सोमवार, 21 सितंबर 2020

अब गति पकड़ेगा रेलवे के समर्पित माल गलियारे का निर्माण

पंजाब, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भूमि अधिग्रहण का मुद्दा सुलझा

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना के रुप में समर्पित माल गलियारा यानि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। इसके लिए भारतीय रेलवे ने पिछले कई सालों से पंजाब, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात में लंबित भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को हल कर लिया है।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने सोमवार को कहा कि समर्पित रेल गलियारा की प्रगति में तेजी लाने के लिए पिछले एक सप्ताह में आरयूबी और आरओबी के लिए भूमि पर कब्जा, भूमि का दाखिल खारिज, हाई टेंशन लाइन के निर्माण के लिए भूमि संबंधी मुद्दों, निजी भूमि के संवितरण, मूल पद्धति के अनुसार भूमि का फैसला आदि जैसे विभिन्न मुद्दों को भी पंजाब, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्य की सरकारों के साथ हल किया जा चुका है। इसके लिए उन्होंने डीएफसीसीआईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए उन राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और क्षेत्रीय रेलवे अधिकारियों को पत्र लिखे हैं जिसमें इस परियोजना के लिए भूमि आंवटन की लंबित प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है। रेलवे के अनुसार अब पंजाब, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात में लंबित भूमि के टुकड़ों और भूखंडों के अधिग्रहण और नाम परिवर्तन की प्रक्रिया आगे बढ़ने लगी है। नतीजन इसके लिए लगातार साप्ताहिक निगरानी और सभी हितधारकों के साथ बैठकों के कारण भूमि के उन टुकड़ों और भूखंडों का अधिग्रहण हो गया है, जिनका अधिग्रहण कार्य काफी समय से लंबित था।

बैठकों का दौर जारी

रेल मंत्रालय ने बताया कि सोमवार को भी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने प्रगति को तेज करने और महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए अपनी समस्याओं और मुद्दों को हल करने के लिए समर्पित फ्रेट कॉरिडोर के ठेकेदारों के साथ एक बैठक की। पिछले सप्ताह एलएंडटी, पीएमसी, टाटा और डीएफसी अधिकारियों के संबंधित क्षेत्र अधिकारियों के साथ 20 से अधिक बैठकें (अनुबंध पैकेजवार) हुईं। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और समाधान और समयसीमा दी गई। परियोजना की किलोमीटर से किलोमीटर प्रगति पर निगरानी रखने के लिए डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है। वास्तविक समय के आधार पर राज्य सरकारों, क्षेत्रीय रेलवे और ठेकेदारों के महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए दैनिक आधार पर ओपन हाउस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी शुरू की गई।

रेल मंत्री पीयूष गोयल एक्शन मोड पर

उधर इस संबन्ध में केंद्रीय रेल और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल रेल मंत्रालय और इसके लिए गठित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के अधिकारियों के साथ पिछले एक माह से लगातार बैठकें करके दिशानिर्देश दे रहे हैं। रेल मंत्रालय ने इसके निर्माण को मिशन मोड पर शुरू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। मंत्रालय के अनुसार इस दिशा में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने समर्पित रेल गलियारा (डीएफसी) की प्रगति और महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए राज्य सरकार के मुख्य सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक की है। गोयल ने भी इस संबंध में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखे हैं। जबकि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने भी भारतीय रेलवे ने जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन में परिचालन संबंधी कठिनाइयों से निपटने के लिए अपने विशेषज्ञों को ठेकेदारों की सहायता के लिए तैनात किया।

पिछले एक सप्ताह के दौरान परियोजना हित में ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान इस प्रकार है-

जीसीसी खंड के अंतर्गत कोविड-19 राहत के रूप में ठेकेदारों को अद्यतन भुगतान

जीएसटी भुगतान प्रक्रिया का सरलीकरण

जमीनी स्तर पर चीजों को आगे बढ़ाने के लिए निजी ठेकेदारों को रेलवे पर्यवेक्षक प्रदान किए गए

समर्पित फ्रेट कॉरिडोर की प्रगति में तेजी लाने के लिए पिछले एक सप्ताह में आरयूबी / आरओबी के लिए भूमि पर कब्जा, भूमि का दाखिल खारिज, हाई टेंशन लाइन के निर्माण के लिए भूमि संबंधी मुद्दों, निजी भूमि के संवितरण, मूल पद्धति के अनुसार भूमि का फैसला आदि जैसे विभिन्न मुद्दों को भी पंजाब, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्य की सरकारों के साथ हल किया जा चुका है।

08Sep-2020


 

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