बुधवार, 2 सितंबर 2020

केंद्रीय कैबिनेट का फैसला:अब सरकारी नौकरी के लिए केवल एक परीक्षा!

केंद्र सरकार ने दी राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी

फिलहाल तीन भर्ती एजेंसियों का समायोजन, बाकी भर्ती एजेंसियां भी एनआरए में होंगी शामिल

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

मोदी सरकार ने रोजगार तलाश करने वाले युवाओं को बड़ी सौगात देते हुए  राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह एजेंसी सरकारी नौकरी के चयन के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन करेगी। मसलन अब सरकारी नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं को केवल एक ही परीक्षा देनी होगी।                                                                               

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकारी नौकरियों के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय कैबिनेट बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि स्थापित होने वाली राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी 12 भाषाओं में एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) यानि परीक्षा का आयोजन करेगी। यह कंप्टूयर बेस्ड ऑनलाइन परीक्षा होगी जिसके लिए हर जिले में इसके लिए एक सेंटर बनेगा। मसलन इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद सरकारी नौकरी के चयन के लिए विभिन्न परीक्षाओं में बैठने के बजाए अभ्यार्थियों को अब एक ही परीक्षा में बैठना होगा। इस मौके पर केंद्रीय कार्मिक सचिव सी. चंद्रमौली ने कहा कि केंद्र सरकार में फिलहाल 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां ​​हैं। इस प्र

स्ताव के तहत फिलहाल एसएससी, आईबीपीएस और आरआरबी एजेंसी को राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में लाया जा रहा है। इसके बाद अन्य भर्ती एजेंसियों को भी इसमें समायोजित कर लिया जाएगा। चन्द्रमौली ने कहा कि इस भर्ती एजेंसी के गठन का मकसद युवाओं को अलग-अलग परीक्षाओं के जाल से छुटकारा दिलाना और भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाना है। इस एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षा यानि सीईटी मेरिट लिस्ट तीन साल के लिए मान्य रहेगी, जिसमें अभ्यर्थियों को अपने अंकों में सुधार के लिए आगामी परीक्षा में भी बैठने का मौका मिल सकेगा। कार्मिक सचिव सी चन्द्रमौली ने कहा कि इस भर्ती एजेन्सी का गठन सोसायटी अधिनियम के तहत किया गया है और यह एक स्वायत्त संस्थान होगा। इस मौके पर केन्द्रीय कार्मिक और पेंशन मामलों के मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार ने रोजगार के इच्छुक उम्मीदवारों की सुविधा के लिए क्रांतिकारी और रोजगार के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किया है। इससे भर्ती, चयन प्रक्रिया और प्लेसमेंट की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे निम्न वर्ग के उम्मीदवारों को विशेष रूप से फायदा होगा।

गन्ना किसानों को तोहफा

केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में बुधवार को 2020-21 (अक्तूबर-सितंबर) 2020-21 विपणन वर्ष के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये कुंतल करने को मंजूरी दी गई है। मसलन यह दाम गन्ने के अक्तूबर 2020 से शुरू होने वाले नए विपणन सत्र के लिए तय किया गया है। यह मूल्य दस फीसदी की रिकवरी के आधार पर तय की गई है, लेकिन अगर एक फीसदी रिकवरी बढ़ेगी यानी अगर 11 फीसदी रिकवरी हुई तो प्रति क्विंटल 28.50 रुपये ज्यादा मिलेंगे। वहीं 9.5 फीसदी या उससे कम भी रिकवरी रहने पर भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270.75 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कीमत मिलेगी।

तीन और हवाई अड्डे निजी कंपनियों के हवाले

केंद्र सरकार ने देश में तीन और हवाई अड्डो को निजी कंपनियों को सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। फिलहाल छह हवाई अड्डों का संचालन, प्रबंधन और विकास का ठेका प्राइवेट कंपनियों को दिए जाने का फैसला किया गया है। इसके लिए नीलामी के जरिए टेंडर मंगाया गया था। इसी प्रकार सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को जयपुर, गुवाहाटी और तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे देने का फैसला बुधवार को किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इससे सरकार को तुरंत 1,070 करोड़ रुपये मिलेंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस पैसे का इस्तेमाल छोटे शहरों में हवाई अड्डों का विकास करेगी। प्राइवेट कंपनियों के ये हवाई अड्डे 50 साल की लीज पर दिए जा रहे हैं।

डिस्कॉम्स को राहत

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के तहत पिछले साल के राजस्व के कार्यशील पूंजी की 25 फीसदी की सीमा से ऊपर डिस्कॉम को ऋण देने के लिए पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को एकमुश्त छूट देने की मंजूरी दी। जावडेकर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पावर सेक्टर की परेशानी को देखते हुए यह फैसला किया है। अब वो डिस्कॉम्स को उनके वर्किंग कैपिटल के 25 फीसदी तक की रकम से ज्यादा ऋण दे सकते हैं। इससे डिस्कॉम्स से लिक्विडिटी बढ़ेगी और डिस्कॉम्स को बिजली वितरण में परेशानी नहीं होगी।

20Aug-2020



 

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