शनिवार, 12 सितंबर 2020

आरपीएफ के तीन जवानों को ‘जीवन रक्षा पदक’ का सम्मान

राष्ट्रपति ने दिया एक सर्वोत्तम और दो उत्‍तम जीवन रक्षा पदक

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने रेलवे सुरक्षा बल के उन तीन जवानों को जीवन रक्ष्ज्ञा पदक पुरस्कारों से नवाजा है, जिन्हें अदम्य वीरता का परिचय देते हुए आम लोगों के जीवन की रक्षा करके उन्हें नई जिंदगी देने में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। इन पुरस्कारों में एक जवान को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है।

रेल मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविद द्वारा यहां प्रदान किये गये इन पुरस्कारों में उत्तर रेलवे में आरपीएफ का कांस्टेबल स्वर्गीय जगबीर सिंह भी शामिल है, जिसने आदर्शनगर-आज़ादपुर रेलवे सेक्शन दिल्ली के नजदीक अपनी ड्यूटी के दौरान रेलवे परिसर में बच्चों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी इस अदम्‍य वीरता का परिचय देने के लिए जगबीर सिंह को मरणोपरांत सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक के सम्मान से नवाजा गया है। जबकि दो उत्तम जीवन रक्षा पदक का सम्मान पश्चिम रेलवे के आरपीएफ में कांस्टेबल शिवचरण सिंह और उत्तर पश्चिम के आरपीएफ में हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार मीणा का दिया गया है। इन में शिवचरण सिंह ने पिछले साल दस अगस्त को ट्रेन संख्‍या 12959 में ट्रेन डयूटी के दौरान देखा कि जब ट्रेन श्‍यामखयाली रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर जलभराव के कारण रूकीतो भारी बाढ़ में फंसने के कारण कुछ लोग मदद के लिए चिल्‍ला रहे थे। शिवचरण सिंह अपनी जान की परवाह किए बिना उनकी मदद के लिए पहुंचा और 09 व्यक्तियों का बहुमूल्य जीवन बचाया। जबकि जोधपुर डिवीजन के आरपीएफ हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार मीणा ने 16 सितंबर 2018 को ट्रेन संख्‍या 22478 में पहरेदारी के दौरान 02 बच्चों के साथ एक महिला यात्री की जान बचाने में अनुकरणीय साहस प्रदर्शित किया। इसके लिए मुकेश मीणा ने दौड़ती ट्रेन से छलांग लगाई और महिला यात्री को अपने दोनों बच्चों के साथ प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच के अंतर से बाहर निकालकर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया

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उत्तर रेलवे रिफंड कार्यालय को गुणवत्ता प्रबंधन में प्रमाणन का सम्मान

उत्तर एवं उत्तर-मध्‍य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बुधवार को जानकारी दी कि उत्तर रेलवे के दावा कार्यालय को गुणवत्ता प्रबंधन सेवाओं के लिए आईएसओ 9001-2015 प्रमाणन का प्रतिष्ठित प्रमाणपत्र दिया गया है। यह भारतीय रेलवे के वाणिज्यिक संगठन का ऐसा पहला कार्यालय हैजिसे ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण के लिए यह प्रतिष्ठित प्रमाणपत्र दिया गया है। उत्तर रेलवे के दावा कार्यालय ने रिफंड मामलों के शीघ्र निपटारे के अपने मिशन को प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया और प्रणाली में सुधार की शुरूआत की है। कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी तरह से लॉकडाउन थातब रेलवे को रेल सेवाओं को रद्द करने के कारण टिकट वापसी की अभूतपूर्व चुनौती का सामना करना पड़ा। इस समय के दौरान सिस्टम सुधार बहुत लंबा हो गया था। उत्तर रेलवे ने महामारी के दौरान भी धनवापसी के मामलों का निपटारा कियाजबकि कर्मचारी घर से काम कर रहे थे। उत्तर रेलवे का रिफंड कार्यालयरेल मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और नीतियों के अनुसार किराए (ई-टिकट और पीआरएस टिकट) का रिफंड देने का कार्य करता है। यह कार्यालय रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नागरिक चार्टरजो यात्रियों की संतुष्टि के लिए प्रतिबद्धता की घोषणा के रूप में हैके प्रति प्रतिबद्ध है। रिफंड कार्यालय में औसत निपटान समय 15-20 दिनों से घटाकर 3-4 दिन कर दिया गया है। यात्री शिकायतों को अब 2-3 घंटे की न्‍यूनतम अवधि के भीतर निपटाया जा रहा है।

03Sep-2020

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