मंगलवार, 29 सितंबर 2020

फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, स्नैपडील जैसे प्लेटफॉर्म से हटे 160 नकली खादी उत्पाद

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की सख्त कार्रवाही का असर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।   

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की सख्त कार्रवाई से एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसे अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल्स ने 'खादी' ब्रांड नाम के तहत उत्पादों की बिक्री करने वाले अपने 160 से अधिक वेब लिंक को हटा दिया है।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग यानि केवीआईसी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि  केवीआईसी ने 1,000 से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था, जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए 'खादी इंडिया' ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं। इस प्रकार वे खादी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही थीं और खादी कारीगरों को काम का नुकसान पहुंचा रही थीं। केवीआईसी के उसी नोटिस के बाद ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्मों ने यह पहल की है। केवीआईसी द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस के बाद खादी ग्लोबल ने भी अपनी वेबसाइट www.khadiglobalstore.com से उन्हें बाहर कर दिया है और ट्विटर, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर अपने सोशल मीडिया पेजों को भी हटा दिया है। केवीआईसी की इस कार्रवाई से देश भर में ऐसे कई स्टोर बंद हो गए हैं, जो नकली खादी उत्पादों को बेच रहे थे। केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि दरअसल ये ई-कॉमर्स पोर्टल खादी मास्क, हर्बल साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन, हर्बल मेहंदी, जैकेट, कुर्ता और 'खादी' ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने वाले विभिन्न विक्रेताओं के ऐसे तमाम उत्पादों की बिक्री कर रहे थे। इससे ऑनलाइन खरीदारों के बीच गलत धारणा बनाई जा रही थी, कि ये वस्तुएं असली 'खादी' उत्पाद थे। केवीआईसी ने कहा है कि हटाए गए अधिकतर उत्पादों की बिक्री एक आयुष ई-ट्रेडर्स द्वारा की जा रही थी। इस फर्म ने केवीआईसी को पुष्टि की है कि उसने विभिन्न उत्पादों के लिए 140 लिंक हटा दिए हैं जिन्हें 'वागड़ के खादी उत्पाद' के तौर पर बेचा जा रहा है।

लॉकडाउन के दौरान बढ़ा फर्जीवाड़ा

केवीआईसी के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने कहा कि हाल के महीनों खासकर लॉकडाउन के दौरान इस तरह के फर्जी ऑनलाइन विक्रेताओं में काफी तेजी आई थी। हालांकि ऑनलाइन ग्राहकों को असली खादी उत्पादों की खरीदारी करने में समर्थ बनाने के लिए केवीआईसी ने अपनी ऑनलाइन वेबसाइट पर 300 उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए अपना ई-पोर्टल लॉन्च किया है। गौरतलब है कि केवीआईसी ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है जिसके लिए मामला फिलहाल मुंबई उच्च न्यायालय में लंबित है। केवीआईसी ने 'खादी इंडिया' ट्रेडमार्क अधिकारों की प्रभावी तौर पर निगरानी करने के लिए एक दमदार ऑनलाइन प्रवर्तन योजना तैयार की है। इसके लिए उसने एक समर्पित कानूनी टीम तैनात की है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खादी के नाम पर बेचे जाने वाले अनधिकृत उत्पादों की मानव और तकनीकी उपकरणों की मदद से लगातार निगरानी की जा रही है।

25Sep-2020

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