सोमवार, 28 सितंबर 2020

अगले दो साल में रेल पटरी पर 44 वंदे भारत ट्रेन उतारने की तैयारी

आत्मनिर्भर भारत: स्वदेशी उपकरणों की शर्तो पर जारी की नए सिरे से निविदाएं

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

भारतीय रेलवे अगले दो साल में 44 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों को पटरी पर उतारने की तैयारी में जुट गया है, जिसके लिए रेलवे ने 75 फीसदी मेक इन इंडिया’ यानि स्वदेशी उपकरणों की शर्तो पर नए सिरे से निविदाएं जारी की हैं। इसका मकसद आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा देना है।

रेल मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 44 नई वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए नए सिरे से निविदा जारी की गई, जिसमें 75 प्रतिशत उपकरणों के भारत निर्मित होने की शर्त रखी गई है। मसलन ये संशोधित निविदाएं ‘मेक इन इंडियानीति के लिए भारत सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप है। न्यूनतम स्थानीय सामग्री के प्रतिशत को संशोधित करके अब 75 फीसदी कर दिया गया है। यह आत्मनिर्भर भारत के संशोधित डीपीआईआईटी शर्तों के तहत जारी पहला बड़ा टेंडर है। इसमें कम से कम 75 फीसदी घरेलू घटक को शामिल किया गया है। रेलवे की इस नई योजना में अब ये ट्रेन सेट इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) चेन्नई के अलावा मॉडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ) रायबरेली और रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) कपूरथला में भी बनाये जाएंगे। दरअसल रेलवे की इन ट्रेनों के लिए पहले जारी निविदाओं में चीनी कंपनी समेत वैश्विक कंपनियां भी शामिल थी, जिन्हें निरस्त करने के बाद रेलवे ने आज नए सिरे से निविदाएं जारी की है। रेलवे अब घरेलू निविदाओं पर जयादा जोर देगा। रेलवे के अनुसार इच्छुक निवेशकों के लिए निविदा पूर्व बैठक 29 सितंबर को बुलाई गई है, जबकि निविदा 17 नवंबर को खोली जाएगीं। बोली दो चरणों में होगी जिसमें निमार्ण इकाइयां अपनी लागत बताएंगी और खरीदार तय करेगा कि किसका उत्पाद खरीदा जाए। रेल मंत्रालय के अनुसार यह निविदा मेक इन इंडिया नीति पर आधारित होगी, जिसमें स्थानीय सामग्री का अनुपात न्यूनतम 75 प्रतिशत है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग द्वारा आत्मनिर्भर भारत की पुनरीक्षित शर्तो के अनुरूप यह पहली बड़ी निविदा है। रेलवे ने बताया कि इससे पहले 44 सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निमार्ण के लिए जारी वैश्विक निविदाओं को रेलवे ने पिछले माह 22 अगस्त को रद्द कर दी थी। बताया गया कि इन निविदाओं 16 डिब्बे वाली इन 44 ट्रेनों के इलेक्ट्रिकल उपकरणों एवं अन्य सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उपक्रम एकमात्र विदेशी दावेदार भी सामने आया था। चीनी कंपनी सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम की पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच यह संयुक्त उपक्रम वर्ष 2015 में बना था। रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में निविदा रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा था कि 44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निमार्ण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश के अंतर्गत जल्द ही ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी।

कोचों का वजन कम होगा

रेलवे के अनुसार अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) की सिफारिशों के तहत भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के मद्देनजर वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन कम रखने का फैसला किया है। रेलवे का 2022 तक नई स्पेसिफिकेशन के साथ 44 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रैक पर उतारने का लक्ष्य है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दिसंबर 2022 आने वाली नई ट्रेन सेट 18 का वजन मौजूदा वंदेभारत (ट्रेन सेट 18) से कम होगा। इसका मकसद ट्रेन की गति बढ़ाना और ऊर्जा की खपत कम करना है। वहीं इन ट्रेनों के परिचालन का खर्च भी पहले के मुकाबले कम किया जा सकेगा। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरडीएसओ के सिफारिश पर ट्रेन सेट का वजन पहले के मुकाबले कम करने से ट्रेन की गति में तेजी आएगी। 

23Sep-2020

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