मंगलवार, 29 सितंबर 2020

राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में तेजी लाने की कवायद

एनएचएआई ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजे एनएचबीएफ के स्वीकृत सुझाव

देश में परियोजनाओं को आसान बनाने के लिए मांगे गये थे सुझाव

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नेशनल हाइवेज बिल्डर्स फेडरेशन यानि एनएचबीएफ के अधिकांश सुझावों पर सहमति जताई है, उन्हें नीतिगत मामलों में शामिल करके देश में राष्ट्रीय राजमार्ग जैसी सड़क परियोजनाओं में आने वाली बाधाओं को आसानी से दूर किया जा सकेगा और राजमार्ग निर्माण में तेजी आएगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राजमार्ग निर्माण की सड़क परियोजनाओं में बाधाओं को दूर करने एवं राजमार्ग निर्माण की परियोजनाओं की गति बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई ने नेशनल हाइवेज बिल्डर्स फेडरेशन (एनएचबीएफ) द्वारा दिये गये परियोजनाओं को पूरा करने से संबंधित अधिकांश सुझावों से सहमति जताहै। ये सुझाव कोविड राहत, निविदा प्रक्रिया, अनुबंध प्रबंधन, पुराने एवं नये मॉडल ईपीसी समझौते, हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) के रियायत समझौते में सुधार, बीओटी (टोल) आधारित रियायत समझौते में सुधार तथा परियोजना की तैयारी जैसे नौ क्षेत्रों से जुड़े थे। वहीं एनएचएआई के प्रवक्ता ने बताया कि समस्याओं के उचित निवारण के लिए एनएचएआई एनएचबीएफ के सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगा, जिसमें खुद प्राधिकरण ने 25 सुझावों पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें एनएचएआई ने भविष्य में भी सभी अच्छे सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया है। एनएचएआई के अनुसार नीतिगत मामलों से संबंधित अन्य सुझावों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास विचार के लिए भेजे गये हैं

एनएचएआई द्वारा स्वीकृत प्रमुख सुझाव

एनएचएआई द्वारा जिन प्रमुख सुझावों को स्वीकार किया है उनमें कोविड राहत के संबंध में, ठेकेदार या रियायत पाने वाले को बिना किसी लागत या जुर्माने के निर्माण अवधि में परियोजना निदेशक द्वारा 3 महीने तक का और क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा तीन महीने से अधिक और छह महीने तक का विस्तार दिया जाएगा। वहीं निविदा के समय, निविदाकर्ता को सड़क की स्थिति का आकलन करने में सक्षम बनाने के लिए एनएचएआई निविदाकर्ता को डीपीआर के साथ उपलब्धता के अनुसार नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन (एनएसवी) या लीडर डेटा प्रदान करेगा। डीपीआर सलाहकारों द्वारा एकत्र किये गये सर्वेक्षण के सभी आंकड़ों को डेटा लेक के जरिए एक मंच के तले एजेंसियों को उपलब्ध कराया जायेगा। इसी प्रकार वेंडरों को समय पर भुगतान एवं उनकी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, परियोजना भुगतान से संबंधित बिल पीएमएस यानिडेटा लेक पोर्टल के माध्यम से जमा किये जायेंगे।

कोरोना काल में 10 हजार करोड़ का भुगतान

एनएचएआई ने दावा किया है कि प्राधिकरण ने अतीत में रियायत पाने वालों, ठेकेदारों एवं सलाहकारों की मदद करने के लिए समय-समय पर कई ठोस कदम उठाये हैं, जिससे सड़क क्षेत्र के निविदाकर्तों में विश्वास भी पैदा हुआ है। एनएचएआई ने मार्च 2020 में ऑनलाइन भुगतान के के जरिए 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि लॉकडाउन के दौरान कार्यालय बंद रहने की वजह से कोई भी भुगतान लंबित न रहे। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एनएचएआई ने वेंडरों को 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि का भुगतान किया। इसके अतिरिक्त ठेकेदारों को नकद प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें मासिक भुगतान जैसे कदम उठाये गये। प्राधिकरण ने कहा कि इस किस्म के कदमों का सड़क क्षेत्र के विकास में सकारात्मक असर हुआ। 

27Sep-2020

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