मंगलवार, 29 सितंबर 2020

नई दिल्ली और सीएसएमटी मुंबई रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत

निविदा प्रक्रिया पूर्व बैठक में चार साल में काम पूरा करने की जताई उम्मीद

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।  

भारतीय रेलवे की देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को यात्रियों का विश्वस्तरीय सुविधाओं और उनके आधुनिकीकरण की दिशा में परियोजनाओं को अंतिम रूप देने की कवायद तेज हो गई है। भारतीय रेलवे ने इसमें राष्ट्रीय राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और आर्थिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पुनर्विकास की योजनाओं के लिए निविदा प्रक्रियाओं को तेज कर दिया गया है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई के पुनर्विकास के लिए दूसरी प्री-बिड मीटिंग में नीति आयोग और रेलवे बोर्ड के अलावा रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की परियोजनाओं के लिए भारतीय रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा यहां दूसरे प्री-बिड मीटिंग की गई, जिसमें फ्रेंच नेशनल रेलवेज टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर, अडानी ग्रुप और जीएमआर ग्रुप जैसे 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में नीति आयोग के चेयरमैन अमिताभ कांत और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इस परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हितधारकों से चर्चा की। इस बैठक में रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रास्ट्रक्चर) प्रदीप कुमार, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी और मध्य रेलवे के महाप्रबंधक संजीव मित्तल भी चर्चा में शामिल रहे। बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देते हुए रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि उम्मीद जताई गई कि देश के सबसे व्यस्तम रेलवे स्टेशनों में शुमार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के विश्वस्तरीय पुनर्विकास की परियोजना को चार साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना

रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की इस प्रमुख पुनर्विकास परियोजना के लिए करीब 6,500 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाया गया है। इस परियोजना का मकसद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट द्वारा बुनियादी सुविधाओं से लैस कर एक मल्टी-मोडल हब के रूप में स्थापित करना है। इन सुविधाओं में यात्रियों के आगमन और प्रस्थान के लिए एलिवेटेड कॉनकोर्स, नया प्लेटफॉर्म, यात्री सुविधाओं के लिए विशेष स्थान जैसे लाउंज, फूड कोर्ट और टॉयलेट, कई प्रवेश और निकास बिंदुओं से जुड़ा एक एलिवेटेड रोड नेटवर्क

, एक बहु-स्तरीय कार पार्किंग शामिल है। नवीनतम तकनीक के उपयोग द्वारा ग्रीन बिल्डिंग प्रावधानों जैसे प्राकृतिक वेंटिलेशन और बेहतर प्रकाश की व्यवस्था भी की जा रही है। प्राइवेट प्लेयर्स नई दिल्ली स्टेशन पर 5 लाख स्क्वायर मीटर के क्षेत्र और कमर्शियल पर्पस के लिए इसके आसपास के 2.6 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र का पुनर्विकास करेंगे। इस परियोजना की रियायत अवधि 60 वर्षों की है और लगभग चार वर्षों में प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है। रियायतकर्ता टिकट बिक्री के माध्यम से यात्रियों से एकत्रित पैसेंजर हैंडलिंग फीस, स्टेशन के भीतर यात्री सुविधाओं जैसे रिटेल एरिया, लाउंज, पार्किंग, एडवरटाइजिंग स्पेस, एफएंडबी इत्यादि व कमर्शियल प्रोपर्टी के डेवलपमेंट और लीज सहित कई घटकों से राजस्व कमाएगा।

कनॉट पलैस की बदलेगी सूरत

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की इस परियोजना में करीब 30 एकड़ भूमि पर रिटेल, ऑफिस और हॉस्पिटैलिटी डेवलपमेंट जैसे फाइव स्टार होटल, बजट होटल और अपार्टमेंट सरीखे कमर्शियल डेवलपमेंट भी शामिल होगा। कनॉट प्लेस के बाहरी सर्कल में सिविक सेंटर के समीप भवभूति मार्ग पर बिजनेस हब की परिकल्पना भी की जा रही है। स्टेशन को डीएमआरसी की मेट्रो सेवाओं में येलो लाइन, एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन और पैदल मुख्य मार्ग के जरिए कनॉट प्लेस आउटर सर्कल के साथ जोड़ा जाएगा। आरएफक्यू के अन्य घटकों में निर्दिष्ट स्थानों पर रिटेल, होटल्स, ऑफिस और सर्विस अपार्टमेंट्स जैसे स्वीकृति योग्य कमर्शियल डेवलपमेंट्स शामिल हैं।

सीएसएमटी मुंबई परियोजना

रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक प्राधिकरण आरएलडीए के अनुसार इसी प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई यानि सीएसएमटी के मध्य में स्थित एक ऐतिहासिक और वर्ल्ड हैरिटेज साइट है। सीएसएमटी परियोजना की लागत 1,642 करोड़ रुपये और रियल एस्टेट की लागत 1,433 करोड़ रुपये है। सीएसएमटी, वादी बंदर और बायकुला में कुल रियल एस्‍टेट बीयूए 25 लाख वर्ग फुट है। एनडीएलएस की तर्ज पर सीएसएमटी, मुंबई  के पुनर्विकास के दौरान विभिन्न तरह के बदलाव के तहत इसे मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब की तरह विकसित किया जाएगा। आरएलडीए मौजूदा 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक आईआरएसडीसी ने अन्य 61 स्टेशनों को पुनर्विकसित करने हेतु चयनित किया है। पहले चरण में आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर और पुदुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा। 

27ैमच92020

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