सोमवार, 21 सितंबर 2020

रेलवे अधिकारियों ने की जर्मन रेलवे के विशेषज्ञों के साथ चर्चा

कोरोना काल में कैसे पटरी पर आएगा रेल यातायात

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

वैश्विक कोरोना महामारी के कारण सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालते हुए भारतीय रेलवे देश में आवश्यक माल और यातायात सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहा है। ऐसी अभूतपूर्व और चुनौतीपूर्ण माहौल में जर्मन रेलवे कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है।

उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने एक वेब संगोष्ठी के जरिए सर्वोत्तम तकनीकों से सीखने के इरादे से जर्मन रेलवे कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों के साथ अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। इसमें जर्मन रेलवे कॉरपोरेशन के साथ जुड़े फेलिक्स रेजवेस्की एवं फेलिक्स उलरिच जैसे वैश्विक विशेषज्ञों ने रेलवे संबंधित क्षेत्रों में वरिष्ठ पदों पर काम कर रहे अपने भारतीय सहयोगियों आशीष गर्ग और सुमंत वत्स के साथ जर्मन रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा कोरोना संकट के दौरान ट्रेनों के कुशल संचालन और रखरखाव के लिए उठाए गए कदमों को साझा किया। वहीं उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने भी जर्मनी विशेषज्ञों के समक्ष उन अनुभवों को साझा किया, जिसमें कोरोना के खिलाफ जंग में समग्र और व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए हर दिन जिस तरह के नए प्रयोग किये हैं और भारतीय रेलवे वर्तमान स्थितियों के अनुसार खुद को ढ़ालते हुपूरे देश में आवश्यक माल और यात्री यातायात सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। वेबिनार संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि हमें इस अदृश्य शत्रु के साथ कुछ समय तक रहना पड़ सकता है और यह महत्वपूर्ण है कि हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस अनुभव साझाकरण सत्र में रेलवे की दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख लेने की जरुरत है। वहीं जर्मन रेलवे के विशेषज्ञों ने कोविड-19 के दौरान परिचालन कर्मचारियों के जोखिम प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला जोखिम प्रबंधन और कोविड-19 के वित्तीय प्रभाव से निपटने सम्बंधी अनुभव साझा किये। इस दौरान रेलवे के माल और दोनों देशों के रेलवे अधिकारियों व विशेषज्ञों ने माल और यात्री परिवहन को कोरोना काल और उसके बाद की एक साथ मिलकर रणनीति तैयार करने पर सहमति जताई है।

04Sep-2020


 

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