शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

देश के 30.67 लाख कर्मचारियों को दीवाली बोनस का तोहफा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी उत्पादकता से जुड़े बोनस भुगतान को मंजूरी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उत्पादकता से जुड़े बोनस भुगतान करने को अपनी मंजूरी दी है। इस मंजूरी से 30.67 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और सरकारी खजाने पर 3737 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2019-2020 के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस भुगतान करने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। दीवाली बोनस की घोषणा से 30.67 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और कुल वित्तीय भार 3,737 करोड़ रुपया होगा। वहीं इस निर्णय से रेलवे, डाक, रक्षा, ईपीएफओ, ईएसआईसी, इत्यादि जैसे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के 16.97 लाख अराजपत्रित कर्मचारी लाभान्वित होंगे और वित्तीय भार 2,791 करोड़ रुपया होगा। इसी प्रकार गैर-पीएलबी या एडहॉक बोनस 13.70 लाख अराजपत्रित केन्द्रीय कर्मचारियों को भी दिया जाएगा। इसके लिए सरकार 946 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए इन फैसलों की जानकारी बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में देते हुए बताया कि पिछले साल अराजपत्रित कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के लिए बोनस का भुगतान आमतौर पर दुर्गा पूजा या दशहरा के पर्व से पहले कर दिया जाता था। सरकार अपने अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) और एडहॉक बोनस के तत्काल भुगतान की घोषणा कर रही है। ----------------------------------------------- जम्मू एवं कश्मीर में सेब की खरीद के लिए स्कीम का विस्तार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सत्र यानी 2019-20 में जिस तरह से जम्मू कश्मीर में नियम और शर्तों का पालन किया गया था, उसी तरह वर्तमान सत्र यानी 2020-21 में भी जम्मू एवं कश्मीर में सेब खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दे दी है। सेब की खरीद केंद्रीय खरीद एजेंसी यानी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) द्वारा राज्य नामित एजेंसी योजना और विपणन निदेशालय, बागवानी और जम्मू और कश्मीर बागवानी प्रसंस्करण और विपणन निगम (जेकेएचपीएमसी) के माध्यम से जम्मू एवं कश्मीर के सेब किसानों से सीधे की जाएगी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। इस योजना के तहत 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदे जा सकते हैं। सरकार ने नैफेड को इस अभियान के लिए 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी उपयोग करने की भी अनुमति दी है। इस अभियान में अगर कोई नुकसान होता है तो उसे 50:50 के आधार पर केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच साझा किया जाएगा। पिछले सत्र में गठित नामित मूल्य समिति को इस सीजन के लिए भी सेब के विभिन्न प्रकार और सेब के ग्रेड की कीमत निर्धारण के लिए जारी रखा जाएगा। जम्मू कश्मीर का केन्द्र शासित प्रशासन निर्दिष्ट मंडियों में मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करेगा। खरीद प्रक्रिया के सुचारू और निरंतर कार्यान्वयन की निगरानी केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति द्वारा की जाएगी और केन्द्र शासित स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यान्वयन और समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। ---------------- जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम को मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम-1989 को लागू करने की दी गई मंजूरी की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोग अब चुनाव से अपने प्रतिनिधि चुन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद भारत के कई जन कल्याण के कानून वहां लागू होना शुरू हो गए हैं। पिछले सप्ताह ही त्रिस्तरीय पंचायत समिति का कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गया। यही तो कश्मीर पर अन्याय था। जन कल्याण के अनेक कानून भारत में होकर भी लागू नहीं होते थे, लेकिन आज उस निर्णय पर मुहर लग गई है। उन्होंने कहा कि यह कानून लागू होने से केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी। लोगों के हाथ में सत्ता आएगी। कश्मीर का एक दुख था कि सत्ता लोगों के पास नहीं चंद लोगों के पास थी। अब वह आम जनता के पास आ गई है। यह बहुत बड़ा बदलाव है। जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस बदलाव का स्वागत करेंगे। 22Oct-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें