सड़क परियोजनाओं में हरित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर बल
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जारी किया मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’
गडकरी ने जारी किये निर्देश ए
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सड़क परियोजनाओं में आधुनिक और हरित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर बल देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नई हरित राजमार्ग नीति (वृक्षारोपण) की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने भू-टैगिंग और वेब आधारित जीआईएस सक्षम निगरानी उपकरणों के माध्यम से वृक्षारोपण की निगरानी करने के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लॉन्च किया।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नई हरित राजमार्ग नीति (वृक्षारोपण) की समीक्षा करने और सड़क निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बारे में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में समीक्षा की। इस ऑनलाइन बैठक में अध्यक्षता करते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण की लागत 25 प्रतिशत तक कम करना हमारा मिशन होना चाहिए और इसके लिए हमें नई प्रौद्योगिकियों की जरूरत है। इस मौके पर उन्होंने भू-टैगिंग और वेब आधारित जीआईएस सक्षम निगरानी उपकरणों के माध्यम से वृक्षारोपण की निगरानी करने के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लॉन्च किया। यह ऐप सभी वृक्षारोपण परियोजनाओं के तहत प्रत्येक वृक्ष के लिए सभी क्षेत्रीय इकाइयों में से प्रत्येक के स्थान, विकास, प्रजातियों के विवरण, रखरखाव गतिविधियों, लक्ष्यों और उपलब्धियों की निगरानी करने के लिए एनएचएआई द्वारा विकसित किया गया है। इस मोबाइल ऐप का उद्घाटन करते हुए श्री गडकरी ने वृक्षारोपण की सतत निगरानी और पेड़ों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रतिरोपण पर जोर दिया। गडकरी ने राज मार्गों के किनारे वृक्षारोपण के लिए विशेष व्यक्तियों अथवा एजेंसियों को जोड़ने का सुझाव दिया। वहीं इस कार्य में गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और बागवानी तथा वन विभाग को शामिल करने की सलाह भी दी। बैठक में केंद्रीय मंत्री को संबन्धित अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे मार्च 2022 तक राजमार्गों पर शत प्रतिशत वृक्षारोपण के लक्ष्य को अर्जित करने में समर्थ होंगे।
स्वदेशी सामग्री के इस्तेमाल पर जोर
वृक्षारोपण के मुद्दे पर चर्चा करते हुए गडकरी ने कहा कि सभी पेड़ों को कटने से बचाना ही हमारा मिशन होना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए नई प्रौद्योगिकियों से युक्त विशिष्ट एजेंसियों को इस काम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने इन उद्देश्यों की मजबूती के लिए जूट, कॉयर जैसी स्थानीय स्वदेशी सामग्रियों के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ही वृक्षों की प्रजातियों का सही चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों, सीमावर्ती क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के लिए अलग दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकियों की जरूरत है। उन्होंने अंडमान निकोबार में सड़क निर्माण में ऐसी प्रौद्योगिकी के उपयोग की प्रशंसा की और बाकी परियोजनाओं में इस उदाहरण को अपनाने के लिए एनएचआईडीसीएल को प्रेरित किया।
22Aug-2020
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