मंगलवार, 29 सितंबर 2020

लोकसभा में कम समय में हुआ ज्यादा कामकाज: बिरला

167 फीसदी कामकाज के साथ ऐतिहासिक रहा लोकसभा का मानसून सत्र

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

कोरोना काल के बावजूद जिन परिस्थितियों में संसद का मानसून सत्र चला, उसके बावजूद सरकार और सभी राजनीतिक दलों तथ्ज्ञा अन्य सभी के सहयोग से कम समय में ज्यादा कामकाज हुआ। इसी सहयोगात्मक नीति का नतीजा है कि लोकसभा में इस सत्र के दौरान 167 फीसदी कामकाज हुआ। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक 18 बैठकें निर्धारित थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से दसवें दिन की बैठक के बाद ही कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी। बिरला ने कहा कि लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान सदन के सभी सदस्यों, राजनीतिक दलों और सरकार की तरफ से किए गए सहयोग के कारण 167 फीसदी कामकाज हुआ, जो कि अपने आप में ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान सत्र चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सभी के सहयोग से यह सफल रहा और 11 अध्यादेशों समेत 25 विधेयक पारित किये गये।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोरोना वायरस महामारी के बीच मानसून सत्र के आयोजन को कई अर्थों में 'ऐतिहासिक' बताते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में भी सदस्यों के सक्रिय सहयोग और सकारात्मक भागीदारी के कारण निचले सदन ने कार्य उत्पादकता के नये कीर्तिमान स्थापित किये जो 167 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि यह अन्य सत्रों से अधिक रही। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि लोकसभा की 10 बैठकें बिना अवकाश के हुईं, जिनमें निर्धारित कुल 37 घंटे की तुलना में कुल 60 घंटे की कार्यवाही हुई यानि सभा की कार्यवाही निर्धारित समय से 23 घंटे ज्यादा चली। इसी कारण सत्र में 68 प्रतिशत समय में विधायी कामकाज और शेष 32 प्रतिशत में गैर विधायी कामकाज पूरा कराया गया। ओम बिरला ने कहा कि इस छोटे सत्र के दौरान सांसदों के 2,300 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। इस दौरान 370 मामले शून्यकाल में उठाये गये और 20 सितंबर को शून्यकाल में देर रात तक 88 सदस्यों ने लोक महत्व के विषय उठाए। बिरला ने कहा कि नियम 377 के तहत 181 मामले लोक महत्व के उठाए गए और इनमें अधिकांश में संबंधित मंत्रालय की ओर से उत्तर भी दिये गए, जिनमें 167 स्वास्थ्य मंत्रालय, 150 कृषि मंत्रालय, 111 रेल मंत्रालय और 111 ही वित्त मंत्रालय के सवालों के जवाब शामिल रहे

फिजिकल व डिजिटल सिस्टम प्रभावी

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोरोना संकट के कारण इतिहास में पहली लोकसभा और राज्यसभा की बैठकों के दौरान एक-दूसरे सदनों को सांसदों को छह जगह बैठने की व्यवस्था करके चलाया गया, जिसमें कहीं कोई कमी नजर नहीं आई। मसलन संसद के मानसून सत्र में फिजिकल व डिजिटल यानि दोनों सिस्टम प्रभावी रूप से कामयाब रहे, जिसमें सांसदों के 90 फीसदी प्रश्न ऑनलाइन प्राप्त करके उन्हें ऑनलाइन रूप से ही जवाब दिये गये। बिरला ने दावा किया कि बदली व्यवस्थाओं के बावजूद सदन की बैठकों में किसी भी सदस्य को यह अहसास तक नहीं हुआ कि वे पीठासीन अधिकारी के सामने नहीं हैं।

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आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले मिलेगा नया संसद भवन

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने इस मौके पर कहा कि जब भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब तक देश को अंग्रेजी हकूमत के निर्मित संसद भवन के स्थान पर संसद भवन भवन मिल जाएगा और संभवता वर्ष 2022 का बजट सत्र नए भवन में ही आयोजित किया जाए। संसद भवन के पुराने भवन यानि लुटियन जोन में ही नया संसद बनाया जा रहा है। इस संबन्ध में बिरला ने कहा कि नए संसद भवन की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जिसकी अनुमानित लागत 891.9 करोड़ आंकी गई और इसके निर्माण कार्य को 21 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संसद भवन में केंद्रीय कक्ष करीब 678 स्क्वायर मीटर का है, जबकि नए भवन में लोकसभा हॉल करीब 1340 स्क्वायर मीटर का होगा, जिसका इस्तेमाल संयुक्त सत्र के लिए भी किया जाता रहेगा। 

26 Sep-2020

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