शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

छत्तीसगढ़ के पांच व मध्य प्रदेश के 27 बांधों का भी होगा पुनरुद्धार

तकनीक के जरिए सुरक्षित होंगे देश के खस्ताहाल बांध केंद्र सरकार ने दूसरे और तीसरे चरण की परियोजना को दी मंजूरी सुधार के लिए 736 बांधों में पांच छत्तीसगढ़ व 27 मध्य प्रदेश के बांधों का भी होगा पुनरुद्धार ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। देश में अंग्रेजी हकूमत के खस्ता हाल में आए बांधों की सुरक्षा के लिए तकनीक के जरिए मोदी सरकार की कार्ययोजना में पहले चरण में सात राज्यों के 225 बांधों का पुनरूद्धार किया जा चुका है। सरकार ने अब दो चरणों में 10,211 करोड़ रुपये की लागत से 736 बांधों की मरम्मत और सुधार करने का बीड़ा उठाया है। इस सुधार परियोजना में शामिल बांधों में पांच छत्तीसगढ़ और 27 मध्य प्रदेश के बांध भी शामिल हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल में देश में बांधों की सुरक्षा के लिए गुरुवार को वित्तीय सहायता प्राप्त बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के दूसरे और तीसरे चरण की मंजूरी दी है। इस मंजूरी के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि इन दोनों चरणों के लिए शुरू होने वाली परियोजना में 19 राज्यों व तीन केंद्रीय एजेंसियों के 736 बांधों की सुरक्षा के लिए मरम्मत और सुधार किया जाएगा, जिसके लिए दस वर्षीय परियोजना के तहत 10,211 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। दो चरणों में कार्यान्वित इस परियोजना के लिए चार-चार वर्ष की अवधि तय की गई है, जिसके साथ दो-दो साल का ओवरलैप होगा। उन्होंने बताया कि देश में 5334 बड़े बाधों के साथ भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है और इसके अलावा देश में 411 बड़े बांध निर्माणधीन है। शेखावत ने कहा कि इसके अलावा देश में छोटे और मझौले बांधों की संख्या भी कई हजार है। सूत्रों के अनुसार देश में करीब 4900 विशाल बांधों में 80 फीसदी बांध 25 साल से भी ज्यादा पुराने होने के कारण उनसे बाढ़ और भूकंप जैसी आपदा के खतरे की आशंकाएं बनी रहती है। दरअसल पुराने बांधों का निर्माण बाढ़ और भूकम्प के कुछ तय मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। इसलिए सरकार ने इन बांधों को सुरक्षा के लिहाज से मजबूत करने का फैसला किया है। इससे पहले वर्ष 2017 में शुरू की गई पहले चरण की परियोजना के तहत सात राज्यों झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तराखंड के 225 बांधों के पुनर्वास और सुधार का कार्य पूरा किया जा चुका है। धर्मा बताएगा बांधों की स्थिति केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने देश में बांधों के रखरखावएवं बेहतर कार्यान्वयन की दा में इस परियोजना के तहत ‘डेम हेल्थ एंड रिहाबिलीटेशन मोनिटरिंग एप्लीकेशन’ यानि डीएचएआरएमए मससल धर्मा नाम का एक अतिविशिष्ट सॉफ्टवेयर प्लेटफार्म यानि पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल पर फिलहाल 1500 से भी ज्यादा बांधों के रखरखाव की स्थिति एवं अन्य बिंदुओं पर तकनीकी जानकारियां उपलब्ध है, जिनका विस्तार किया जा रहा है। इसका मकसद इन चयनित बांधों के स्वास्थ्य और सुरक्षा संबन्धी को दूर करके जलाशयों की कार्यविधि को आगे बढ़ाना है। वहीं बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य विभिन्न ठोस उपाय भी किये गये हैं। इन राज्यों में होगा बांधों का पुरुद्धार देश के बांधों की सुरक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के दूसरे चरण में जिन 19 राज्यों व तीन केंद्रीय एजेंसियों के बांधों को शामिल किया गया है, उनमें छत्तीसगढ़ के पांच, मध्य प्रदेश के 27, पंजाब के 12, राजस्थान के 189, उत्तर प्रदेश के 39 और उत्तरखंड, गुजरात व मेघालय के 6-6 बांध शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा 189 बांध राजस्थान और 167 बांध महाराष्ट्र के शामिल हैं। जबकि आंध्र प्रदेश के 31, झारखंड के 35, कर्नाटक के 41, केरल के 28, ओडिशा के 36, तमिलनाडु के 59,, तेलंगाना के 29, पश्चिम बंगाल के नौ, मणिपुर व गोवा के 2-2 बांधों का चयन किया गया है। जबकि केंद्रीय एजेंसियों में दो भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड, पांच दामोदर घाटी निगम और केंद्रीय जल आयोग के बांधों को भी परियोजना का हिस्सा बनाया गया है। 30Oct-2020

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