सोमवार, 28 सितंबर 2020

कोरोनाकाल के दौरान नहीं हुई भारत व चीन सीमा पर घुसपैठ

भारतीय सीमा प्रहरियों ने पिछले छह माह में 47 प्रयासों को किया नाकाम

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

चीन सीमा पर तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से आए दिन सीजफायर के उल्लंघन के बावजूद केंद्र सरकार ने दावा किया है कि पिछले छह महीने में पाक-चीन सीमा से होने वाली घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम किया गया है यानि भारतीय सुरक्षा बलों ने एक भी घुसपैठ नहीं होने दी।

संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा में सांसद अनिल अग्रवाल के सवालों के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह दावा किया है। राय ने माना कि चीन के बीच भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर तनाव जारी है और वहीं पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर के बावजूद भारतीय सेना व सुरक्षा बलों ने पिछले छह माह के दौरान एक भी सीमा से एक भी घुसपैठ नहीं होने दी, जबकि 47 बार घुसपैठ के प्रयास हुए जिन्हें नाकाम कर दिया गया। पिछले छह महीने में पाकिस्तान और चीन की तरफ से कितनी बार घुसपैठ की कोशिश हुई है। इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा 24 बार अप्रैल में घुसपैठ के प्रयास किये गये, जबकि फरवरी में शून्य, मार्च में चार, मई में आठ, जून में शून्य और जुलाई में 11 बार घुसपैठ की कोशिश हुई, लेकिन एक भी कौशिश सफल नहीं होने दी गई

तीन साल में शहीद हुए 76 सुरक्षाकर्मी

राज्यसभा सांसद के एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में कहा गया कि पिछले तीन साल में पाकिस्तान की ओर से आतंकियों की घुसपैठ के प्रयासों को विफल करने में हुई मुठभेड़ों के दौरान 76 भारतीय सुरक्षा बल के जवाब शहीद हुए हैं। इनमें वर्ष 2020 जुलाई तक 18, वर्ष 2019 में 21 और वर्ष 2018 में 37 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। जबकि इन तीन सालों के दौरान पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों द्वारा 2018 में 328 बार घुसपैठ के प्रयास किये, जिनमें 143 घुसपैठ करने में आतंकवादी सफल भी हुए। वर्ष 2019 में 141 घुसपैठ हुई, जबकि 219 घुसपैठ के प्रयास किये गये थे। इसके अलावा मौजूदा वर्ष में 28 घुसपैठ हुई, जबकि 47 घुसपैठों को नाकाम किया गया।

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नक्सली हिंसा में आई कमी  

राज्यसभा में बुधवार को भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव के सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी कहा कि देश में नक्सली हिंसा में निरतंर कमी आई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने  एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना तैयार की थी जिसमें सुरक्षा उपायों, विकास संबंधी पहल, स्थानीय समुदायों के अधिकार सुनिश्चित करना सहित बहुपक्षीय पहल शामिल थी। उन्होंने कहा कि इस पहल से देश में चरमपंथी वामपंथ संबंधी हिंसा और नक्सली प्रभाव वाले क्षेत्रों मे कमी आई है। रेड्डी ने कहा कि जहां वर्ष 2010 में नक्सली हिंसा में 1005 नागरिक और सुरक्षा कर्मी मारे गए थे, वहीं 2019 में यह आंकडा घट कर 202 रह गया है। उन्होंने बताया कि 2020 में 15 अगस्त तक नक्सली हिंसा में जान गंवाने वाले नागरिकों और सुरक्षा बलों की संख्या 102 थी, जो साल 2019 की इसी अवधि में 137 के मुकाबले काफी कम हुई है।

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दक्षिणी राज्यों के लोग आतंकी गुट आईएस में शामिल हुए 

भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे के सवाल पर बुधवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दक्षिणी राज्यों में आतंकी गुट आईएस की मौजूदगी के संबंध में 17 मामले दर्ज किए और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत राज्यों तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकी गुट आईएस की मौजूदगी के संबंध में 17 मामले दर्ज किए और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि केंद्रीय और सरकारी सुरक्षा एजेंसियों को दक्षिण भारत सहित विभिन्न राज्यों से कुछ लोगों के आईएस में शामिल होने के बारे में पता चला है। रेड्डी ने बताया कि एनआईए की जांच में पता चला है कि केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में आईएस सबसे ज्यादा सक्रिय है। उन्होंने बताया कि इस्लामिक स्टेट, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स, आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है।

17Sep-2020


 

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