाले वाले गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों के लिए आधार अनिवार्य किया गया है। इस विधेयक पर सोमवार को हुई चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया, जिसे राज्यसभा पहले ही पास कर चुकी है। चर्चा के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि लोकसभा में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम विधेयक या एफसीआरए विधेयक में प्रस्तावित संशोधन लोक सेवकों को विदेशी फंडिंग मिलने से रोकता है। मसलन अगर कोई व्यक्ति पूर्व अनुमति के लिए आवेदन करता है या एफसीआरए के तहत पंजीकरण काराना चाहता है या अपने एफडीआरए लाइसेंस को रिन्यू कराना चाहता है तो उसे पहले सभी पदाधिकारियों, निदेशकों और प्रमुख अधिकारियों के आधार नंबर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने होंगे। भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक के जरिए पारदर्शिता लाना इसलिए भी आवश्यक हो गया है क्योंकि यह एफसीआरए का उल्लंघन नहीं हो रहा है, को भी सुनिश्चित करेगा, जिसमें आपात मानक अपनाने होंगे। यदि हम उन लोगों के खाते फ्रीज नहीं करते हैं जिनके खिलाफ जांच चल रही है, हम जांच कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि संशोधन से विदेशी धन का दुरुपयोग रोका जाएगा। उन्होंने दावा किया कि कई एनजीओ सार्वजनिक फंड को व्यक्तिगत कार्य में इस्तेमाल कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि संशोधन एनजीओ या किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और इससे विदेशी फंडिंग नहीं रुक जाएगी। एफसीआरए एक राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा कानून है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी फंड राष्ट्रीय हितों को प्रभावित न करे। चर्चा के दौरान भाजपा सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहा कि हम सब जानते हैं कि नॉर्थ-ईस्ट में क्या हुई, पिछले 50 सालों में स्थितियां वहां किस तरह बदली हैं और एक विशेष धर्म का विस्तार हुआ है। ऐसी सरकारी और खुफिया रिपोर्ट हैं जो बताती हैं कि एफसीआरए के तहत आने वाले धन से किस तरह इन इलाकों में उग्रवाद बढ़ा है। इसी प्रकार सत्यपाल सिंह ने कहा कि एफसीआरए विधेयक का कंसेप्ट आपातकाल के दौरान आया था जब सरकार केंद्र का विरोध कर रहे लोगों को विदेश से मिलने वाली मदद पर रोक लगाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि उचित निगरानी के लिए सभी कर्मचारियों, निदेशकों आदि की आधार जानकारी ली जाएगी और उन्हें केवल दिल्ली में एसबीआई के खाते में राशि प्राप्त करने की अनुमति होगी। सरकार को इस विधेयक पर शिवसेना व वाईएसआर कांग्रेस का भी समर्थन मिला है।

22Sep-2020

 

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