शनिवार, 12 सितंबर 2020

‘कर्मयोगी योजना’ के जरिए सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार की कवायद

 केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण फैसले

जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधयेक को भी मिली मंजूरी

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

केंद्र सरकार ने सिविल सेवा-सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा देने के मकसद से सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार के लिए ‘कर्मयोगी योजना’ को लागू करने का फैसला किया है। वहीं सरकार ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक को भी मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गये फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरकारी अधिकारियों के लिए कर्मयोगी योजना’ को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं की क्षमता दरअसल सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करनेकल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने और गवर्नेंस से जुड़े मुख्य कार्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए इस योजना के जरिए कार्य संस्कृति में रूपांतरण को व्यवस्थित रूप से जोड़करसार्वजनिक संस्थानों का सुदृढ़ीकरण कर और सिविल सेवा क्षमता के निर्माण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर सिविल सेवा क्षमता में रूपांतरणकारी बदलाव किए जाने का प्रस्ताव हैताकि नागरिकों को प्रभावकारी रूप से सेवाएं मुहैया कराना सुनिश्चित किया जा सके। कर्मयोगी योजना’ के बारे में संवाददाता सम्मेलन में मौजूद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि मिशन कर्मयोगी व्यक्तिगत (सिविल सेवकों) और संस्थागत क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। चंद्रमौली ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों व विचारकों के अलावा चयनित केन्द्रीय मंत्रियोंमुख्यमंत्रियोंप्रख्यात सार्वजनिक मानव संसाधन पेशेवरों और लोक सेवा प्रतिनिधियों वाली एक सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद’ शीर्ष निकाय के तौर पर कार्य करेगीजो सिविल सेवा-सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा प्रदान करेगी। इस योजना का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को भविष्य के लिए और अधिक रचनात्मककल्पनाशीलअभिनवसक्रियपेशेवरप्रगतिशीलऊर्जावानसक्षमपारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए एक बड़े स्तर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।  

केंद्रीय कैबिनेट ने इस बैठक में जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 को भी मंजूरी दे दी है, जिसे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा इस विधेयक के बारे में जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस नए विधेयक के तहत उर्दूकश्मीरीडोगरीहिंदी और अंग्रेजी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं शामिल होंगी। इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में डोगरीहिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करना न केवल लंबे समय से लंबित सार्वजनिक मांग की पूर्ति हैबल्कि 5 अगस्त 2019 के बाद समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए इसे मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बुधवार को मंत्रिमंडल ने तीन एमओयू को भी मंजूरी दी है। इनमें से एक वस्त्र मंत्रालय और जापान के बीच गुणवत्ता मूल्यांकन पद्धति के लिएदूसरा खनन मंत्रालय और फिनलैंड के बीच और तीसरा ऊर्जा मंत्रालय और डेनमार्क के बीच है।

03Sep-2020

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