सोमवार, 21 सितंबर 2020

एनएचएआई ने चीनी कंपनी को किया आयोग्य घोषित

संयुक्त रूप से परियोजना में शामिल चार भारतीय कंपनी भी दोषी

सात माह पहले पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर हुआ था निर्माणधीन पुल हादसा

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पश्चिम बंगाल में एनएच 34 के फरक्का-रायगंज खंड को जोड़ने वाले गंगा नदी पर निर्माणधीन पुल का गार्डर गिरने से हुए हादसे में जांच के बाद इस परियोजना में शामिल पांच कंपनियों व ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। एनएचएआई द्वारा तीन साल के लिए अयोग्य करार दिये जाने वाली इन कंपनियों में एक चीनी कंपनी क्विंगदाओ कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी लिमिटेड भी शामिल है।

भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने चीन की एक कंपनी क्विंगदाओ कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग  ग्रुप कंपनी लिमिटेड के अलावा भारत की चार कंपनियों मेसर्स आरकेईसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मैसर्स वीएएक्स कंसल्टेंट्स प्रा. लिमिटेड, मेसर्स नागेश कंसल्टेंट्स प्रा.लिमिटेड और मेसर्स एनसी इन्फ्राकॉन कंसल्टेंट (नई दिल्ली) को भी तीन साल के लिए सड़क परियोजनाओं

से बाहर कर दिया गया है। ये कंपनियां पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर एक निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने के मामले में जिम्मेदार पाई गई थी। एनएचएआई के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कारण अब चीनी कंपनी समेत ये सभी कंपनी अगले तीन साल तक एनएचएआई की किसी भी परियोजना में भाग नहीं ले सकेगी। भारत की मेसर्स आ

रकेईसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड चीनी कपंनी के साथ संयुक्त रूप से भागीदार थी, जिस पर संयुक्त रूप से भविष्य में किसी परियोजना में भागीदार बनने से रोक लगा दी गई है।

एनएचएआई के अनुसार पश्चिम बंगाल में एनएच-34 पर फरक्का से रानीगंज के हिस्से को फोर लेन सड़क में बदला जा रहा है और इसी हिस्से में गंगा नदी पर एक पुल बनाया जा रहा है। उसी पुल पर गार्डर लांचिंग के दौरान बीते 16 फरवरी को दुर्घटना हुई थी और दो लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में पुल के विशेषज्ञों से जांच करायी गई तो जांच प्रक्रिया में ही चीन की यह कंपनी को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। गौरतलब है कि परियोजना के तहत इस पुल के गिरने से हुए हादसे के बाद एनएचएआई ने मामले की जांच के लिए एक पुल विशेषज्ञ की नियुक्ति की थी। विशेषज्ञ ने अपनी जांच में घटना का जिम्मेदार ठेकेदार, डिजाइन कंसलटेंट और लॉन्चिंग गार्डर के डिजाइनर के बीच समन्वय की कमी पाई गई। जांच में ठेकेदार और कंसलटेंट को डिजाइन और लॉन्चिंग गार्डर प्रणाली में दोष के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।

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 यदि कोई ठेकेदार या सलाहकार अनुबंध संबंधी दायित्वों से विचलित होता है और सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता करता है, तो एनएचएआई के लिए ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना अनिवार्य हो जाता है। यह चेतावनी दी गई है कि चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी और चूक करने वाली फर्मों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-सुखबीर सिंह संधू, चेयरमैन-एनएचएआई

09Sep-2020


 

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