मंगलवार, 29 सितंबर 2020

ऐसे कैसे थमेगी भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी व घुसपैठ!

अंतर्राष्ट्रीय सीमा में 976 किमी हिस्से में नहीं लग सकी कंटीली तारों की बाड़

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

पिछले सप्ताह ही भारत की सीमा की सुरक्षा में लगी सीमा सुरक्षा बल यानि बीएसएफ और बांग्लादेश की बीजीबी के साथ ढाका में 50वीं बॉर्डर कोआर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ, तस्करी जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने की रणनीति पर सहमति बनी। इसके बावजूद बांग्लादेश से लगी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के 976 किलोमीटर से ज्यादा लंबे हिस्से में कंटीली तार तक नहीं लग सकी है। ऐसे हालातों में सीमा पर इंसान से लेकर पशुओं और नशीले पदार्थों की तस्करी रोकना एक बीएसएफ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मौजूदा आंकड़ो से यह खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश से सटी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के 976 किलोमीटर लंबे हिस्से में कंटीली तार नहीं लग सकी है। आंकड़ो के मुताबिक भारत को अभी बांग्लादेश से लगी भारतीय सीमा में 976.668 हिस्से में कटींली बाड़ से कवर किया जाना है। इस सीमा में पश्चिम बंगाल से सटी सीमा पर 578.653 किमी, असम सीमा पर 52.983 किमी, मेघालय सीमा पर 117.227 किमी, मिजोरम सीमा पर 162.923 किमी तथा त्रिपुरा सीमा पर 64.882 किमी का हिस्सा खुला है, जहां कंटीली बाढ़ लगया जाना है। इन पांचों राज्यों से बांग्लादेश की सीमा का 4096.70 किमी हिस्सा लगता है, जिसमें अभी तक 3120.032 किमी को कंटीली बाड़ यानि तारों से कवर किया हुआ है। भारत-बांग्लादेश सीमा की रखवाली का जिम्मा संभाले सीमा सुरक्षा बल 'बीएसएफ' को तस्करी रोकने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जाहिर है कि भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभाले सीमा सुरक्षा बल यानि बीएसएफ को मानव, पशु, हथियारों, नशीले पदार्थो आदि सामानों की तस्करी रोकने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जबकि सीमा पर करीब हरेक दिन नशीले पदार्थो की खेप जब्त की जा रही है।

लगातार सीमा की निगरानी

हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे बाड़ लगाने के कार्य की प्रगति की नियमित तौर से निगरानी करती है। वहीं दोनों देशों की सीमा पर फ्लोटिंग सीमा चौंकियों, नावों के साथ गश्त, दिन और रात के दौरान नदी के किनारे पैदल गश्त व जब कभी आवश्यकता हो तो राज्य पुलिस के साथ विशेष अभियान शुरू कर नदी वाली सीमा पर प्रभुत्व रखा जाता है। छोटे नदी-नालों के गैप सहित बाड़ युक्त सीमा पर तेज रोशनी वाली लाइटें लगाई गई हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सीमा रक्षक बल नियमित गश्त एवं नाके लगाने के साथ सुरंग-रोधी अभ्यास भी किये जाते हैं। मंत्रालय की माने तो दरअसल बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के कुछ हिस्सों में कठिन नदी तट क्षेत्र, जो भौतिक बाड़ लगाने के लिए अनुकूल नहीं हैं और इसी का फायदा उठाकर कुछ अवैध प्रवासी चोरी छिपे तथा गुप्त रूप से सीमा लांघने में सफल हो जाते हैं।

पिछले सप्ताह ही दोनों देशों ने बनाई रणनीति

भारत की सीमा सुरक्षा बल यानि बीएसएफ के महानिदेश राकेश अस्थाना और बांग्लादेश की बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश यानि बीजीबी के महानिदेशक मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम की मौजूदगी में ढाका में 50वीं बॉर्डर कोआर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें दोनों देशों की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बलों के बीच औपचारिक या अनौपचारिक चैनल द्वारा ड्रग की तस्करी, नारकोटिक्स, मानव तस्करी, नकली करेंसी, पशु तस्करी, हथियार, गोला बारुद, असामाजिक तत्व, इंडियन इनसर्जेंट ग्रुप की गतिविधियां, अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पर लगी बाड़ को नुकसान पहुंचाने आदि मामलों पर रीयल टाइम इंर्फोमेशन का आदान प्रदान करने पर सहमति बनी। इसमें सीमा पर अपराध, घुसपैठ, तस्करी और इनसर्जेंट ग्रुप सहित कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई और सीमा पर होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने आपसी समन्वय के साथ काम करने पर बल दिया।

25Sep-2020

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