शनिवार, 12 सितंबर 2020

कोरोना संकट के बावजूद पटरियों पर घूमते रहे माल गाड़ियों में पहिए

कोरोना संकट के बावजूद पटरियों पर घूमते रहे माल गाड़ियों में पहिए

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

देश में कोरोना महामारी के संकट और लॉकडाउन के कारण भले ही तमाम यात्री रेल सेवाएं निरस्त कर दी गई थी, लेकिन इस संकट के दौर में देश के आम लोगों तक आवश्यक सामग्री की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे ने मालगाड़ियों को बेपटरी नहीं होने दिया। मसलन चौबीसों घंटे मिशन मोड पर आवश्यक सामान और अन्य माल का लदान करके माल ढुलाई करके रिकार्ड बनाया है।

रेल मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि भारतीय रेलवे ने मिशन मोड पर माल ढुलाई की गतिविधियों को तेज करते हुए जिस प्रकार ढु     लाई की है। इसी का नतीजा है कि बीते माह अगस्त में 94.33 मिलियन टन माल की ढुलाई की है, जो पिछले साल अगस्त माह में समान अवधि की तुलना में 3.31 मिलियन टन अधिक है। अगस्त 2029 में रेलवे ने 91.02 मिलियन टन सामान की ढुलाई की थी। भारतीय रेलवे द्वारा अगस्त में किये गये माल लदान में सबसे ज्यादा 0.81 मीट्रिक टन खाद्यान्न का लदान उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने किया है, जो पिछले इसी अवधि में किये गये माल लदान की तुलना में 138.24 फीसदी है। मसलन अगस्त 2019 में भारतीय रेल ने जितनी माल ढुलाई की उससे कहीं ज्यादा माल ढुलाई इस साल अगस्त महीने में करके एक रिकार्ड कायम किया है। रेलवे के अनुसार बीते माह अगस्त में भारतीय रेलवे द्वारा की गई 94.33 मिलियन टन सामान की ढुलाई में 40.49 मिलियन टन कोयला, 12.46 मिलियन टन लौह अयस्क, 6.24 मिलियन टन खाद्यान्न, 5.32 मिलियन टन खाद, 4.63 मिलियन टन सीमेंट और 3.2 मिलियन टन खनिज तेल शामिल है। रेलवे अपनी माल ढुलाई गतिविधियों में सुधार लाने के लिए इसे संस्थागत रूप देने की भी तैयारी कर रहा है। इसके लिए आने वाले समय में जल्द ही मालगाड़ियों का संचालन नए जीरो बेस्ड टाइम टेबुल के आधार पर किया जाएगा। गौरतलब है कि रेलवे अपनी माल ढुलाई गतिविधियों को आकर्षक बनाने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से कई तरह की रियायतें यानि छूट दी जा रही हैं। कोविड-19 के समय का उपयोग भारतीय रेलवे की ओर से अपनी समस्त गतिविधियों की दक्षता और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के अवसर में रूप में किया गया।

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विशेष पार्सल ट्रेने भी चलाई

रेलवे के अनुसार कोरोना संकट के दौरान दूध, दही, फल, सब्जी, दवाईयां जैसी तत्कालिक उपयोग की वस्तुओं के लिए भारतीय रेलवे ने चयनित रेल मार्गो पर विशेष पार्सल ट्रेने भी चलाई हैं। वहीं व्यापारियों के लिए व्यापार विशेष ट्रेन के अलावा दो किसान विशेष ट्रेन भी चलाई हैं, जिसमें उत्पादों की ढुलाई की जा रही है। वैसे भी कोरोना के कारण यात्री रेल सेवाएं निरस्त होने से रेलवे को राजस्व की हानि का सामना करना पड़ा है। बाद में यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष एक्सप्रेस ट्रेने चलाते हुए रेलवे ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। यही नहीं लॉकडाउन में देशभर में जगह जगह फंसे प्रवासियों को उनकी घर वाप सी कराने के लिए चार हजार से भी ज्यादा श्रमिक विशेष ट्रेने चलाकर कोरोना जंग में भागीदारी की है।

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त्यौहारों पर रेलवे की नजर

कोरोना संकट के इस दौर में मंगलवार से अनलॉक-4 की शुरूआत हो गई है और त्यौहारों का मौसम भी शुरू हो चुका है। ऐसे में यात्रियों को सहुलितें मुहिया कराने की दिशा में भारतीय रेलवे करीब 100 नई विशेष ट्रेने चलाने की तैयारी कर रहा है। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इसके लिए रेलवे बोर्ड राज्यों के साथ विचार विमर्श कर रहा है। रेलवे का मानना है कि उनकी इस दौर में नई विशेष ट्रेने चलाने की तैयारी है और जैसे ही गृह मंत्रालय की अनुमति मिल जाएगी, इन ट्रेनों को शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना संकट में लॉकड़ाउन लागू होते ही तमाम यात्री ट्रेनों के पहिए थाम दिये गये थे। बाद में चरणबद्ध तरीके से भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर कोरोना महामारी से बचाव के उपायों के साथ विशेष ट्रेनें शुरू की थी, जिनमें 30 राजधानी एक्सप्रेस समेत फिलहाल 230 विशेष यात्री एक्सप्रेस ट्रेने चलाई जा रही हैं।

02Sep-2020

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