गुरुवार, 24 सितंबर 2020

इतिहास में पहली बार खास बदलाव के साथ कल शुरू होगा संसद सत्र


संसद के मानसून सत्र की बदली व्यवस्थाओं की सभी तैयारियां पूरी


अध्यादेशों को विधेयक में बदलवाना होगी सरकार की प्राथमिकता

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।  

संसद के मानसून सत्र को 14 सितंबर सोमवार से शुरू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोरोना संकट की वजह से इतिहास में पहली बार व्यवस्थाओं में खास बदलाव के बीच भले ही संसद सत्र औपचारिक माना जा रहा हो, लेकिन कई मायनों में यह सत्र भारतीय संसद के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिसमें दोनों सदनों की कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सांसदों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ अन्य को भी कोरोना महामारी के विशेष प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा।                                  

 कोरोना संकट के कारण इस बार संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक सीमित किया गया है।

शायद यह संसद के इतिहास में ऐसा पहला मौका होगा, जब कोरोना संक्रमण के बचाव के मद्देनजर सामाजिक दूरी के मानदंड को अपनाने के कारण लोकसभा और राज्यसभा के सांसद एक दूसरे सदन और उनकी विभिन्न दीर्घाओं में बैठकर कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। यही कारण है कि पहले दिन 14 सितंबर सोमवार को लोकसभा की बैठक सुबह 9 बजे से एक बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही अपरान्ह तीन बजे से सांय सात बजे तक होगी। इसके बाद 15 सितंबर से 01 अक्टूबर तक राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और लोकसभा की कार्यवाही अपरान्ह तीन से सायं सात बजे तक होगी। मसलन प्रत्येक दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बारी बारी से दो अलग-अलग पारियों में होगी। प्रश्नकाल व शून्यकाल और चर्चा जैसी गतिविधियों के समय को भी सीमित रखा गया है।

सरकार के एजेंडे में खास

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार के एजेंडे में 23 नए विधेयक होंगे, जिनमें 11 विधेयक अध्यादेशों का स्थान लेंगे। इनमें ज्यादातर वे अध्यादेश हैं जिन्हें सरकार कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित देश के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के इरादे से लेकर आई थी। ऐसे अध्यादेशों में सांसदों के वेतन में 30 फिसदी कटौती करना, स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को सख्त कानूनी रूप देना शामिल है। वहीं किसानों के उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, जम्मू एवं कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, हाथ से मैला उठाने को प्रतिबंधित करने वाले कानून संबन्धी विधेयक, बहु राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, आढ़त नियमन विधेयक आदि भी संसद में पेश होंगे। लोकसभा सचिवालय के अनुसार सदन में वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों का पहला बैच चर्चा एवं पारित होने के लिये पेश होगा, इसमें वर्ष 2016-17 के अधिशेष अनुदान की मांगों पर भी चर्चा और मतदान कराया जाएगा।

कैसे होगी सांसदों के बैठने की व्यवस्था

लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद सत्र के दौरान 545 सदस्यीय लोकसभा कक्ष में केवल 257 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जबकि 172 सांसद लोकसभा की विभिन्न दीर्घाओं में बैठेंगे। लोकसभा में मौजूदा सदस्यों में बचे बाकी 111 सांसदों में से 60 को राज्यसभा कक्ष और 51 सांसदों को राज्य सभा की विभिन्न दीर्घाओं में बैठाया जाएगा। इसी प्रकार 250 सीटों की क्षमता वाले राज्यसभा कक्ष में राज्यसभा के 60 सदस्य और 51 विभिन्न दीर्घाओं में बैठाए जाएंगे। जबकि 245 में से मौजूदा 244 सदस्यों में से बाकी बचे 133 राज्यसभा सांसदों को लोकसभा कक्ष में बैठाया जाएगा। संसदीय सूत्रों के अनुसार संसद सत्र की 18 बैठकों के दौरान दोनों सदनों में आसन के करीब महासचिव के साथ सचिवों, संसदीय अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा मंत्रालय और विभागों के अधिकारियों की संख्या को भी सीमित रखा गया है। इस सत्र में यह भी खासबात रहेगी कि यह सत्र बिना किसी अवकाश के निरंतर चलेगा, जिसमें विशेष परिस्थिति को छोड़कर दर्शकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं मीडियाकर्मियों को रोस्टिंग के आधार पर सीटे दी जा रही हैं।

प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य

संसद के मानसून सत्र में कोरोना संकट के कारण सुरक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अलावा दोनों द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य किया गया। इसके लिए पीएम और उनके कैबिनेट सदस्यों, सभी सांसदों, संसदीय और मंत्रालय के अधिकारियों व कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों को कोरोना टेस्ट कराए बिना संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए प्रवेश नहीं मिलेगा। हालांकि संसद के मानसून सत्र के लिए दोनों सदनों में सीटों के बीच कोरोना संक्रमण के रोधी फाइबर बिछाया गया है, लेकिन सामाजिक दूरी जैसे कोरोना महामारी के उपायों का पालन करना जरुरी होगा। सांसदों की उपस्थिति के लिए मोबाईल एप अटेन्डेंस रिजस्टर’ तैयार किया गया है।

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राज्यसभा में बनाए गये ये नियम

राज्यसभा सचिवालय के अनुसार उच्च सदन की कार्यवाही में सभी सांसदों के लिए विभिन्न दीर्घाओं की सटों को कंसोल्स के साथ फिट किया गया है। प्ले-कार्ड्स राज्यसभा की गैलेरी में पार्टियों को इंडीकेट करेंगे। वहीं दोनों सदनों को जोड़ने के लिए स्पेशल केबल का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे कार्यवाही के ऑडियो-विजुअल बिना देरी के दोनों हाउस के बैठे मेंबर्स तक पहुंचे। स्पेशल केबल से मेंबर्स के रियल टाइम पार्टिसिपेशन में मदद मिलेगी। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार राज्यसभा की ऑफिशियल्स गैलेरी को चेंबर से अलग करने के लिए पॉलीकार्बोनेट शीट्स का इस्तेमाल होगा। एयर कंडिशनिंग सिस्टम में अल्ट्रावॉइलेट जर्मिसिडल इर्रेडिएशन सिस्टम का इस्तेमाल पर बल रहेगा, ताकि एयर सप्लाई में बैक्टीरिया और वायरस को खत्म किया जा सके।

13Sep-2020


 

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