शनिवार, 12 सितंबर 2020

राग दरबार:चुनावी बिसात बिछाना शुरू

 सियासी मोहरा

देश की सियासत में राजनीतिक दलों की उठापठक और चुनावी रणनीतियां लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन आने वाले माह में बिहार में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को तेज करते हुए चुनावी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। इस चुनावी सरगर्मी के बीच जैसी खबरे आ रही हैं उसमें भाजपा कोरोना संकट के बीच बिहार चुनावों को टालने के पक्ष हैं, हालांकि चुनाव आयोग संकेत दे चुका है कि चुनाव समय पर होंगे। राजनीतिकारों की माने तो भाजपा के बिहार चुनाव के संबन्ध में कराए गये सर्वे में संतोषजनक नहीं है? शायद यही कारण है कि भाजपा ने राजग के सहयोगी दल लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान को एक मोहरे के तौर पर नितिश सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है जो लगातार राजग गठबंधन की सरकार के बावजूद पिछले दिनों से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाते आ रहे हैं। राजनीतक गलियारों में चर्चा की माने तो भाजपा के इन चुनाव को कोराना काल में टालने के पक्ष में लोजपा भी सहमत है, यही वजह मानी जा रही है कि राजग में शामिल दलों की सीटों का बंटवारा ठीक तरीके से हो और इसके लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने के मुद्दे पर लोजपा के चिराग पासवान राज्य सरकार को निशाने पर लिये हुए है। चर्चा तो यहां तक पहुंची है कि पासवान ने यहां तक कहा कि अब बिहार में एक आदमी का ऐजेंडा नहीं चलेगा। ऐसे में चेतावनी में रूप में यहां तक बयान सामने आए कि यदि ऐसा  चलता रहा तो लोजपा सभी सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। राजनीतिकारों की माने तो चिराग के ऐसे तल्ख बयानों के पीछे भाजपा की रणनीति काम कर रही है। मसलन सीटों के बंटवारे में नीतीश की मनमानी रोकने के प्रयास में भाजपा एक तीर से दो निशाने साधने में लगी है और चिराग तो महज एक मोहरा बने हैं?

मादी है तो मुमकिन है

देश की पुरानी कांग्रेस पार्टी मौजूदा दौर में जिन सियासी मुश्किलों के दौर से गुजर रही इसका इल्म शायद गांधी परिवार को है या नहीं! लेकिन कांग्रेस को गर्त में जाते दख रहे राहुल गांधी स्वीकार चुके हैं कि मोदी है तो कुछ भी मुमकिन हैक्योंकि राहुल ने अपना आदतन नकारात्मक टिप्पणी करते हुए जिस प्रकार से इसकी व्याख्या की है उससे ऐसा लगता है कि वह मान रहे हैं कि यदि मोदी केंद्र की सत्ता में बनी रही तो देश में कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व पर सियासी खतरे मंडराते रहेंगे और पार्टी की सियासी रणनीतियों पर पानी फिरता रहेगा। राजनीतिकारों की माने तो मामला चाहे विदेश नीति का हो या देश के विकास और सुरक्षा के मद्देजनर सेना का हो या रोजगार संबन्धी मामलों का हो, उसमें मोदी सरकार की नीतियों से देशहित में तेजी से आते बदलाव को कांग्रेस पार्टी भी महसूस कर रही है, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है, उसमें केवल पार्टी के स्वार्थ की रणनीति है, तभी तो कांग्रेस को बुलंदियों तक पहुंचाने का ख्वाब देखते आ रहे राहुल लगातार जिस प्रकार की टिप्पणियां करते हैं और उनका सोशल मीडिया पर जब मजाक तक बनता है, तो भी राहुल गांधी यही कहते नजर आ रहे हैं कि लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं मीडिया भी मेरा मजाक उड़ाता है उड़ाओ! लेकिन वह ऐसे ही सही बोलता रहूंगा और मोदी सरकार की नीतियों को उजागर करता रहूंगा। दरअसल जब से मोदी सरकार केंद्र की सत्ता में आई है राहुल गांधी लगातार केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते आ रहे हैं!

23Aug-2020

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