गुरुवार, 24 सितंबर 2020

संसद के मानसून सत्र: मोबाईल एप ‘अटेन्डेंस रिजस्टर’ के जरिए दर्ज होगी सांसदों की हाजिरी

संसद के मानसून सत्र: लोकसभा चलाने की सभी व्यवस्थाएं पूरी

लोकसभा के 111 सदस्य राज्यसभा कक्ष और दीर्घाओं में बैठेंगे

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

आगामी सोमवार 14 सितंबर से होने वाले संसद के मानसून सत्र की तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। कोरोना संकट के कारण बदली व्यवस्थाओं के साथ होने वाले सत्र में दोनों सदनों की बैठकें दो पारियों में होगी, जिसमें दोनों सदनों की बैठकों के लिए दोनों सदनों का इस्तेमाल होगा। इस व्यवस्था में 545 सदस्यीय लोकसभा कक्ष में केवल 257 और अन्य दीघाओं में 172 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है, लोकसभा के  60 सांसद राज्यसभा कक्ष और 51 सांसद राज्यसभा की अन्य दीर्घाओं में बैठेंगे।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए लोक सभा की बैठक के लिए की गई व्यवस्था को मीडिया को दिखाया। लोकसभा सचिवालय द्वारा की गई व्यवस्था के बारे में बिरला ने बताया कि 17वीं लोकसभा का चौथा सत्र 14 सितम्बर से 01 अक्तूबर तक चलेगा। इस सत्र में कुल अठारह बैठकें होंगी। सत्र के बैठने की व्यवस्था की जानकारी देते हुए बिरला ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है कि सत्र का आयोजन कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप किया जाएगा। इसके लिए राज्य सभा सचिवालय, चिकित्सा विशेषज्ञों और अन्य विभागों के साथ विस्तारपूर्वक सलाह-मश्विरा किया गया। कोरोना की चुनौतीपूर्ण परिस्थितयों में आयोजित संसद सत्र हमारे देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने के संवैधानिक दायित्व को पूरा करेगी।

दो पारियो में चलेगा अलग-अलग सदन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि कोविड-19 से संबंधित दिशानिर्देशों के साथ संसद के मानसून सत्र की 14 सितम्बर को लोक सभा की बैठक प्रात: 0900 बजे से अपराह्न 0100 बजे तक होगी और 15 सितम्बर से 01 अक्तूबर तक सभी बैठकें अपराह्न 0300 से सांय 0700 बजे तक होंगी। इस सत्र का आयोजन दोनों सभाओं के कक्षों में किया जाएगा। लोक सभा कक्ष में 257 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी और 172 सदस्य लोक सभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। राज्य सभा कक्ष में 60 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है और 51 सदस्य राज्य सभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए सीटों के बीच पारदर्शी पॉलिकार्बोनेट शीट लगाई गई हैं। अतारांकित प्रशनों के उत्तर सभा पटल पर रखे जाएंगे और शून्य काल का प्रतिदिन आधे घंटे का समय  निर्धारित किया गया है। कागजों का इस्तेमाल कम किया जाएगा और संसदीय पत्र भी डिजीटल रुप में उपलब्ध कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्रीय कक्ष में केवल सदस्य प्रवेश करेंगे। बिरला ने यह भी बताया कि सभी सांसदों से सत्र से पहले कोविड-19 की जांच करवाने का अनुरोध किया गया है। संसद भवन परिसर में सदस्यों की उपस्थिति दर्शाने के लिए एक मोबाईल उपस्थिति एप अटेन्डेंस रिजस्टरतैयार किया गया है।

पहली बार ऑनलाइन भेजे मिले प्रश्न

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोरोना संकट के बीच संसद के मानसून सत्र के आयोजन के लिए हम 100 प्रतिशत डिजिटल हो जाएंगे। संसद के इतिहास में पहली बार सभी सांसदों ने ऑनलाइन माध्यम से अपने प्रश्न भेजे हैं। हमने अपने 62 प्रतिशत कामों को डिजिटल बना दिया है। उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को कोरोना परीक्षण से गुजरना होगा। बिरला ने कहा कि उत्पादकता के लिहाज से 17वें लोकसभा सत्र के पहले चरण में सभी सदस्यों के सहयोग से एक रिकॉर्ड बनाया गया। सभी 37 सभाओं में प्रश्नकाल आयोजित किया गया, इसमें रचनात्मक चर्चा हुई। बिना चर्चा के कोई विधेयक पारित नहीं किया गया 

11Sep-2020


 

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