मंगलवार, 8 सितंबर 2020

देश में किसानों के लिए 1.22 करोड़ ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ मंजूर

आत्‍मनिर्भर भारत’ पैकेज: कृषि के विकास व किसानों की अर्थव्यवस्था में सुधार को गंभीर केंद्र सरकार

देश के 2.5 करोड़ खेती-किसानी करने वालों को मिलेगा रियायती कर्ज

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

कोराना संकट के कारण प्रभावित कृषि क्षेत्र को उबारने के लिए ‘आत्‍मनिर्भर भारत पैकेजके तहत देश में पीएम किसान योजना और पीएम किसान मानधन का लाभ उठा रहे देश के 2.5 करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड देने के फैसले को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। सरकार ने ‘किसान क्रेडिट कार्डविशेष परिपूर्णता अभियान के तहत 1,02,065 करोड़ रुपये की ऋण सीमा तय करते हुए 1.22 करोड़ ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ को मंजूरी दी है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के बीच देश में कोरोना महामारी संकट ने खेती-किसानी को भी प्रभावित किया है। केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 के झटकों से कृषि क्षेत्र को बचाने के प्रयासों के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के जरिए किसानों को रियायती ऋण मुहैया कराने के लिए एक विशेष परिपूर्णता अभियान चलाया जा रहा है, जिसका ऐलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉकडाउन के दौरान आर्थिक पैकेज के तहत किया था। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इस अभियान के तहत अब तक तैयार किये गये 1.22 करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को 1,02,065 करोड़ रुपये की ऋण सीमा के साथ मंजूरी प्रदान की है। मंत्रालय का मानना है कि इस अभियान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने और कृषि क्षेत्र के विकास की गति तेज करने में काफी मदद मिलेगी, क्योंकि किसान क्रेडिट कार्ड से खाद, बीज आदि के लिए आसानी से कर्ज मिल जाता है। केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के दौरान ‘आत्‍मनिर्भर भारत पैकेजके एक हिस्से के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती ऋण का प्रावधान या व्‍यवस्‍था करने का ऐलान किया था, जिसके जरिए मछुआरों और डेयरी किसानों समेत 2.5 करोड़ किसानों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

किसानों की सुधरेगी अर्थव्यवस्था   

मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने खेती-किसानी को आगे बढ़ाने के लिए 1.22 करोड़ नए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए हैंये कार्ड केसीसी को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से लिंक करने के बाद आए आवेदन के आधार पर बनाए गए हैं। केसीसी के जरिए कोरोना संकट से प्रभावित किसानों को बेहद कम ब्याज पर आसानी से ऋण मुहैया हो सकेगा। हालांकि सरकार ने इन कार्डों की कुल ऋण सीमा 1,02,065 करोड़ रुपये स्वीकृत की है, लेकिन केसीसी के तहत किसानों को 3 लाख रुपये तक का ऋण मात्र 4 फीसदी की ब्याज दर पर मिलेगा और इस कार्ड की वैधता पांच साल तक रखी गई है। सूत्रों के मुताबिक खेती-किसानी के लिए ऋण की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी है, लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती हैइस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है। यही नहीं निर्धारित समय सीमा में कर्ज चूकता करने पर किसानों को 3 फीसदी ब्याज की और छूट मिल जाती है। इस प्रकार ऐसे ईमानदार किसानों को चार फीसदी ब्याज पर ऋण मुहैया हो जाता है।

क्या है पीएम किसान योजना                                                                  

मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मकसद से पिछले 6 साल में कई योजनाएं शुरू की है, जिनमें पीएम किसान योजना यानि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में एक है। इस स्कीम के तहत किसानों को हर साल 6000 रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रावधान जारी है, जिसके तहत किसानों के खाते में 2000-2000 रुपये की तीन किस्ते सीधे हस्तांतरित की जाती है। मंत्रालय के मुताबिक देश में 9.13 करोड़ से ज्यादा किसानों इस योजना का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा पर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाप्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनाओं से भी किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के प्रयास किये जा रहे हें।   

21Au-2020

 

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